वर्तमान समय में मेडिकल इंडस्ट्री एक ऐसी फ़ास्ट ग्रोइंग फील्ड है, जिसका हिस्सा बनकर आप समाज की सेवा के साथ-साथ अपना अच्छा करियर बना सकते हैं। इस फील्ड में करियर बनाने के लिए आप फार्मेसी कोर्स जैसे – बी.फार्मेसी या डी.फार्मेसी आदि का चयन कर सकते हैं, जो आज के समय में मेडिकल और हेल्थ सेक्टर में लोकप्रिय और करियर-ओरिएंटेड कोर्सेज हैं। फार्मेसी कोर्स में आप केवल दवाइयाँ बेचना नहीं सीखते हैं, बल्कि इसमें आप रिसर्च, क्लीनिकल स्टडी, हेल्थकेयर इंडस्ट्री के बारे में भी सीख सकते हैं। इस गाइड में आपके लिए फार्मेसी कोर्स के प्रकार, अवधि और संरचना, आवश्यक योग्यता और सिलेबस की जानकारी दी गई है, जो आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है।
This Blog Includes:
- फार्मेसी कोर्स क्या है?
- फार्मेसी कोर्स के प्रकार
- फार्मेसी कोर्स क्यों चुनें?
- कोर्स की अवधि और संरचना
- फार्मेसी कोर्स के लिए आवश्यक योग्यता
- फार्मेसी कोर्स की अनुमानित फीस
- फार्मेसी कोर्स के लिए सिलेबस
- फार्मेसी कोर्स के लिए आवश्यक दस्तावेज
- फार्मेसी कोर्स के लिए कॉलेज
- फार्मेसी कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया
- अंतर्राष्ट्रीय कॉलेज/यूनिवर्सिटीज से फार्मेसी कोर्स
- फार्मेसी कोर्स करने के बाद करियर स्कोप
- फार्मेसी कोर्स करने के बाद मिलने वाली सैलरी
- फार्मेसी कोर्स के लिए आवश्यक कौशल और स्किल डेवलपमेंट
- फार्मेसी कोर्स में सामने आने वाली चुनौतियाँ और समाधान
- FAQs
फार्मेसी कोर्स क्या है?
फार्मेसी एक ऐसा प्रोफेशनल कोर्स है जो दवाओं के निर्माण, उनकी क्वालिटी, इस्तेमाल और रिसर्च से जुड़ा होता है। इस कोर्स में छात्र दवाओं की संरचना, उनके साइड इफेक्ट्स और सुरक्षित उपयोग से संबंधित गहराई से जानकारी हासिल करते हैं। आज के समय में फार्मेसी न केवल डॉक्टरों और मरीजों के बीच एक अहम कड़ी है, बल्कि हेल्थकेयर सेक्टर में करियर बनाने का बेहतरीन विकल्प भी है। इसलिए आप भी इस कोर्स के माध्यम से अपने करियर को नई शेप दे सकते हैं।
विज्ञान स्ट्रीम से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए फार्मेसी कोर्स बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं, इन कोर्सेज को करने के बाद स्टूडेंट्स हेल्थकेयर सेक्टर में अपना सुनहरा भविष्य बना सकते हैं। भारत में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) द्वारा इन कोर्सेज को नियंत्रित और सुनिश्चित किया जाता है।
फार्मेसी कोर्स के प्रकार
फार्मेसी कोर्स मुख्य रूप से निम्लिखित प्रकार के होते हैं –
- डिप्लोमा इन फार्मेसी (D Pharma)
- बैचलर ऑफ फार्मेसी (B Pharma)
- मास्टर ऑफ फार्मेसी (M Pharma)
- डॉक्टर ऑफ फार्मेसी (Pharm D)
| कोर्स | पात्रता (एलिजिबिलिटी) | अवधि | मुख्य विषय / कोर्स कंटेंट |
| D.Pharm | 12वीं (PCB या PCM) में न्यूनतम अंक 50% के लिए आवेदन कर सकते हैं। | लगभग 2 साल | फार्मेसी बेसिक्स, फार्मा केमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी, स्टोर मैनेजमेंट |
| B.Pharm | 12वीं (फिजिक्स + केमिस्ट्री + बायोलॉजी/मैथ्स), आमतौर पर न्यूनतम अंक 50% के लिए आवेदन कर सकते हैं। | 4 साल (8 सेमेस्टर) | फार्मास्यूटिक्स, मेडिसिनल केमिस्ट्री, मानव शरीर रचना, क्वालिटी कंट्रोल, हर्बल ड्रग्स |
| Pharm.D | B.Pharm (कुछ संस्थानों में) या 12वीं + अन्य योग्यताएं (कॉलेज के अनुसार) | लगभग 6 साल (कुछ पाठ्यक्रमों में) | क्लीनिकल फार्मेसी, रोग-उपचार, फार्मासूटिकल थेरेपेटिक्स, अस्पताल फार्मेसी |
| M.Pharm | किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से न्यूनतम अंकों 50% के साथ B.Pharm ग्रेजुएशन की डिग्री अनिवार्य है। | लगभग 2 साल (4 सेमेस्टर) | विशेषज्ञता जैसे फ़ार्मास्युटिकल एनालिसिस, बायोटेक्नोलॉजी, क्वालिटी अस्शोरेंस, ड्रग रेगुलेशन आदि। |
फार्मेसी कोर्स क्यों चुनें?
