जेईई प्री एग्जाम में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद इसके मेंस एग्जाम की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को सही समय पर एक स्मार्ट स्ट्रैटेजी और कंफ्यूशन-फ्री प्लानिंग के साथ आगे बढ़ना चाहिए। इसके लिए आपको सबसे पहले सिलेबस को अच्छे से समझना चाहिए और इसके बाद आपको अपनी आगे की रणनीति बनानी चाहिए। सही समय पर सही रणनीति को अपनाने से ही आप इस परीक्षा में पास हो सकते हैं। यदि आपके मन में यह सवाल है कि जेईई मेंस की तैयारी कैसे करें, तो यह लेख आपके लिए है। इस लेख में आपके लिए मार्किंग स्कीम के साथ जेईई मेंस की तैयारी की जानकारी दी गई है।
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जेईई मेंस कौन दे सकता है?
जेईई मेंस एक नेशनल-लेवल एंट्रेंस एग्जाम है, जिसे NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) हर साल जनवरी और अप्रैल में दो बार आयोजित करता है। यह परीक्षा उन स्टूडेंट्स के लिए है, जिन्होंने या तो कक्षा 12 पास कर ली है या अभी वे 12वी कक्षा की परीक्षा में बैठने वाले हैं। इस परीक्षा में केवल वे उम्मीदवार योग्य माने जाते हैं जो CBSE, ICSE या राज्य बोर्ड फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स विषयों (PCM) के साथ 12वीं कक्षा को पास करते हैं।
जेईई मेंस का परीक्षा पैटर्न और मार्किंग स्कीम
जेईई मेंस का परीक्षा पैटर्न और मार्किंग स्कीम के बारे में जानकारी पाने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें, जिसकी सहायता से आप परीक्षा के लिए एक बेहतरीन रणनीति बना पाएंगे।
- जेईई मेंस की पूरी परीक्षा क़रीब 3 घंटे की होती है, जिसमें कुल 75 प्रश्न पूछे जाते हैं।
- इस परीक्षा में उम्मीदवारों से प्रत्येक विषय (जैसे – फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स) से 25 प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसमें 20 MCQs और 5 न्यूमेरिकल प्रश्न होते हैं।
- ये परीक्षा कुल 300 मार्क्स की होती हैं, यानी हर विषय का वेटेज 100 मार्क्स का होता है।
- NTA द्वारा 2025 में जारी किए गए नए पैटर्न के तहत अब सेक्शन बी (Section B) में अब ऑप्शन नहीं दिए जाते हैं, इसमें दिए गए सभी 5 प्रश्नों के उत्तर देने अनिवार्य है।
- इस परीक्षा के सेक्शन A में बहुविकल्पी प्रश्न (MCQs), और सेक्शन B में संख्यात्मक मूल्य प्रश्न (Numerical Value Questions) प्रश्नों को पूछा जाता है।
- परीक्षा में प्रत्येक सही उत्तर पर +4 मार्क्स मिलते हैं, जबकि गलत उत्तर पर −1 मार्क्स कटते हैं।
- इस परीक्षा को 180 मिनट में ही आयोजित कराया जाता है।
यह भी पढ़ें – RPSC 2nd ग्रेड सिलेबस और परीक्षा पैटर्न
जेईई मेंस की तैयारी कब और कैसे शुरू करें?
