छोटी कक्षा से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं में संधि से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यह हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे ही संधि कहा जाता है और दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि महेंद्र शब्द का संधि विच्छेद क्या होगा।
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Mahendra ka Sandhi Viched क्या है?
महेंद्र का संधि विच्छेद ‘महा + इन्द्र’ है। इस संधि को बनाने का नियम है (आ + इ= ए) , जो गुण संधि का एक नियम है। यानी की महेंद्र शब्द में गुण संधि लागू होती है। तो आईये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
गुण संधि की परिभाषा
यदि ‘अ’ या ‘आ’ के साथ इ/ई आए तो ‘ए’ ; ऊ/ऊ आए तो ‘ओ’ और ‘ऋ’ आए तो ‘अर’ बनता है। इस प्रकार से बनने वाले शब्दों को गुण संधि कहा जाता है।
उदाहरण
शब्द | संधि विच्छेद |
प्र + ईक्षा | प्रेक्षा |
अतिशय + उक्ति | अतिश्योक्ति |
नर + ईश | नरेश |
यथा + इष्ठ | यथेष्ठ |
कमला + ईश | कमलेश |
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