फार्मेसी कोर्स करने के बाद छात्रों के पास अस्पताल और दवा कंपनियों में काम करने के अवसर बढ़ जाते हैं। फार्मेसी कोर्स को क्यों चुनना चाहिए, इसके लिए निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें –
- इसके साथ ही इस कोर्स के माध्यम से छात्र नई तकनीक से भी जुड़ पाते हैं और तेजी से बढ़ती हेल्थकेयर इंडस्ट्री में फार्मासिस्ट के रूप में अपना करियर सवार सकते हैं।
- इस कोर्स को करने के बाद आप हॉस्पिटल फार्मासिस्ट, कम्युनिटी फार्मासिस्ट, ड्रग कंट्रोल अधिकारी, रिसर्चर, क्वालिटी कंट्रोल एक्सपर्ट आदि बन सकते हैं।
- फार्मेसी कोर्स करने के बाद आपको दवा कंपनियों, हॉस्पिटल्स, क्लीनिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन आदि में फार्मासिस्टों के रूप में अपना करियर शुरू कर सकते हैं।
- फार्मेसी कोर्स करने के बाद दवाइयों की सुरक्षा, मरीजों की देखभाल एवं सही डोज जानकारी देकर आप हेल्थकेयर सिस्टम में योगदान दे सकते हैं।
- फार्मेसी कोर्स के माध्यम से आप स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, इस दौरान आप मरीजों का ध्यान रखना सीख सकते हैं।
- फार्मेसी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आपका निरंतर विकास होता है, साथ ही इस कोर्स में आप नई दवाओं और उपचारों के बारे में लगातार सीख सकते हैं।
कोर्स की अवधि और संरचना
फार्मेसी कोर्स की अवधि और संरचना को समझने के लिए निम्नलिखित तालिका को ध्यानपूर्वक पढ़ें –
| कोर्स का नाम | कोर्स की अवधि | कोर्स की संरचना |
| डिप्लोमा इन फार्मेसी (D Pharma) | 2 साल | यह एक डिप्लोमा लेवल का प्रोग्राम है, जिसमें मुख्य रूप से 4 सेमेस्टर होते हैं। इसमें 500 घंटे का व्यावहारिक प्रशिक्षण छात्रों को प्रदान किया जाता है। |
| बैचलर ऑफ फार्मेसी (B Pharma) | 4 साल | यह एक ग्रेजुएशन डिग्री का प्रोग्राम है, जिसे मुख्य रूप से 8 सेमेस्टर में विभाजित किया जाता है। |
| मास्टर ऑफ फार्मेसी (M Pharma) | 2 साल | यह एक पोस्ट-ग्रेजुएशन प्रोग्राम है, जिसमें छात्र विभिन्न स्पेशलाइज़ेशन (जैसे फार्माकोलॉजी, फ़ार्मास्यूटिक्स, आदि) में व्यापक ज्ञान और रिसर्च स्किल्स प्रदान करता है। |
| डॉक्टर ऑफ फार्मेसी (Pharm D) | 6 साल | यह एक डॉक्टरेट लेवल का इंटीग्रेटेड प्रोग्राम है, जिसमें 5 साल का अध्ययन और 1 साल की अनिवार्य क्लिनिकल इंटर्नशिप शामिल होती है। |
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फार्मेसी कोर्स के लिए आवश्यक योग्यता
फार्मेसी कोर्स आज के समय में मेडिकल और हेल्थकेयर सेक्टर में सबसे तेजी से बढ़ते करियर विकल्पों में से एक है। अगर आप दवाओं, हेल्थ साइंस और रिसर्च से जुड़े क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो इस कोर्स को करने के लिए निम्नलिखित प्रवेश योग्यताएं अनिवार्य हैं –
- डिप्लोमा इन फार्मेसी (D Pharma) कोर्स करने के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी/मैथ्स) से उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
- इसके साथ ही इस कोर्स में एडमिशन के लिए कई अधिकांश कॉलेजों में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक आवश्यक होते हैं, जबकि कुछ संस्थानों में आरक्षित वर्ग के लिए छूट दी जाती है।
- बैचलर ऑफ फार्मेसी (B Pharma) कोर्स में प्रवेश के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड 10+2 (कक्षा 12वीं) या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। इसमें प्रवेश के लिए छात्रों को 12वीं की परीक्षा में साइंस स्ट्रीम में उत्तीर्ण होना जरूरी होता है। इसमें आपके पास फिजिक्स, केमेस्ट्री के साथ ही जीव विज्ञान (बायोलॉजी) या गणित में से कोई एक विषय होना चाहिए।
- इस कोर्स में प्रवेश पाने के लिए आपको कुछ प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट (GPAT), राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाएं जैसे – MHT CET, UPSEE, KCET आदि से होकर गुजरना पड़ सकता है।
- M Pharma के लिए आमतौर पर मान्यता प्राप्त संस्थान से B Pharma (बैचलर ऑफ फार्मेसी) डिग्री होना जरुरी है। साथ ही इसके लिए स्टूडेंट्स के ग्रेजुएशन डिग्री में न्यूनतम 50-60% अंक होने आवश्यक होते हैं, हालांकि यह प्रतिशत विभिन्न कॉलेजों के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।
