Nipat Kise Kahate Hain: जो रूप किसी शब्द के बाद लगकर वाक्य में नया भाव प्रकट करने में सहायता करता है, वह निपात (Nipat) कहलाता है। बताना चाहेंगे स्कूली परीक्षाओं के अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में निपात से संबंधित प्रश्न अकसर पूछे जाते हैं। इसलिए इस लेख में निपात किसे कहते हैं और निपात के उदाहरण को बहुत सरल और क्रमबद्ध तरीके से बताया गया है।
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निपात किसे कहते हैं? – Nipat Kise Kahate Hain
वे अव्यय जो किसी शब्द या पद के बाद लगकर उसके अर्थ में विशेष बल देते हैं, उसे निपात (Nipat) शब्द कहते हैं; जैसे- ही, भी, भर, तक, तो, केवल, मात्र आदि। बताना चाहेंगे निपात शुद्ध अव्यय नहीं है, किंतु सामान्य रूप से इसे अव्यय का एक प्रकार माना जाता है। निपात का प्रयोग निश्चित शब्द, शब्द समूह अथवा पूरे वाक्य को अन्य भावार्थ प्रदान करने के लिए होता है। इसके अलावा निपात, सहायक शब्द होते हुए भी वाक्य के अंग नहीं हैं। लेकिन वाक्य में इसके प्रयोग से उस वाक्य का समग्र अर्थ व्यक्त होता है। ध्यान दें कि निपात का कोई लिंग, वचन नहीं होता है।
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निपात के 10 उदाहरण
नीचे निपात के 10 उदाहरण (Nipat Ke Udaharan) दिए गए हैं:-
- उसके केवल दो केले खाए।
- इसमें मात्र पांच लोग हैं।
- स्नेहा ने भी रसगुल्ला खाया था।
- अंशुल ने ही सुमित को पीटा था।
- मैं उसे जानता भर हूँ।
- यह तो आप पर निर्भर है।
- उसने पत्र तक नहीं लिखा।
- तुमने अपने आने की खबर तक नहीं दी।
- मुझे ही कपड़े धोने पड़ेगे।
- कल मैं भी आपके साथ चलूँगा।
वहीं कुछ निपातों में यह विशेषता है कि ये अलग-अलग पद के साथ विभिन्न अनुक्रमों में आने पर अलग-अलग भाव प्रकट करते हैं; जैसे-
- अर्जुन ने भी मुझे बुलाया।
- अर्जुन में मुझे भी बुलाया है।
- अर्जुन ने तुम्हें बुलाया भी है।
उपयुक्त तीन वाक्यों में अलग-अलग भाव प्रकट होते हैं। वाक्य (1) में अर्जुन के अतिरिक्त किसी और व्यक्ति ने मुझे बुलाया है, का भाव प्रकट होता है। वाक्य (2) में अर्जुन ने अन्य व्यक्तियों के साथ-साथ मुझे बुलाया है। वाक्य (3) में अर्जुन ने तुम्हें बुलाया है या स्वयं जा रहे हों का भाव दिखाई देता है।
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निपात के प्रकार
यहाँ निपात के नौ प्रकार (Nipat Ke Prakar) दिए गए हैं;-
- स्वीकृतिबोधक (स्वीकार्य) निपात- हा, जी, जी हाँ।
- नकारबोधक निपात – जी नहीं, नहीं।
- अवधारणाबोधक निपात – ठीक, करीब, लगभग, तकरीबन।
- बल प्रदायकबोधक निपात – तो, ही, भी, तक, भर, सिर्फ, केवल।
- विस्मयबोधक निपात – क्या, काश।
- तुलनाबोधक निपात – सा।
- निषेधबोधक निपात – मत।
- प्रश्नबोधक निपात – क्या।
- आदरबोधक निपात जी।
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निपात संबंधी अशुद्वियाँ
ध्यान दें कि कई बार निपातों का अनावश्यक प्रयोग होता है अथवा दो-दो निपातों का प्रयोग एक साथ होता है, जो अशुद्ध है। इसके कुछ उदाहरण नीचे दिए जा रहे है;-
- अशुद्ध – शब्द केवल संकेत मात्र है।
शुद्ध – शब्द केवल संकेत हैं। - अशुद्ध – इसके बावजूद भी वह नहीं आया।
शुद्ध – इसके बावजूद वह नहीं आया। - अशुद्ध – यह तो केवल आप पर ही निर्भर है।
शुद्ध – यह तो केवल आप पर निर्भर है।
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FAQs
निपात ऐसे शब्द होते हैं जो किसी वाक्य में किसी खास बात या अर्थ पर जोर देने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
किसी भी बात पर अतिरिक्त बल देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उसे निपात कहते है। जैसे भी, तो, तक, केवल, ही, मात्र आदि।
निपात के तीन भेद माने जाते हैं, उपमार्थक निपात, पादपूरक निपात और अर्थोपसंगहार्थक निपात।
निपात वाक्य में भावनाओं, अभिव्यक्तियों, या काव्यात्मकता को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होते हैं।
नहीं, निपात का कोई व्याकरणिक रूप नहीं होता। यह स्वतंत्र रूप से वाक्य में भावनाओं को व्यक्त करने का काम करते हैं, लेकिन इनका कोई विशेष वचन, लिंग, या कारक नहीं होता।
निपात का उपयोग वाक्य के अंत, बीच, या किसी भी स्थान पर किया जा सकता है, जहां पर हमें किसी विशेष भावना या अभिव्यक्ति को जोड़ने की आवश्यकता हो।
हां, निपात वाक्य के अर्थ को प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, “अरे, तुम कहाँ थे?” और “तुम कहाँ थे?” में “अरे” निपात ने वाक्य को चौंकाने और उत्सुकता से भर दिया है।
नहीं, निपात का उपयोग लेखन और कविता में भी किया जा सकता है।
आशा है कि आपको इस लेख में निपात किसे कहते हैं और निपात के उदाहरण (Nipat Kise Kahate Hain) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही हिंदी व्याकरण, इंग्लिश व्याकरण और सामान्य ज्ञान से संबंधित अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage के साथ बने रहें।