स्ट्रांग फैक्ट्स और सटीक रणनीति के साथ जेईई मेंस की तैयारी शुरू करने से पहले निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें –
- एक्सपर्ट्स का कहना है कि कक्षा 11 से तैयारी शुरू करना सबसे बढ़िया होता है क्योंकि जेईई मेंस का सिलेबस इसी कक्षा से बनना शुरू होता है।
- कक्षा 11 से ही आप बेसिक कॉन्सेप्ट्स को मजबूत करने के साथ-साथ परीक्षा की तयारी शुरू कर सकते हैं।
- यदि इस समय आपकी मेहनत और फोकस डबल है तो आप इस परीक्षा के लिए नॉलेज का एक स्ट्रांग बेस बना सकते हैं।
- इस परीक्षा की तैयारी शुरू करने का पहला कदम है कि आप सिलेबस और पैटर्न को समझो।
- इसके बाद अपनी बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ टाइम टेबल बनाकर आप अध्ययन करने की एक अचूक रणनीति बनाएं।
- इसके लिए प्रतिदिन 2‑3 घंटे JEE के सिलेबस को शुरू करने के लिए रखें, और वीकेंड पर इसे थोड़ा ज़्यादा समय दें।
- इसके लिए NCERT के कॉन्सेप्ट्स एकदम क्लियर करें, ताकि इससे आपको इसकी बेसिक और फाउंडेशनल नॉलेज मिले।
जेईई मेंस की तैयारी के लिए जरूरी विषय और उनके टॉपिक्स
जेईई मेंस की तैयारी के लिए जरूरी विषय और उनके टॉपिक्स की जानकारी के माध्यम से ही आप इस परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे।
मैथमेटिक्स के जरूरी टॉपिक्स
- सेट, संबंध और कार्य
- क्रमपरिवर्तन और संयोजन
- इंटीग्रल कैलकुलस
- सीमा, निरंतरता और भिन्नता
- कोऑर्डिनेट ज्योमेट्री
- द्विपद प्रमेय और इसके सरल अनुप्रयोग
- अनुक्रम और श्रृंखला
- जटिल संख्या और द्विघात समीकरण
- मेट्रिसेस और निर्धारक
- गणितीय तर्क
- तीन आयामी ज्यामिति
- वेक्टर बीजगणित
- सांख्यिकी और संभावना
- त्रिकोणमिति
- विभेदक समीकरण
- गणितीय इंडक्शन
फिज़िक्स के जरूरी टॉपिक्स
- भौतिकी और माप
- कार्य ऊर्जा और शक्ति
- घूर्णी गति
- कीनेमेटीक्स
- गति के नियम
- गुरुत्वाकर्षण
- ठोस और तरल पदार्थ के गुण
- गैसों के काइनेटिक सिद्धांत
- विद्युत चुम्बकीय प्रेरण और प्रत्यावर्ती धाराएं
- विद्युत और चुंबकत्व के चुंबकीय प्रभाव
- प्रायोगिक कौशल
- थर्मोडायनामिक्स
- इलेक्ट्रोस्टैटिक्स
- दोलन और लहरें
- इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स
- ऑप्टिक्स
- करंट इलेक्ट्रिसिटी
- संचार प्रणाली
- पदार्थ और विकिरण की दोहरी प्रकृति
- परमाणु और नाभिक
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
केमिस्ट्री के जरूरी टॉपिक्स
- विलयन
- रासायनिक ऊष्मप्रवैगिकी
- संतुलन
- रेडॉक्स रिएक्शन और इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री
- रासायनिक कैनेटीक्स
- हाइड्रोजन
- धातुओं के अलगाव का सामान्य सिद्धांत और प्रक्रिया
- तत्वों और आवर्त सारणी का वर्गीकरण
- भूतल रसायन विज्ञान
- रसायन विज्ञान में कुछ बुनियादी अवधारणाएं
- पदार्थ की अवस्था
- परमाणु संरचना
- p- ब्लॉक एलिमेंट्स
- S – ब्लॉक तत्व क्षार और क्षारीय पृथ्वी धातु
- रासायनिक संबंध और आणविक संरचना
- D – और f – ब्लॉक तत्व
- समन्वय यौगिक
- पर्यावरण रसायन विज्ञान
- शोधन और कार्बनिक यौगिकों की विशेषता
- कार्बनिक रसायन विज्ञान के कुछ मूल सिद्धांत
- हाइड्रोकार्बन
- ऑक्सीजन युक्त कार्बनिक यौगिक
- नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिक
- पॉलिमर
- बायोमोलेक्युलस
- रोजमर्रा की जिंदगी में रसायन विज्ञान
- प्रैक्टिकल केमिस्ट्री से संबंधित सिद्धांत
यह भी पढ़ें – आर्मी जीडी सिलेबस और एग्जाम पैटर्न
जेईई मेंस के लिए स्टडी प्लान और टाइम टेबल कैसे बनाएं?