- डॉक्टर ऑफ फार्मेसी (Pharm D) एकमात्र ऐसी डॉक्टरेट डिग्री है, जिसे किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण करने के तुरंत बाद प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही इसके लिए स्टूडेंट्स के 10+2 में न्यूनतम 60% मार्क्स होने अनिवार्य होते हैं।
प्रवेश प्रक्रिया
फार्मेसी कोर्स के लेवल (B.Pharma, M.Pharma और Pharm.D) के अनुसार यूँ तो हर प्रवेश प्रक्रिया थोड़ी भिन्न-भिन्न हो सकती है, लेकिन यहाँ आपके लिए एक कॉमन प्रवेश प्रक्रिया दी गई है जिससे आप फार्मेसी में प्रवेश प्रक्रिया का एक आईडिया लगा सकेंगे –
- संबंधित कोर्स में प्रवेश पाने के लिए आप सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना ऑनलाइन आवेदन करें।
- यदि प्रवेश के लिए निर्धारित तिथि पर प्रवेश परीक्षा को पास करना अनिवार्य है तो आप भी इसका हिस्सा बनें।
- परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद मेरिट लिस्ट जारी होते ही आप अपनी काउंसलिंग प्रक्रिया का इंतज़ार करें। काउंसलिंग के दौरान ही आपको रैंक के आधार पर कॉलेज और सीटों का आवंटन किया जाता है।
- यदि किसी संस्थान में सीधे प्रवेश की प्रक्रिया है तो आप इसके लिए अपने आवश्यक दस्तावेज जैसे – 10वीं और 12वीं कक्षा की मार्कशीट और प्रमाण पत्र, प्रवेश परीक्षा का स्कोरकार्ड (यदि लागू हो), स्थानांतरण प्रमाण पत्र (TC) और चरित्र प्रमाण पत्र (CC), पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, आदि), पासपोर्ट आकार के फोटो, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) आदि को जमा करें।
- अंत में सीट आवंटित होने के बाद आप अपने दस्तावेज़ों का सत्यापन करें और प्रवेश शुल्क जमा करें।
प्रवेश परीक्षाएं
फार्मेसी कोर्स को करने के लिए आप निम्नलिखित प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से अपनी पसंदीदा यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं, हालाँकि कई प्राइवेट संस्थान इसके लिए आवेदन प्रक्रिया को मेरिट के आधार पर पूरी करते हैं –
| परीक्षा का नाम | संचालन स्तर | परीक्षा की विधि | प्रश्नों का प्रकार | अनुभाग/विषय | परीक्षा की अवधि |
| GPAT (ग्रेजुएट फ़ार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट) | राष्ट्रीय (NTA द्वारा) | कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) | बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) | फ़ार्मास्यूटिक्स, फ़ार्मास्युटिकल केमिस्ट्री, फ़ार्माकोग्नोसी, फार्माकोलॉजी, आदि (B.Pharm पाठ्यक्रम पर आधारित) | 3 घंटे (180 मिनट) |
| MHT CET (महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) | राज्य स्तरीय (महाराष्ट्र) | कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) | बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) | भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञान (12वीं स्तर पर आधारित) | PCM और PCB ग्रुप के लिए 90 मिनट प्रत्येक |
| KCET (कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) | राज्य स्तरीय (कर्नाटक) | ऑफ़लाइन (पेन-पेपर आधारित) | बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) | भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान (प्रत्येक के लिए अलग सत्र) | प्रत्येक विषय के लिए 60 मिनट |
| WBJEE (पश्चिम बंगाल जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम) | राज्य स्तरीय (पश्चिम बंगाल) | ऑफ़लाइन (पेन-पेपर आधारित) | बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) | भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित (फ़ार्मेसी के लिए PCB भी विकल्प) | भौतिकी और रसायन विज्ञान के लिए 2 घंटे, गणित के लिए 2 घंटे |
| UPSEE/CUET (उत्तर प्रदेश प्रवेश परीक्षा/कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) | राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय | कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) | बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) | CUET के तहत विशिष्ट विषय संयोजन (जैसे सामान्य परीक्षण, भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित/जीव विज्ञान) का चयन करना होता है। | विषय संयोजन के आधार पर भिन्न |
