क्या आप सोच रहे हैं Kanyadan Mein Kaun Sa Samas Hai? तो आपको बता दें कि कन्यादान में तत्पुरुष समास है। यह जानने से पहले कि तत्पुरुष समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा नया शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाता है तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है। कन्यादान में कौन सा समास है तो आप जान गए हैं, आगे इस इस ब्लॉग में जानेंगे कन्यादान का समास विग्रह, तत्पुरुष समास क्या होता है और साथ ही तत्पुरुष समास के कुछ अन्य उदाहरण।
Kanyadan Mein Kaun Sa Samas Hai?
कन्यादान में तत्पुरुष समास होता है और इसका अर्थ कन्या का दान होता है।
तत्पुरुष समास क्या होता है?
जिस समस्तपद में ‘पूर्वपद’ गौण तथा उत्तरपद’ प्रधान होता है, वहाँ तत्पुरुष समास होता है। तत्पुरुष समास का पूर्वपद विशेषण होता है, अतः गौण होता है तथा उत्तरपद विशेष्य होने के कारण प्रधान होता है। तत्पुरुष समास के विग्रह के समय समस्त कारकों के कारकीय-चिह्न जिनका समास करते समय दिया गया था, पुन: जोड़े जाते हैं; जैसे- रोगमुक्त रोग से मुक्त (‘से’ अपादान कारक का चिह्न), जीवनसाथी जीवन का साथी (‘का’ संबंध कारक का चिह्न) आदि। तत्पुरुष समास के उदाहरण इस प्रकार हैंः
समस्तपद | पूर्वपद (गौण) | कारकीय-चिह्न | उत्तरपद (प्रधान) |
युद्धक्षेत्र | युद्ध | का | क्षेत्र |
गुरुदक्षिणा | गुरु | के लिए | दक्षिणा |
यशप्राप्त | यश | को | प्राप्त |
कुलश्रेष्ठ | कुल | में | श्रेष्ठ। |
कन्यादान शब्द का समास विग्रह
कन्यादान का समास विग्रह कन्या का दान होता है।
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उम्मीद है कि Kanyadan Mein Kaun Sa Samas Hai आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बने रहें।