जेईई मेंस के लिए स्टडी प्लान और टाइम टेबल बनाने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें –
- सबसे पहले जेईई मेन्स का पैटर्न और सिलेबस साफ-साफ समझ लो, जिससे पता चले कि कौन से टॉपिक्स ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं।
- रोज़ाना पढ़ने का रूटीन बनाएं, साथ ही 50‑10 मेथड से पढ़ना‑ब्रेक लें, और ‘रिवर्स प्लानिंग’ के ज़रिए एग्ज़ाम के समय हर प्रश्न को उचित टाइम दें।
- बेसिक पॉइंट्स क्लियर करने के लिए NCERT बुक्स ज़रूरी हैं; इसके साथ ही आप PYQs और मॉक टेस्ट से अपनी वीक पॉइंट्स और टॉपिक्स को पहचान सकते हैं।
- हर टेस्ट के बाद गलतियों को नोट करो, रिवाइज करो, और अपनी रणनीति बेहतर बनाते रहो। इससे आप खुद में हुए सुधार की अनुभूति कर पाएंगे।
यह भी पढ़ें – आरपीएससी फ़ूड सेफ्टी ऑफिसर सिलेबस और परीक्षा पैटर्न
ऐसे बनाएं टाइम टेबल
ये टाइम टेबल एक उदाहरण के रूप में है, इसे छात्र अपने अनुसार बना सकते हैं, जिससे वे परीक्षा की तैयारी के लिए खुद को अनुशासित करके तैयार कर सकते हैं –
| समय | गतिविधि |
| सुबह (5:00-6:00) | योग/व्यायाम |
| सुबह (6:00-9:00) | सबसे कठिन टॉपिक पढ़ें (फिजिक्स/मैथ्स) |
| वॉल्यम (9:00-12:00) | न्यू टॉपिक + प्रैक्टिस (मैथ्स/केमिस्ट्री मिक्स) |
| दोपहर (12:00-2:00) | लंच और थोड़ा रेस्ट |
| दोपहर बाद (2:00-5:00) | रिवीजन + प्रैक्टिस सेट्स/प्रीवियस पेपर्स – कठिन टॉपिक्स पे एक्स्ट्रा टाइम |
| शाम (5:00-6:00) | ब्रेक, स्ट्रेचिंग, थोड़ा रिलैक्स (माइंड ब्रेक) |
| शाम (6:00-8:00) | हल्के टॉपिक, नोट्स, रिवाइज़ (आसान टॉपिक्स) |
| रात (8:00-10:00) | रिवीजन + मॉक टेस्ट एनालिसिस – रोज़ाना प्रैक्टिस ज़रूरी |
FAQs
जेईई मेंस की तैयारी आप कक्षा 11वीं से ही शुरू कर सकते हैं। इस समय आपका फाउंडेशन मजबूत होता है और आपको पर्याप्त समय भी मिलता है, जिससे आप हर विषय को गहराई से समझ पाते हैं।
जेईई मेन की तैयारी के लिए आपकी पकड़ विषयों पर कितनी है, ये निर्भर करता है। जेईई मेन की तैयारी के लिए आपको कम से कम लगभग 6 महीने का कठिन परिश्रम करना पड़ता है।
एनसीईआरटी जेईई मेंस की तैयारी की रीढ़ मानी जाती है, खासकर फिजिक्स और केमिस्ट्री के लिए। लगभग 60 से 70 प्रतिशत प्रश्न एनसीईआरटी आधारित होते हैं।
हमें उम्मीद है कि इस लेख में जेईई मेंस की तैयारी से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर पाए होंगे। इसी प्रकार के इंडियन एग्जाम से संबंधित अन्य लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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