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फार्मेसी कोर्स की अनुमानित फीस
फार्मेसी कोर्स की अनुमानित फीस सही मायनों में आपके कोर्स के लेवल और आपके द्वारा चुने गए संस्थान पर भी निर्भर करती है। कोर्स के लेवल के आधार पर अनुमानित फीस को निम्नलिखित तालिका में दिया गया है –
| कोर्स लेवल | कोर्स का नाम | सरकारी कॉलेज की अनुमानित वार्षिक फीस (INR) | निजी कॉलेज की अनुमानित वार्षिक फीस (INR) |
| डिप्लोमा | D.Pharm (डिप्लोमा इन फार्मेसी) | 10 हजार – 50 हजार | 50 हजार – 1.5 लाख |
| ग्रेजुएशन | B.Pharm (बैचलर ऑफ फार्मेसी) | 40 हजार – 1 लाख | 3 लाख – 8 लाख या इससे अधिक |
| पोस्ट ग्रेजुएशन | M.Pharm (मास्टर ऑफ फार्मेसी) | 90 हजार – 4 लाख | 2 लाख – 10 लाख या इससे अधिक |
| डॉक्टोरल | Pharm.D (डॉक्टर ऑफ फार्मेसी – 6 वर्ष) | 1.5 लाख – 5 लाख | 3.5 लाख – 15 लाख या इससे अधिक |
फार्मेसी कोर्स के लिए सिलेबस
फार्मेसी कोर्स का सिलेबस राज्य और यूनिवर्सिटी के साथ-साथ, कोर्स लेवल के आधार पर थोड़ा अलग-अलग हो सकता है, लेकिन इसके स्पेशलाइज़ेशन कोर्स इसका सामान्य और बुनियादी सिलेबस कुछ इस प्रकार होता है:
फार्मेसी कोर्स के लिए कोर सब्जेक्ट्स
फार्मेसी कोर्स के लिए कोर सब्जेक्ट्स की जानकारी निम्नलिखित तालिका में दी गई है –
| कोर्स का नाम | महत्वपूर्ण टॉपिक्स |
| D.Pharm (डिप्लोमा इन फार्मेसी) | फार्मेसी बेसिक्स मेडिसिन प्रिपरेशन ड्रग डिस्पेंसिंग लैब टॉक्सिसिटी फार्मास्यूटिक्स-I फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री-I फार्माकोग्नॉसी जैव रसायन और नैदानिक विकृति विज्ञान मानव शरीर रचना विज्ञान और शरीर क्रिया विज्ञान स्वास्थ्य शिक्षा और सामुदायिक फार्मेसी औषधि नियामक मामले आणविक फार्मास्यूटिक्स नैदानिक अनुसंधान |
| B.Pharm (बैचलर ऑफ फार्मेसी) | फार्मास्यूटिक्स फार्मास्यूटिकल कैमिस्ट्री फार्माकोलॉजी फार्माकोग्नॉसी औषधीय रसायन विज्ञान फार्मास्युटिकल माइक्रोबायोलॉजी जीव रसायन भौतिक औषधि विज्ञान फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग |
| B.Pharm (Hons./Specializations) | फार्मास्यूटिक्स कैमिस्ट्रीरी सर्च-ब्रेन फोकस |
| Pharm.D (डॉक्टर ऑफ फार्मेसी) | क्लीनिकली फोकस्ड रोगी देखभाल डीप फार्मेसी प्रैक्टिस |
| M.Pharm (मास्टर ऑफ फार्मेसी) | एडवांस्ड रीसर्च फार्मास्यूटिकल टेक्नोलॉजी क्लिनिकल फार्मेसी उन्नत फार्माकोलॉजी फार्मास्यूटिक्स फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री अनुसंधान क्रियाविधि आधुनिक विश्लेषणात्मक तकनीकें औषधि नियामक मामले आणविक फार्मास्यूटिक्स नैदानिक अनुसंधान संगोष्ठी अनुसंधान परियोजना/थीसिस कार्य विशेषज्ञता पत्रथीसिस प्रस्तुति और मौखिक परीक्षा शोध प्रबंध प्रस्तुति |
फार्मेसी कोर्स के लिए टॉप स्पेशलाइजेशन
यहाँ फार्मेसी कोर्स के लिए टॉप स्पेशलाइजेशन की जानकारी को निम्नलिखित तालिका में दिया गया है, जो कोर्स के लेवल के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकते हैं –
| कोर्स लेवल | विशेषज्ञता (स्पेशलाइजेशन) का नाम | मुख्य फोकस/विवरण | करियर के अवसर |
| D.Pharm (डिप्लोमा इन फार्मेसी) | फार्मास्युटिकल फॉर्मूलेशन क्लिनिकल फार्मेसी फार्माकोविजिलेंस फार्मास्युटिकल बायोटेक्नोलॉजी | विभिन्न फार्मास्युटिकल उत्पादों के विकास फॉर्मूलेशन और वितरण पर ध्यान केंद्रित करना रोगी देखभाल दवा चिकित्सा प्रबंधन और नैदानिक अभ्यास पर जोर दवा सुरक्षा, प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं और नियामक मामलों के बारे में जानें जैव-फार्मास्युटिकल्स जैव प्रौद्योगिकी आधारित दवाओं और उनके उत्पादन का अध्ययन करें | रिटेल फार्मासिस्ट हॉस्पिटल फार्मासिस्ट फार्मास्युटिकल सेल्स रिप्रेज़ेंटेटिव |
