Surya Shabd Roop : जानिए सूर्य शब्द रूप हिंदी अर्थ के साथ, वाक्य और ट्रिक

1 minute read
Surya Shabd Roop

क्या आपके संस्कृत के अध्यापक ने कभी आपको Surya Shabd Roop लिखने या कक्षा में सुनाने के लिए कहा है? या आपने उन्हें ये कहते सुना है कि सूर्य शब्द रूप बहुत महत्वपूर्ण है। Surya Shabd Roop छोटी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक पूछा जाता है क्योंकि यह संस्कृत की नींव है। आपको बता दें कि इससे जुड़े हुए प्रश्न कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। Shabd Roop के जरिए हम किसी भी शब्द का प्रयोग सही ढंग से कर सकते हैं और उसका अर्थ सही ढंग से समझ भी सकते हैं। इस ब्लॉग में Surya Shabd Roop संस्कृत में हिंदी अर्थ के साथ, शब्द रूप किसे कहते हैं?, शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?, सूर्य शब्द रूप कैसे याद करें? जानेंगें।

अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द

सूर्य शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा का रूप है। जो शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा के होते हैं उनके शब्द रूप एक प्रकार से ही बनते हैं।

अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द :– वह शब्द जिनका लिंग पुल्लिंग हो तथा उनका उच्चारण करने पर अंत में अ स्वर की ध्वनि निकलती हो, उसे अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द कहते हैं।

अकारांत पुल्लिंग संज्ञा के उदाहरण : राम, ब्राह्मण, वृक्ष, क्षत्रिय, शूद्र, बालक, सुर, सूर्य, मानव, ईश्वर, दिवस, छात्र, लोक, भक्त, शिष्य, आदि सभी शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा हैं।

शब्द रूप किसे कहते हैं?

जैसा कि हम उच्चारण से समझ सकते हैं शब्द रूप अर्थात एक शब्द के विभिन्न रूप होते हैं। शब्द रूप की परिभाषा यह है कि शब्द के विभिन्न विभक्तियों में होने वाले परिवर्तन को शब्द रूप कहते हैं। विभक्ति और वचन अनुसार इनमें होने वाले परिवर्तन के आधार पर इनका प्रयोग निर्धारित होता है।

शब्द रूप व्याकरण का एक महत्वपूर्ण विषय है, इसे याद करने से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि किसी शब्द का प्रयोग किस प्रकार किया जाता है।

शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?

शब्द रूपों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है-

  • विकारी शब्द रूप: विकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप बदलते हैं।
  • अविकारी शब्द रूप: अविकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप नहीं बदलते हैं।

सूर्य शब्द रूप (Surya Shabd Roop)

सूर्य शब्द रूप (Surya Shabd Roop) समझ लेने से संस्कृत में वचन के अनुसार वाक्यों में इसका प्रयोग करना आसान हो जाता है।

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमासूर्यःसूर्यौसूर्याः
द्वितीयासूर्यम्सूर्यौसूर्यान्
तृतीयासूर्येनसूर्याभ्याम्सूर्यैः
चतुर्थीसूर्यायसूर्याभ्याम्सूर्येभ्यः
पंचमीसूर्यात्सूर्याभ्याम्सूर्येभ्यः
षष्‍ठीसूर्यस्यसूर्ययोःसूर्यानाम्
सप्‍तमीसूर्येसूर्ययोःसूर्येषु
सम्बोधनहे सूर्य!हे सूर्यौ!हे सूर्याः!
सूर्य शब्द रूप

Surya Shabd Roop हिंदी अर्थ के साथ (Surya Shabd Roop with Meaning)

संस्कृत अगर आप बेसिक से शुरू कर रहे हैं तो आपको न सिर्फ सूर्य के शब्द रूप समझने की जरूरत है बल्कि आपको इनके हिंदी अर्थ भी पता होने चाहिए ताकि आप वाक्य में इसका प्रयोग ठीक प्रकार से कर पाएं और साथ ही उसका हिंदी अर्थ समझ पाएं। Surya Shabd Roop हिंदी अर्थ के साथ (Surya shabd roop with meaning) नीचे दिया गया है-

