मयंक विश्नोई

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लेखन एक ऐसी कला है, जो भावनाओं के भवसागर में गोते लगाने वाले कवियों के अस्तित्व का आधार होती है। कविकुल की धरोहर कहे जाने वाले कवियों को पढ़कर अपने सपनों को नई उड़ान देने वाले "मयंक विश्नोई", पिछले 6 वर्षों से लेखन की दुनिया में सक्रिय हैं और अपने लेखों, कोट्स और कविताओं के माध्यम से पाठकों से एक गहरा संबंध बना चुके हैं। वे कविकुल का वो नन्हा पौधा हैं, जो कई तूफानों का सामना करने के बाद आज धीरे-धीरे एक वृक्ष का स्वरुप ले रहा है। अनुभव के तौर पर इनकी पहली प्रकाशित काव्य पुस्तक 'सिंदूरी' है, जो नारी सशक्तिकरण और महिलाओं के नारीत्व गुण को समर्पित है। वर्तमान में "मयंक विश्नोई" स्टूडेंट फर्स्ट यानि छात्रहित सर्वोपरि के संकल्प के साथ Leverage Edu में बतौर 'कंटेंट राइटर' कार्यरत हैं। यहाँ इन्होने दिल की गहराइयों से निकलने वाली भावनाओं को शब्दों के ज़रिए असंख्य लोगों तक पहुँचाया है। इनका मानना है कि "शब्दों में वो ताक़त होती है जो ना बोल पाने वालों की भी आवाज़ बन सकते हैं।" यही कारण है कि इनकी रचनाएं हर उम्र, हर वर्ग और हर भावना को छू जाती हैं। देवभूमि उत्तराखंड में जन्में "मयंक विश्नोई", एक प्रकृति प्रेमी हैं। तभी वे निज जीवन में साकारत्मक दृष्टिकोण और श्रीमद्भागवत गीता में दिए कर्म फल सिद्धांत को अधिक महत्व देते हैं। वे अपने सामान्य ज्ञान और जीवन के अनुभवों के आधार पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों का मार्गदर्शन करने में भी सक्षम हैं। पहचान: भारतीय लेखक । प्रकाश परिवर्तन का, संस्कार समर्पण का। -✍🏻मयंक विश्नोई