| B.Pharm (बैचलर ऑफ फार्मेसी) | फार्मास्युटिकल बायोटेक्नोलॉजी फार्मास्युटिकल डेटा एनालिटिक्स मेडिकल कोडिंग ड्रग डिलीवरी क्वालिटी एस्युरेंस | रोगी की देखभाल और दवा चिकित्सा के प्रबंधन दवा सुरक्षा से संबंधित कार्य डीएनए प्रौद्योगिकी और बायोसिमिलर्स जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता सभी मूलभूत फ़ार्मेसी विषयों (फ़ार्मास्यूटिक्स, केमिस्ट्री, फ़ार्माकोलॉजी, आदि) को कवर करता है ताकि उद्योग या उच्च अध्ययन के लिए आधार तैयार हो सके। | क्लिनिकल फार्मासिस्ट फार्मास्युटिकल साइंटिस्ट क्वालिटी कंट्रोल एनालिस्ट |
| M.Pharm (मास्टर ऑफ फार्मेसी) | फ़ार्मास्यूटिक्स फार्माकोलॉजी फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री क्वालिटी एश्योरेंस फार्माकोग्नोसी | दवा वितरण प्रणाली सूत्रीकरण (फॉर्मुलेशन) उत्पादन प्रक्रियाओं का गहन अध्ययन दवाओं के जैविक प्रभावों क्रियाविधियों और क्लिनिकल परीक्षणों में विशेषज्ञता नई दवाओं के संश्लेषण (सिंथेसिस), डिजाइन, और विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित दवा उत्पादों की गुणवत्ता मानकों और विनियामक अनुपालन (रेगुलेटरी कंप्लायंस) को सुनिश्चित करना प्राकृतिक और हर्बल स्रोतों से प्राप्त दवाओं का अनुसंधान और विकास | R&D साइंटिस्ट प्रोडक्शन मैनेजर प्रोसेस डेवलपर क्लिनिकल रिसर्च टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च साइंटिस्ट अकादमिक्स मेडिसिनल केमिस्ट ड्रग डिस्कवरी एनालिटिकल R&D QA/QC मैनेजर रेगुलेटरी अफेयर्स ऑफिसर ऑडिटर हर्बल उद्योग प्राकृतिक उत्पाद R&D बॉटैनिकल रिसर्च |
| Pharm.D (डॉक्टर ऑफ फार्मेसी) | क्लिनिकल फ़ार्मेसी | रोगी देखभाल, दवा प्रबंधन, और अस्पताल सेटिंग्स में चिकित्सकों के साथ मिलकर काम करना। | क्लिनिकल फ़ार्मासिस्ट, हॉस्पिटल फ़ार्मासिस्ट, स्पेशलिटी फ़ार्मेसी प्रैक्टिस। |
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फार्मेसी कोर्स के लिए आवश्यक दस्तावेज
इस कोर्स को करने के लिए उम्मीदवारों के पास आमतौर पर निम्नलिखित दस्तावेज होना अनिवार्य है, जो कि लगभग हर संस्थान में एडमिशन के समय मांगे जाते हैं –
भारतीय यूनिवर्सिटीज के लिए आवश्यक दस्तावेज
भारतीय यूनिवर्सिटीज से इस कोर्स को करने के लिए आपके पास निम्नलिखित आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए, जो लगभग हर संसथान में छात्रों से मांगे जाते हैं –
- 10वीं और 12वीं की मार्कशीट और प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड या कोई मान्य पहचान पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- जन्म प्रमाण पत्र
- कैटेगरी/रिजर्वेशन प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- ट्रांसफर और माइग्रेशन सर्टिफिकेट
- मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट
फार्मेसी कोर्स के लिए कॉलेज
फार्मेसी कोर्स के लिए निम्नलिखित कॉलेज/संस्थान आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं, इसमें देश-विदेश की प्रमुख यूनिवर्सिटीज की जानकारी दी गई है –
भारतीय कॉलेज और यूनिवर्सिटीज
यहाँ आपके लिए NIRF रैंकिंग 2025 के अनुसार भारीतय कॉलेज और यूनिवर्सिटीज की जानकारी दी गई है –
| संस्थान आईडी | नाम | शहर | राज्य | अंक | रैंक |
| आईआर-पीयू-0107 | जामिया हमदर्दअधिक | नई दिल्ली | दिल्ली | 86.59 | 1 |
| आईआर-पीयू-0391 | बिरला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान – पिलानी | पिलानी | राजस्थान | 82.28 | 2 |
| आईआर-पीयू-0078 | पंजाब विश्वविद्यालय | चंडीगढ़ | चंडीगढ़ | 76.39 | 3 |
| आईआर-पीसी-35006 | जेएसएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी | ऊटी | तमिलनाडु | 76.14 | 4 |
| आईआर-पीआई-1077 | राष्ट्रीय औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान हैदराबाद | हैदराबाद | तेलंगाना | 75.64 | 5 |
| आईआर-पीयू-0308 | रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान | मुंबई | महाराष्ट्र | 74.77 | 6 |
| आईआर-पीसी-35007 | जेएसएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी | मैसूर | कर्नाटक | 73.38 | 7 |
| आईआर-पीसी-7249 | मणिपाल कॉलेज ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, मणिपाल | उडुपी | कर्नाटक | 73.25 | 8 |
