Guru Kaun Si Sangya Hai | गुरु कौनसी संज्ञा है जानिए उदाहरण के साथ

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Guru Kaun Si Sangya Hai

Guru Kaun Si Sangya Hai इस सवाल का जवाब यहाँ दिया गया है। संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते हैं जिससे किसी वस्तु भाव और जीव के नाम का बोध हो मतलब कि किसी प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।

Guru Kaun Si Sangya Hai?

गुरु जातिवाचक संज्ञा है। राष्ट्रपति शब्द पूरी जाति का बोध कराता है।

गुरु शब्द से बनने वाले वाक्य

गुरु शब्द से बनने वाले वाक्य नीचे दिए गए हैं:

  • दशरथ पुत्रों के गुरु का नाम वशिष्ठ मुनि था।
  • माता-पिता बच्चे के प्रथम गुरु होते हैं।
  • गुरु शिष्य के बीच का रिश्ता अनमोल होता है।
  • एक अच्छा गुरु हर कठिन समय में आपका मार्गदर्शन करता है।

गुरु के पर्यायवाची शब्द

गुरु के पर्यायवाची शब्द नीचे दिए गए हैं:

  1. विज्ञ
  2. ब्राह्मण
  3. विप्र
  4. द्विज
  5. आचार्य
  6. कोविद
  7. उस्ताद
  8. शास्त्रज्ञ
  9. शास्त्रवेत्ता
  10. कथावाचक
  11. मर्मज्ञ
  12. पंडित
  13. ज्ञानी
  14. बुध
  15. धीमान्
  16. धीर
  17. प्रज्ञ
  18. बुद्धिमान
  19. मनीषी
  20. विशेषज्ञ

जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण

जिस शब्द से एक जाति के सभी प्राणियों अथवा वस्तुओं का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- बच्चा, जानवर, नदी, अध्यापक, बाजार, पहाड़, खिड़की आदि शब्द एक ही प्रकार प्राणी वस्तु और स्थान का बोध करा रहे हैं,  इसलिए यह Jativachak Sangya in Hindi है। अन्य शब्दों में किसी प्राणी, वस्तु या स्थान विशेष की जाति या सम्पूर्ण वर्ग का बोध करवाने वाले शब्द को Jativachak Sangya in Hindi कहते हैं।

जैसे: लड़का, वस्तु, नदी, पहाड़, स्थान आदि।

  • लड़का- सभी लड़कों का बोध होता है।
  • वस्तु से सभी प्रकार की वस्तु का बोध होता है।
  • नदी से गंगा, यमुना, सरस्वती आदि सभी नदियों का बोध होता है।
  • मनुष्य कहने से संसार की मनुष्य जाति का बोध होता है।

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