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमासूर्यः (सूर्य, सूर्य ने)सूर्यौ (दो सूर्यों, दो सूर्यों ने)सूर्याः (अनेक सूर्यों, अनेक सूर्यों ने)
द्वितीयासूर्यम् (सूर्य को)सूर्यौ (दो सूर्यों को)सूर्यान् (अनेक सूर्यों को)
तृतीयासूर्येन (सूर्य से, सूर्य के द्वारा)सूर्याभ्याम् (दो सूर्यों से, दो सूर्यों के द्वारा)सूर्यैः (अनेक सूर्यों से, अनेक सूर्यों के द्वारा)
चतुर्थीसूर्याय (सूर्य को, सूर्य के लिए)सूर्याभ्याम् (दो सूर्यों को, दो सूर्यों के लिए)सूर्येभ्यः (अनेक सूर्यों को, अनेक सूर्यों के लिए)
पंचमीसूर्यात्/सूर्याद् (सूर्य से)सूर्याभ्याम् (दो सूर्यों से)सूर्येभ्यः (अनेक सूर्यों से)
षष्‍ठीसूर्यस्य (सूर्य का, सूर्य के, सूर्य की)सूर्ययोः (दो सूर्यों का, दो सूर्यों के, दो सूर्यों की)सूर्यानाम् (अनेक सूर्यों का, अनेक सूर्यों के, अनेक सूर्यों की)
सप्‍तमीसूर्ये (सूर्य में, सूर्य पर)सूर्ययोः (दो सूर्यों में, दो सूर्यों पर)सूर्येषु (अनेक सूर्यों में, अनेक सूर्यों पर)
सम्बोधनहे सूर्य! (हे सूर्य!)हे सूर्यौ! (हे दो सूर्यों!)हे सूर्याः! (हे अनेक सूर्यों!)

सूर्य शब्द के रूप कैसे याद करें?

सूर्य शब्द रूप को या किसी भी सूर्य शब्द रूप की तरह अकारान्त पुल्लिंग को एक आसान तरीके से याद कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमा:आः
द्वितीयाम्आन्
तृतीयायेनभ्याम्ऐः
चतुर्थीआयभ्याम्एभ्यः
पंचमीआत्भ्याम्एभ्यः
षष्‍ठीस्ययोःआनाम्
सप्‍तमीयोःएषु
सम्बोधनहे सूर्य!हे सूर्यौ!हे सूर्याः!

आप ऊपर दी गई टेबल के माध्यम से शब्द के अंत में उपरोक्त प्रत्यय लगाकर शब्द रूप लिख सकते हैं। यदि आप सूर्य शब्द रूप को याद करना चाहते हैं, तो आपको लिखकर अभ्यास करना चाहिए।

सूर्य शब्द से बनने वाले वाक्य संस्कृत में हिंदी अर्थ के साथ

सूर्य शब्द से बनने वाले कुछ वाक्य संस्कृत में हिंदी अर्थ के साथ नीचे दिए गए हैं –

सूर्य पर वाक्य हिंदी मेंसंस्कृत अनुवाद
हमें सूर्य से विटामिन डी मिलता है।वयं सूर्यात् विटामिन-डी प्राप्नुमः।
सूर्य आकाश में सबसे बड़ा दिखने वाला पिंड है।सूर्यः आकाशे बृहत्तमः दृश्यमानः पिण्डः अस्ति ।
सूर्य के निकलने से पहले मुझे बाहर जाना है।सूर्यस्य उदयात् पूर्वं मया बहिः गन्तव्यम्।
सूर्य की पूजा कई संस्कृतियों में की जाती है।सूर्यः अनेकसंस्कृतौ पूज्यते।
सूर्य पूर्व दिशा से निकलता है।पूर्वतः सूर्योदयः।

संबंधित आर्टिकल

उम्मीद है आप सभी को Surya Shabd Roop समझ आए होंगे। संस्कृत व्याकरण के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*