| आईआर-पीयू-0380 | राष्ट्रीय औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, मोहाली | मोहाली | पंजाब | 70.96 | 9 |
| आईआर-पीयू-0473 | एसआरएम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान | चेन्नई | तमिलनाडु | 70.84 | 10 |
फार्मेसी कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया
फार्मेसी कोर्स के लिए भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटीज दोनों में आवेदन प्रक्रिया लगभग एक जैसी ही होती है, जिसे निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है –
भारतीय यूनिवर्सिटीज के लिए आवेदन प्रक्रिया
फार्मेसी कोर्स को भारतीय यूनिवर्सिटीज से करने के लिए आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है –
- मान्यता प्राप्त भारतीय कॉलेज/यूनिवर्सिटी द्वारा हर साल फार्मेसी कोर्स के लिए आवेदन फॉर्म को ऑनलाइन आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया जाता है।
- फार्मेसी कोर्स कोर्स संबंधित संस्थान द्वारा जारी किए गए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन फॉर्म को ध्यानपूर्वक पढ़कर भरें।
- आवेदन फॉर्म में अपने दस्तावेज जैसे- मार्कशीट (शैक्षणिक प्रमाण), पहचान प्रमाण, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) आदि को अपलोड करें और अपनी जानकारी को सही से अपडेट करें।
- आवेदन शुल्क का भुगतान भरें और यदि आपके द्वारा चयनित संस्थान में प्रवेश पाने के लिए किसी प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है तो आप इस परीक्षा के लिए खुद को तैयार करें।
- यदि आपके चुने गए संस्थान में मेरिट लिस्ट के आधार पर एडमिशन होता है तो आप मेरिट लिस्ट की प्रतीक्षा करें।
- मेरिट लिस्ट में या परीक्षा में पास होने के बाद चुने जाने पर कॉउंसलिंग प्रोसेस का पार्ट बनें।
- इसके बाद अंत में अपने दस्तावेज़ सत्यापन कराएं, और अपनी प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करें।
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अंतर्राष्ट्रीय कॉलेज/यूनिवर्सिटीज से फार्मेसी कोर्स
फार्मेसी कोर्स एक ऐसा कोर्स है जिसे आप भारतीय यूनिवर्सिटीज के साथ-साथ, कई सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी से भी कर सकते हैं। इसके लिए आपके पास पर्याप्त शैक्षणिक प्रमाण, IELTS और TOEFLमें अच्छे अंकों का होना अनिवार्य होता है। अंतर्राष्ट्रीय कॉलेज/यूनिवर्सिटीज से फार्मेसी कोर्स करने पर आप थ्योरी के साथ-साथ टेक्निकली प्रैक्टिकल नॉलेज भी प्राप्त कर पाते हैं।
फार्मेसी कोर्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय कॉलेज और यूनिवर्सिटीज
यहाँ रैंकिंग के अनुसार फार्मेसी कोर्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय कॉलेज और यूनिवर्सिटीज की जानकारी दी गई है, जो आपके लिए मददगार साबित होगी –
| वर्ल्ड रैंकिंग | कॉलेज/यूनिवर्सिटी का नाम | ओवरऑल स्कोर | कॉलेज का स्थान |
| 1 | हार्वर्ड यूनिवर्सिटी | 97.7 | कैम्ब्रिज, संयुक्त राज्य अमेरिका |
| 2 | यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफ़ोर्ड | 93.5 | ऑक्सफ़ोर्ड, यूनाइटेड किंगडम |
| 3 | UCL | 92.4 | लंदन, यूनाइटेड किंगडम |
| 4 | मोनाश यूनिवर्सिटी | 91.6 | मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया |
| 5 | जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी | 90.4 | बाल्टीमोर, संयुक्त राज्य अमेरिका |
| 6 | कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी | 90.3 | कैम्ब्रिज, यूनाइटेड किंगडम |
| 19 | द यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी | 84.8 | सिडनी, ऑस्ट्रेलिया |
अंतर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटीज के लिए आवश्यक दस्तावेज
अंतर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटीज से इस कोर्स को करने के लिए आपके पास निम्नलिखित आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए, जो लगभग हर संस्थान में छात्रों से मांगे जाते हैं –
- पासपोर्ट और वैध वीज़ा
- अकादमिक मार्कशीट और प्रमाणपत्र (10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन यदि लागू हो)
- IELTS, TOEFL या PTE स्कोर कार्ड
- स्टेटमेंट ऑफ पर्पस (SOP)
