Chitra Varnan: जानिए चित्र वर्णन की परिभाषा, उदाहरण आदि

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Chitra Varnan

अक्सर हम तस्वीरों को देखकर उसके बारे में एक कहानी सी बना लेते है या किसी दृश्य को देखकर उसके बारे में वर्णन करने लगते हैं, इसे ही Chitra Varnan कहते है। इस ब्लॉग में chitra varnan की परिभाषा, विशेषताएं और अलग-अलग कक्षाओं में पूछे जाने प्रश्न आदि दिए गए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि चित्र वर्णन क्या होता है।

चित्र वर्णन की परिभाषा

Chitra Varnan का अर्थ किसी भी चित्र को देखकर उससे संबंधित मन में जो भी भाव उठते हैं, उसे अभिव्यक्त करना है। चित्र वर्णन का दूसरे शब्दों में यह भी अर्थ होता है कि चित्र को देखकर उसमें दिख रही क्रियाओं, स्थितियों और भावों का वर्णन करना। चित्र वर्णन को सरल शब्दों में कहा जाए तो चित्र को देखकर उसे अपने शब्दों में प्रस्तुत करना ही चित्र वर्णन है।

चित्र वर्णन के लाभ

Chitra Varnan के मुख्य लाभ नीचे दिए गए हैं-

  1. चित्र-वर्णन से वस्तुओं और दृश्यों को समझने की क्षमता का विकास होता है।
  2. चित्र-वर्णन करने से कल्पना शक्ति का भी साथ में विकास होता है।
  3. चित्र-वर्णन से अपने विचारों को अलग प्रकार की विचारधारा से लिखने की प्रतिभा का विकास होता है।
  4. भाषा लेखन में भी विकास होता है।

चित्र वर्णन कैसे करें?

Chitra Varnan करने के लिए अपनी सोच को क्रिएटिव करने की ज़रूरत होती है, क्योंकि अपने भावों और विचारों को जितना अच्छे से हम बता पाते हैं उतना ही अच्छा हमारा Chitra Varnan होता है। नीचे जानिए यह कैसे करते हैं-

  1. पहले चित्र को अच्छी तरह से देख लेना चाहिए।
  2. जो भी बातें आपको चित्र के अंदर दिख रही हों उन्हें सबसे पहले अलग से लिख लेना चाहिए।
  3. यदि किसी भी प्रकार के चित्र में व्यक्ति दिखाई दे रहे हों तो उनके चेहरों के भावों को पहले अच्छे से समझें और उसके आधार पर सुख-दुःख आदि भावनाओं को व्यक्त करना चाहिए।
  4. यदि किसी भी चित्र के अंदर महापुरुष या चर्चित व्यक्ति का चित्र हो तो उस व्यक्ति के प्रति निजी विचारों और उनसे संबंधित भावों को प्रस्तुत किया जा सकता है।
  5. वाक्य रचना करते समय अपनी भाषा को प्रभावशाली बनाने के लिए उसके अंदर उक्तियों, मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग करना चाहिए।
  6. चित्र-वर्णन करते समय इस बात का सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए कि आपके सभी वाक्य चित्र से संबंधित होने चाहिए।
  7. चित्र-वर्णन में कभी भी अनावश्यक बातों के बारे में नहीं लिखना चाहिए।
  8. चित्र-वर्णन कभी भी ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए, केवल 25-से-30 शब्दों तथा 7-8 वाक्यों में ही पूरे चित्र का वर्णन हो जाना चाहिए।
  9. चित्र में जितनी भी और कोई भी चीजें दिख रही हों सभी के बारे में वर्णन होना चाहिए।
  10. यदि चित्र के अंदर चित्र के साथ शब्द भी दे रखे हों तो उन सभी शब्दों का भी प्रयोग आपके वाक्यों में करना अनिवार्य है।
  11. वाक्य रचना करते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें  कि आप केवल वर्तमान समय में ही वाक्य रचना करें।
  12. पहले वाक्य में चित्र के बारे में यह बताएँ कि ‘दृश्य किसका है’ और अगले वाक्य में चित्र के बारे में यह बताएं कि ‘दृश्य में क्या-क्या हो रहा है’।

यह पढ़ें: निबंध लेखन

चित्र-वर्णन के कुछ उदाहरण जानिए

chitr varnan
source – Panchatantra kahani

यह चित्र रेलवे प्लेटफॉर्म का है। इस चित्र मेंं एक रेलगाड़ी खड़ी दिख रही है। इसके अलावा इसमें दो कुली सर पर सामान रख कर हाथ में अटैची पकड़े चलते दिख रहे हैं। जिस व्यक्ति का सामान हैं वह उनके साथ चल रहा है। वहीं एक बच्चा हाथ में अखबार लिए उनको बेच रहा है। दूसरी ओर एक बच्चा अपनी बूट-पॉलिश की दुकान खोल कर एक व्यक्ति के जूते पॉलिश कर रहा है। जिस व्यक्ति के जूते पॉलिश किए जा रहे हैं वह अखबार पढ़ रहा है। किनारे पर एक कूड़ेदान रखा हुआ है, परन्तु कूड़ा इधर-उधर पड़ा हुआ है। इस दृश्य में दो ऐसी बातें हैं, जैसे – बाल श्रम और गंदगी, जो तब तक हल नहीं हो सकती जब तक प्रत्येक नागरिक इस ओर कार्य करना अपना कर्तव्य न समझें।    

