कंगाली में आटा गीला मुहावरे का अर्थ (Kangali Mein Aata Geela Muhavare Ka Arth) होता है, अत्यधिक गरीबी या कमी होना। जब कोई व्यक्ति निज जीवन में अत्यधिक गरीबी को महसूस करता है, तो उस व्यक्ति के उस समय को परिभाषित करने के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप कंगाली में आटा गीला मुहावरे का अर्थ, इसका वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है, उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
यह भी पढ़ें : सिर ऊँचा करना मुहावरे का अर्थ
कंगाली में आटा गीला मुहावरे का अर्थ क्या है?
कंगाली में आटा गीला मुहावरे का अर्थ (Kangali Mein Aata Geela Muhavare Ka Arth) होता है- अत्यधिक गरीबी या कमी होना। आसान शब्दों में समझें तो यह मुहावरा उस स्थिति का वर्णन करता है, जब कोई व्यक्ति अपनी बुनियादी जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाता।
कंगाली में आटा गीला पर व्याख्या
“कंगाली में आटा गीला” हिंदी भाषा का एक बेहद लोकप्रिय मुहावरा है जिसका अर्थ होता है- अत्यधिक गरीबी या कमी होना। इस मुहावरे में “कंगाली में आटा गीला” एक ऐसे भाव को भी दिखाता है, जिसमें कोई व्यक्ति मुसीबत में होने के बाद भी मुसीबत का सामना करता है।
यह भी पढ़ें : अपने हाथ में अपना भाग्य होना मुहावरे का अर्थ
कंगाली में आटा गीला मुहावरे का वाक्य प्रयोग
कंगाली में आटा गीला मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- कंगाली में आटा गीला होने से देवांग ने कई बार कठिन समय देखा।
- राहुल ने कंगाली में आटा गीला देखकर खुद को निराश महसूस किया।
- मोहित ने उन लोगों की सेवा करने का निर्णय लिया, जिनका कंगाली में आटा गीला था।
- मौसम की मार से परेशान किसानों का जीवन, ऐसा था जैसा कंगाली में आटा गीला हो।
- बेरोजगारी के दौर से विकास का जीवन कंगाली में आटा गीला हो गया।
संबंधित आर्टिकल
आशा है कि आपको कंगाली में आटा गीला मुहावरे का अर्थ (Kangali Mein Aata Geela Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।