- लेटर ऑफ रिकमेंडेशन (LOR)
- मेडिकल सर्टिफिकेट और वैक्सीनेशन रिकॉर्ड
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- बैंक स्टेटमेंट या फंडिंग प्रूफ
अंतर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटीज के लिए आवेदन प्रक्रिया
फार्मेसी कोर्स को अंतर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटीज से करने के लिए आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है –
- मान्यता प्राप्त कॉलेज/यूनिवर्सिटी द्वारा हर साल फार्मेसी कोर्स के लिए आवेदन फॉर्म को ऑनलाइन आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया जाता है।
- फार्मेसी कोर्स संबंधित संस्थानों में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के लिए फॉर्म को ध्यानपूर्वक पढ़ें और इसके लिए अपना रजिस्ट्रेशन करें।
- कई विदेशी संस्थान IELTS या TOEFL जैसी अंग्रेज़ी भाषा परीक्षा का स्कोर मांगते हैं, जिसके लिए आप इन परीक्षाओं में अच्छा स्कोर लाएं।
- आवेदन फॉर्म भरने के साथ-साथ आपको शैक्षणिक प्रमाणपत्र, पासपोर्ट और अन्य डॉक्यूमेंट्स जमा करने होंगे।
- अंत में कुछ यूनिवर्सिटीज़ इंटरव्यू या एंट्रेंस टेस्ट भी आयोजित करती हैं, जिन्हें पास करके ही आप इसमें आवेदन प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
फार्मेसी कोर्स करने के बाद करियर स्कोप
भारतीय या विदेशी कॉलेज/यूनिवर्सिटी से फार्मेसी कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के सामने हेल्थकेयर क्षेत्र में कई करियर अवसर खुल जाते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आप सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों, सरकारी और निजी अस्पतालों, दवा कंपनियों, खुदरा फार्मेसी, अनुसंधान और गुणवत्ता नियंत्रण जैसे क्षेत्रों और फार्मास्युटिकल उद्योग में नीचे बताए गए पदों पर काम करके अपना करियर बना सकते हैं।
- फार्मासिस्ट
- क्लीनिकल रिसर्चर
- ड्रग इंस्पेक्टर
- प्रोडक्शन एंड क्वालिटी एनालिस्ट
- मेडिकल रीप्रेसेंटेटिव
- लेक्चरर
- क्लीनिकल रिसर्च एसोसिएट
- रेगुलेटरी अफेयर्स स्पेशलिस्ट
- उत्पादन प्रबंधक
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फार्मेसी कोर्स करने के बाद मिलने वाली सैलरी
फार्मेसी कोर्स करने के बाद मिलने वाली अनुमानित सालाना सैलरी Ambitionbox.com के अनुसार नीचे दी गई तालिका में दर्शाई गई है। वास्तविक सैलरी आपके अनुभव, कौशल और परफॉर्मेंस के आधार पर इससे अधिक भी हो सकती है।
| जॉब प्रोफाइल्स | जिम्मेदारियाँ | अनुमानित सालाना सैलरी (INR) |
| फार्मिस्ट | दवा वितरण और नुस्खे की समीक्षा करना, रोगी परामर्श करना और दवा प्रबंधन और इन्वेंट्री नियंत्रण करना | INR 1.2 लाख – 4 लाख |
| फार्माकोलॉजिस्ट | दवा कार्रवाई का अध्ययन करना, डेटा विश्लेषण और रिपोर्टिंग करना और क्लिनिकल परीक्षण में सहयोग करना | INR 1.2 लाख – 15 लाख |
| मेडिकल रीप्रेसेंटेटिव | डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों को नई दवाओं के बारे में जानकारी देना और बिक्री को बढ़ावा देना | INR 1.5 लाख – 5.3 लाख |
| क्लीनिकल रिसर्च एसोसिएट | रोगी की देखभाल टीम के साथ काम करना, दवा चिकित्सा की समीक्षा करना, रोगी परामर्श और दवा सुरक्षा सुनिश्चित करना | INR 2.1 लाख – 8.9 लाख |
| रेगुलेटरी अफेयर्स स्पेशलिस्ट | सरकारी दवा एजेंसियों (जैसे CDSCO) से अप्र्रूव करने के लिए दस्तावेज़ीकरण तैयार करना और जमा करना | INR 3.2 लाख – 16 लाख |
| उत्पादन प्रबंधक | दवा निर्माण प्रक्रिया की देखरेख, उत्पादन मानकों का पालन सुनिश्चित करना, बैच रिकॉर्ड बनाए रखना | INR 3.6 लाख – 28.7 लाख |
| फूड एंड कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स डेवलपमेंट साइंटिस्ट | नए उत्पादों को विकसित करना और मौजूदा उत्पादों में सुधार करना | INR 12 लाख – 13 लाख |
| क्लीनिकल ट्रायल रिसर्च एसोसिएट | परीक्षण नैतिक रूप से, वैज्ञानिक रूप से सही ढंग से और सभी लागू विनियामक आवश्यकताओं को सुनिश्चित करना | INR 4 लाख – 5 लाख |
| ड्रग इंस्पेक्टर | दवा निर्माण इकाइयों का निरीक्षण करना, बिक्री प्रतिष्ठानों का निरीक्षण करना और लाइसेंसिंग और नवीनीकरण करना | INR 2 लाख – 4 लाख |
