ओस के चाटे प्यास न बुझना मुहावरे का अर्थ (Os Ke Chaate Pyaas Na Bujhna Muhavare Ka Arth) ‘छोटे-मोटे उपायों से बड़े काम न होना या किसी काम को करने के लिए पर्याप्त प्रयास न करना’ होता है। जब कोई व्यक्ति किसी बड़े संकल्पों को पूरा करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं करता है, तो उस स्थिति को हम कहते हैं ओस के चाटे प्यास न बुझना। इस ब्लाॅग में आप इस मुहावरे का अर्थ, वाक्यों में प्रयोग और इसके भाव के बारे में जानेंगे।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा-सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
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ओस के चाटे प्यास न बुझना मुहावरे का अर्थ क्या है?
ओस के चाटे प्यास न बुझना मुहावरे का हिंदी अर्थ (Os Ke Chaate Pyaas Na Bujhna Muhavare Ka Arth) छोटे-मोटे उपायों से बड़े काम न होना या किसी काम को करने के लिए पर्याप्त प्रयास न करना होता है।
ओस के चाटे प्यास न बुझना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग
ओस के चाटे प्यास न बुझना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग (Os Ke Chaate Pyaas Na Bujhna Muhavare Ka Arth) इस प्रकार है –
- राकेश की कमाई इतनी कम है कि उससे परिवार का गुज़ारा करना ओस के चाटे प्यास बुझाने जैसा है।
- माधव समझ चुका है कि केवल एक दिन की मेहनत से सफलता की उम्मीद करना ओस के चाटे प्यास बुझाने के बराबर है।
- परीक्षा से एक दिन पहले पढ़ाई करके अच्छे अंक आने की उम्मीद करना ओस के चाटे प्यास बुझाने जैसा होता है।
- शासन-प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जनता की मदद के लिए कम राहत पैकेज का ऐलान करना ओस के चाटे प्यास बुझाने के समान है।
- महंगाई के दौर में कम पगार पर घर चलाना ओस के चाटे प्यास बुझाने जैसा है।
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आशा है कि आपको ओस के चाटे प्यास न बुझना मुहावरे का अर्थ (Os Ke Chaate Pyaas Na Bujhna Muhavare Ka Arth) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। हिंदी मुहावरों के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।