क्या आप सोच रहे हैं Panchang Mein Kaun Sa Samas Hai? तो आपको बता दें कि पंचांग में बहुव्रीहि समास होता है। यह जानने से पहले कि बहुव्रीहि समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा नया शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाता है। पंचांग में कौन सा समास है तो आप जान गए हैं, अब इस ब्लॉग में जानेंगे पंचांग का समास विग्रह, बहुव्रीहि समास क्या होता है और साथ ही बहुव्रीहि समास के कुछ अन्य उदाहरण।
Panchang Mein Kaun Sa Samas Hai?
पंचांग में बहुव्रीहि समास होता है और इसका अर्थ जिसके पांच अंग हों, होता है।
बहुव्रीहि समास क्या होता है?
बहुव्रीहि समास में न तो पूर्वपद प्रधान होता है और न ही उत्तरपद। बल्कि इसके दोनों पद परस्पर मिलकर किसी तीसरे बाहरी पद के बारे में कुछ कहते हैं और यह तीसरा पद ही ‘प्रधान’ हाता है। उदाहरण के लिए, त्रिलोचन यह शब्द ‘त्रि’ तथा ‘लोचन’ दो पदों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है-तीन नेत्र। यदि इसका विग्रह किया जाए -तीन हैं नेत्र जिसके अर्थात महादेव तो यह उदाहरण बहुव्रीहि समास का होगा, क्योंकि इस विग्रह में ‘त्रि’ तथा ‘लोचन’ दोनों पद मिलकर तीसरे पद ‘महादेव’ की विशेषता बता रहे हैं। यहां हम कुछ उदाहरण जानेंगेः
समस्तपद | विग्रह | प्रधान पद |
अंशुमाली | अंशु (किरणें) हैं मालाएँ जिसकी | सूर्य |
चारपाई | चार हैं पाए जिसके | पलंग |
तिरंगा | तीन रंग हैं जिसके | भारतीय राष्ट्रध्वज |
विषधर | विष को धारण किया है जिसने | शिव |
षडानन | षट् (छह) हैं आनन (मुख) जिसके | कार्तिकेय |
चक्रधर | चक्र धारण किया है जिसने | विष्णु |
गजानन | गज के समान आनन है जिसका | गणेश |
घनश्याम | घन के समान श्याम (काले) हैं जो | कृष्ण |
मेघनाद | मेघ के समान करता है नाद जो | रावण-पुत्र इंद्रजीत |
विषधर | विष को धारण करता है जो | सर्प |
चतुरानन | विष को धारण करता है जो | ब्रह्मा |
गिरिधर | गिरि को धारण किया है जिसने | श्री कृष्ण |
सुलोचना | सुंदर लोचन हैं जिसके | विशेष स्त्री। |
पंचांग शब्द का समास विग्रह
पंचांग दो शब्दों का जोड़ है और इस शब्द का समास विग्रह होता है- पांच अंग हैं जिसके।
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उम्मीद है कि Panchang Mein Kaun Sa Samas Hai आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बने रहें।