फार्मेसी कोर्स के लिए आवश्यक कौशल और स्किल डेवलपमेंट
यहाँ फार्मेसी कोर्स के लिए आवश्यक कौशल और स्किल डेवलपमेंट की जानकारी दी गई है, जिसमें तकनीकी कौशल और सॉफ्ट स्किल्स की जानकारी शामिल है –
| कौशल का प्रकार | आवश्यक कौशल | स्किल डेवलपमेंट फील्ड |
| तकनीकी कौशल | दवाओं का ज्ञान: दवाओं, उनके उपयोग, खुराक और दुष्प्रभावों की गहरी समझ | फ़ार्माकोलॉजी, फ़ार्मास्यूटिक्स और केमिस्ट्री का निरंतर अध्ययन |
| तकनीकी कौशल | सटीकता और विस्तार पर ध्यान: नुस्खे भरते समय या फ़ॉर्मूलेशन बनाते समय सटीकता | प्रयोगशाला कार्य, गुणवत्ता नियंत्रण प्रशिक्षण और वास्तविक दुनिया की सेटिंग में अभ्यास |
| तकनीकी कौशल | कंप्यूटर साक्षरता: फ़ार्मेसी सॉफ़्टवेयर, इन्वेंट्री सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड (EHR) का उपयोग | फ़ार्मेसी प्रबंधन सॉफ़्टवेयर पर प्रशिक्षण और सर्टिफिकेशन |
| सॉफ्ट स्किल्स | संचार कौशल: मरीज़ों और चिकित्सकों के साथ स्पष्ट और प्रभावी ढंग से संवाद करने की क्षमता | रोगी परामर्श सत्रों में अभ्यास, प्रस्तुतीकरण कौशल और टीम वर्क |
| सॉफ्ट स्किल्स | रोगी परामर्श और सहानुभूति: मरीज़ों की चिंताओं को सुनना और संवेदनशील तरीके से जानकारी प्रदान करना | रोल-प्लेइंग परिदृश्य, क्लिनिकल पोस्टिंग के दौरान मरीज़ों से बातचीत |
| सॉफ्ट स्किल्स | समस्या-समाधान और निर्णय लेना: दवाओं के परस्पर क्रिया या खुराक की त्रुटियों जैसी समस्याओं को तुरंत हल करना | केस स्टडी विश्लेषण, क्रिटिकल थिंकिंग अभ्यास, और अनुभवी फ़ार्मासिस्ट से मार्गदर्शन |
| सॉफ्ट स्किल्स | नैतिकता और व्यावसायिकता: गोपनीयता बनाए रखना और पेशेवर आचरण का पालन करना | व्यावसायिक नैतिकता पर कार्यशालाएँ, नियामक निकायों के दिशानिर्देशों का अध्ययन |
फार्मेसी कोर्स में सामने आने वाली चुनौतियाँ और समाधान
यहाँ फार्मेसी कोर्स में सामने आने वाली चुनौतियाँ और उनके समाधान की जानकारी दी गई है –
- फार्मेसी कोर्स की प्रमुख चुनौतियों में से एक इसका जटिल और व्यापक सिलेबस है, जिसका समाधान नियमित अध्ययन और प्रभावी नोट्स बनाना है।
- इसकी दूसरी प्रमुख चुनौती थ्योरी और प्रैक्टिकल नॉलेज के बीच सैद्धांतिक ज्ञान का संतुलन बनाना है, जिसका समाधान थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस पर ध्यान देना हैं।
- समय प्रबंधन का अभाव होना भी इसकी एक बड़ी चुनौती के समान है, जिसका समाधान एक प्रभावी अध्ययन योजना या टाइम टेबल बनाकर उसका पालन करना है।
- इस कोर्स को करने के बाद आपको निरंतर अपडेट रहने की आवश्यकता होती है, जो कई बार एक बड़ी चुनौती का रूप ले लेती है। इसका समाधान फ़ार्मास्युटिकल समाचारों पर नज़र रखते हुए लगातार कुछ नया सीखते रहना है।
FAQs
फार्मेसी कोर्स में दवाओं का निर्माण, संरचना, उपयोग और उनकी सुरक्षा से संबंधित ज्ञान दिया जाता है। इसमें स्टूडेंट्स मेडिकल साइंस, केमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी और हेल्थकेयर सिस्टम की पढ़ाई करते हैं।
भारत में प्रमुख फार्मेसी कोर्स में डिप्लोमा इन फार्मेसी, बैचलर ऑफ फार्मेसी, मास्टर ऑफ फार्मेसी और डॉक्टरेट इन फार्मेसी शामिल हैं।
फार्मेसी कोर्स की अवधि इसके लेवल पर निर्भर करती है। डिप्लोमा इन फार्मेसी की अवधि दो वर्ष, बैचलर ऑफ फार्मेसी की चार वर्ष, मास्टर ऑफ फार्मेसी की दो वर्ष और पीएचडी की अवधि विषय व शोध के आधार पर तीन से पांच वर्ष तक हो सकती है।
इस कोर्स के बाद छात्र अस्पतालों, दवा कंपनियों, रिसर्च लैब्स, क्लिनिकल रिसर्च संगठनों और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में नौकरी पा सकते हैं। इसके अलावा मेडिकल स्टोर या अपनी फार्मेसी भी खोली जा सकती है।
फार्मेसी की बेसिक नॉलेज के रूप में आपको दवाइयों की स्टडी, उनके निर्माण, क्वालिटी चेक आदि होती है। इसी जानकारी के आधार पर आप अपने फार्मेसी कोर्स पर मजबूत पकड़ बना सकते हैं।
हमें आशा है कि आप इस लेख के माध्यम से फार्मेसी कोर्स की जानकारी प्राप्त कर पाए होंगे। ऐसे ही अन्य कोर्स से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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