पेंदे के बल बैठना मुहावरे का अर्थ (Pende Ke Bal Baithna Muhavare Ka Arth) होता है, हताश होना या हार मान लेना। जब कोई व्यक्ति किसी परिस्थिति में हार मान लेता है, तो उस स्थिति के संदर्भ में इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप पेंदे के बल बैठना मुहावरे का अर्थ, इसका वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है, उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
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पेंदे के बल बैठना मुहावरे का अर्थ क्या है?
पेंदे के बल बैठना मुहावरे का अर्थ (Pende Ke Bal Baithna Muhavare Ka Arth) होता है- हताश होना या हार मान लेना। आसान शब्दों में समझें तो इस मुहावरे का प्रयोग उस स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जिसमें किसी व्यक्ति ने अपना सब कुछ खो दिया हो या उसे ऐसा लगे कि उसके पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है।
पेंदे के बल बैठना पर व्याख्या
“पेंदे के बल बैठना” हिंदी भाषा का एक बेहद लोकप्रिय मुहावरा है जिसका अर्थ होता है- हताश होना या हार मान लेना। इस मुहावरे के माध्यम से ऐसी स्थिति को परिभाषित करना आसान हो जाता है, जिसमें कोई व्यक्ति निराश होकर किसी परिस्थिति में हार मान लेता है।
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पेंदे के बल बैठना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
पेंदे के बल बैठना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- देवांग को जानना चाहिए कि पेंदे के बल बैठने से समस्याओं का निदान नहीं होता।
- विशाखा, मँछी को अपनी बात समझाने में असफल क्या हुई वह पेंदे के बल बैठ गई।
- पेंदे के बल बैठना उस स्थिति को परिभाषित करता है, जिसमें कोई व्यक्ति निराश हो जाता है।
- रितिका जानती है कि पेंदे के बल बैठने से उसके सपने पूरे नहीं होंगे।
- व्यापार में हुई भारी हानि के चलते विकास पेंदे के बल बैठ गया।
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आशा है कि आपको पेंदे के बल बैठना मुहावरे का अर्थ (Pende Ke Bal Baithna Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।