क्या आप सोच रहे हैं Maharaja Mein Kaunsa Samas Hai? तो आपको बता दें कि महाराजा में कर्मधारय समास है। यह जानने से पहले की कर्मधारय समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? कर्मधारय समास, समास का वो रूप होता है जिसमें समस्त-पद का एक पद दूसरे का विशेषण होता है। इसमें शब्दार्थ प्रधान होता है। Maharaja Mein Kaunsa Samas Hai यह तो आप जान गए हैं, आप इस ब्लॉग में आगे जानेंगें महाराजा का समास विग्रह, महाराजा में कर्मधारय समास क्यों हैं, कर्मधारय समास क्या होता है साथ ही कर्मधारय समास के कुछ अन्य उदाहरण।
समास की परिभाषा क्या है?
अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के जोड़ से बना तीसरा नया शब्द या पद समास (Samas in Hindi) या समस्त पद कहलाता है और वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है।
महाराजा का समास विग्रह क्या होगा?
महाराजा का समास विग्रह है महान है जो राजा। सामासिक शब्दों के बीच के संबंध को स्पष्ट करने को समास – विग्रह कहते हैं। विग्रह के बाद सामासिक शब्द लुप्त हो जाते है।
कर्मधारय समास क्या होता है?
कर्मधारय समास के दोनों पदों के बीच दो तरह के संबंध हो सकते हैं-विशेषण-विशेष्य और उपमेय-उपमान। वस्तुतः उपमान भी उपमेय की विशेषता बताने का ही कार्य करता है। विशेषण-विशेष्य संबंध वाले कर्मधारय समास इस प्रकार हैं:
विशेषण | विशेष्य | समस्तपद | विग्रह |
नील | गाय | नीलगाय | नीली है जो गाय |
महा | आत्मा | महात्मा | महान है जो आत्मा |
भला | मानस | भलामानस | भला है जो मानस |
महा | देव | महादेव | महान है जो देव |
पर | नारी | परनारी | पराई है जो नारी |
उत्तम | पुरुष | पुरुषोत्तम | उत्तम है जो पुरुष |
FAQs
बहुव्रीहि समास है।
कर्मधारण्य समास।
सम्प्रदान तत्पुरुष।
तत्पुरुष समास।
उम्मीद है, Maharaja Mein Kaunsa Samas Hai आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बनें रहें।