chitr varnan
source – Panchatantra kahani

यह दृश्य एक उद्यान का है। यहाँ किसी विद्यालय के बच्चे और अध्यापक विद्यालय की ओर से पिकनिक मनाने आए हैं। एक अध्यापक बच्चों के खाने के लिए लाए सामान को स्कूल बस से ला रहे है और एक अध्यापिका हाथ में फलों की टोकरी लिए एक बालिका को कुछ बता रही हैं। दो बच्चे सामान रखने में अध्यापकों की मदद कर रहे हैं और कुछ गेंद के साथ खेल रहे हैं। बच्चे बहुत खुश लग रहे हैं। इस तरह विद्यालय द्वारा बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ दूसरी गतिविधियों में भी शामिल करना बच्चों के सर्वांगीण विकास में बहुत मदद करता है।

chitr varnan
source – Panchatantra kahani

यह दृश्य प्रातः काल सूर्योदय का है। आसमान का रंग सूर्य की लालिमा लिए हुए एक अनूठी छठा बिखेर रहा है। कुछ पक्षी उड़ रहे हैं और कुछ पेड़ की डाल पर बैठे हुए हैं। दो घर दिखाई दे रहे हैं, जिनके आगे सुंदर फूलों के पौधे हैं। सामने कुआं है, जिसके पास बड़ा सा पेड़ है। दो स्त्रियां सर पर घड़े रखकर कुँए से पानी भरने जा रही हैं। चरवाहा भेड़ों को चराने के लिए ले जा रहा है। पूरा दृश्य मनमोहक छठा बिखेर रहा है। प्रातः काल का समय सबसे उत्तम समय माना जाता है। प्रात:काल में भ्रमण करने से मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

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source – Panchatantra kahani

यह दृश्य किसी महानगर के चौराहे का है। लाल बत्ती होने के कारण गाड़ियां रुकी हुई हैं। फुटपाथ पर एक बच्चा एक वृद्ध महिला को सड़क पार करवा रहा है। एक व्यक्ति अपने स्कूटर को आधे फुटपाथ पर ले आया है। यह नियम के विरुद्ध है। यातायात के लिए बनाए गए नियमों का पालन न करने से ही दुर्घटनाएँ होती हैं। कुछ लोग हरी बत्ती होने का इन्तजार नहीं करते और गाड़ी दौड़ा कर ले जाते हैं। ऐसा करते समय गाड़ियां परस्पर टकरा जाती हैं और दुर्घटना हो जाती है। अतः वाहन चलाते समय यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए।

Source –
Blueprint Digital

यह कुछ अभ्यास प्रश्न

नीचे कई चित्र दिए गए आप इनकी व्याख्या लिखकर चित्र वर्णन का अभ्यास कर सकते हैं-

Chitra Varnan
Source : Pinterest
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Chitra Varnan
Source : Pinterest
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चित्र वर्णन की Worksheet

chitra varnan
Source : Pinterest

FAQs

चित्र वर्णन कैसे करें?

1. चित्र को दो-तीन बार ध्यान से देखना चाहिए।
2. चित्र के मूलभाव को समझने का प्रयास करना चाहिए।
3. चित्र में समाहित कथ्य का प्रारूप तैयार करना चाहिए।
4. लिखने से पूर्व विचारों को चित्र के अनुसार क्रमबद्ध कर लेना चाहिए।
5. वाक्य छोटे, सरल और विषयानुकूल होने चाहिए।

चित्र वर्णन मेंं वाक्य कैसे लिखने चाहिए?

वाक्य अधिक छोटे भी नहीं होने चाहिए । चित्र का वर्णन box में दिए गए शब्दों की सहायता से ही करना चाहिए।बॉक्स के शब्दों का प्रयोग चित्र के अनुसार ही करना चाहिए। चित्र को ध्यान में रखकर शब्दों के लिंग, वचन और पुरुष में परिवर्तन किया जा सकता है।

चित्र रचना के नियम कौन कौन से हैं?

चित्रों का निर्माण करते समय उनमें स्पष्टता, सुन्दरता, आकर्षण तथा यथार्थता होनी चाहिए। चित्र बनाने से पहले स्थान व अंकित सूचना के अनुसार मापदण्ड निश्चित कर लेना चाहिए और उसे कागज की माप के अनुसार होना चाहिए।

चित्र वर्णन क्या है?

Chitra Varnan का अर्थ किसी भी चित्र को देखकर उससे संबंधित मन में जो भी भाव उठते हैं उसे अभिव्यक्त करना है। चित्र वर्णन का दूसरे शब्दों में यह भी अर्थ होता है कि चित्र को देखकर उसमें दिख रही क्रियाओं, स्थितियों और भावों का वर्णन करना।

उम्मीद है कि Chitra Varnan के इस ब्लॉग से आपको जानकारी मिल गई होगी। यदि आप विदेश में पढ़ना चाहते हैं तो आज ही Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट्स का फ्री सेशन 1800 572 000 पर कॉल करके बुक करें।

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