चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही अगला चरण है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। इसमें एक प्रणोदन मॉड्यूल, एक लैंडर और एक रोवर होगा। चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 चंद्रमा मिशन लॉन्च किया है। चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम के 23 अगस्त की शाम करीब 5.47 बजे चांद पर लैंड करने की उम्मीद है। हालांकि, कई फैक्टर्स के चलते इसमें बदलाव हो सकता है। अंत तक पढ़ें और जानें Chandrayaan 3 Kisne Banaya के विषय में विस्तार से।
Chandrayaan 3 Kisne Banaya : चंद्रयान 3 के पीछे की टीम
आईये जानते हैं चंद्रयान 3 मिशन के पीछे के वैज्ञानिक के बारे में। ये मुख्य ताकतें हैं जिनके कारन ऐसी असाधारण उपलब्धि से भारत गौरवान्वित हुआ है। नीचे दी गई शख्सियतों के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक पूरी टीम इस मिशन पर काम कर रही है। आईये जानें चंद्रयान 3 के पीछे की टीम के कुछ मुख्य नाम।
एस सोमनाथ, इसरो चेयरमैन
इसरो प्रमुख को चंद्रमा के महत्वाकांक्षी मिशन के पीछे का दिमाग माना जाता है। उन्हें गगनयान (चालक दल मिशन) और आदित्य-एल1 (सूर्य के लिए मिशन) सहित कई अन्य मिशनों को तेजी से पूरा करने का श्रेय भी दिया गया है।
पी वीरमुथुवेल, प्रॉजेक्ट डायरेक्टर
पी वीरमुथुवेल ने 2019 में चंद्रयान -3 परियोजना निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला। अपने वर्तमान कार्यभार से पहले, उन्होंने इसरो मुख्यालय में स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोग्राम कार्यालय में उप निदेशक के रूप में कार्य किया।
एस. उन्नीकृष्णन नायरविक्रम, साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक
जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) मार्क-III, जिसे लॉन्च व्हीकल मार्क-III, रॉकेट नाम दिया गया था, को केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के थुंबा में विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) द्वारा विकसित किया गया था। एस उन्नीकृष्णन नायर और उनकी टीम महत्वपूर्ण मिशन के विभिन्न प्रमुख कार्यों के प्रभारी हैं।
ए राजराजन
ए राजराजन श्रीहरिकोटा में भारत के मुख्य अंतरिक्ष बंदरगाह SDSC SHAR के निदेशक हैं। यह LAB के अध्यक्ष भी हैं, जो लॉन्च के लिए हरी झंडी देते हैं। वह कंपोजिट के विशेषज्ञ हैं और उन्होंने गगनयान और एसएसएलवी सहित इसरो की बढ़ती लॉन्च जरूरतों के लिए ठोस मोटर्स और लॉन्च बुनियादी ढांचे की तैयारी सुनिश्चित की है।
एम संकरन
यह उपग्रह डिज़ाइन और विकास के लिए भारत के अग्रणी केंद्र यूआरएससी के निदेशक। इन्होनें जून 2021 में कार्यभार संभाला और संचार, नेविगेशन, रिमोट सेंसिंग, मौसम विज्ञान और अंतर-ग्रहीय अन्वेषण में भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपग्रह टीम का नेतृत्व कर रहे हैं।
चयन दत्ता
चंद्रयान 3 के लिए उप परियोजना निदेशक और ऑन बोर्ड कमांड टेलीमेट्री, डेटा हैंडलिंग और स्टोरेज सिस्टम के नेता। वह असम के वैज्ञानिक/इंजीनियर हैं जो चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण नियंत्रण का नेतृत्व करेंगे।
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