कबड्डी एक पारंपरिक भारतीय खेल है। इसकी जड़ें भारतीय संस्कृति और इतिहास में गहराई से जुड़ी हुई हैं। कबड्डी शारीरिक तंदुरुस्ती को बढ़ावा देता है। इस खेल में दौड़ना, छापा और बचाव करना आदि कलाएं शामिल होती हैं। कबड्डी खेलने के लिए रणनीतिक सोच और तेजी से निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। यह खेल मानसिक और शारीरिक एकाग्रता को भी विकसित करता है। कबड्डी में मानव शरीर को ध्यान केंद्रित रखने, दबाव में शांत रहने और दृढ़ निश्चयी होने की ज़रूरत होती है। कबड्डी पर विद्यालय में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिसमें कबड्डी पर निबंध लिखने को दिया जाता है। इस ब्लॉग में Essay On Kabaddi In Hindi के कुछ सैंपल दिए गए हैं आप जिनकी मदद ले सकते हैं।
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कबड्डी पर 100 शब्दों में निबंध
Essay on Kabaddi in Hindi 100 शब्दों में नीचे दिया गया है-
कबड्डी एक टीम द्वारा खेला जाने वाला खेल है। इसमें सात-सात खिलाड़ियों की दो टीमें होती हैं। एक टीम का खिलाड़ी एक सांस में कबड्डी का उच्चारण लगाते हुए ज़्यादा से ज़्यादा खिलाड़ियों को टैग करने के लिए विरोधी टीम के हाफ़ में प्रवेश करता है। उस खिलाड़ी करने वाले को टैग करके अपने पाले में जाने से रोकने का कार्य सामने वाले विरोधी बचाव दल के लोग करते हैं। बचाव दल यदि विरोधी खिलाड़ी को तीस सेकंड पूरे होने से पहले पकड़ लेता है तो वह खेल से बाहर हो जाता है और यदि वह खिलाड़ी किसी बचाव दल खिलाड़ी को छूकर अपने पाले में चला जाता है तो वह जिसे छूता है वे खेल से बाहर हो जाते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप और पड़ोसी देशों में कबड्डी लोकप्रिय खेल है। कबड्डी बांग्लादेश और नेपाल का राष्ट्रीय खेल भी है। यहां इसे विद्यालयों में भी पढ़ाया जाता है। भारत में यह खेल पूरे देश में खेला जाता है मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, केरल, महाराष्ट्र और ओडिशा का राज्य खेल है। यह खेल व्यापक रूप से खेला जाता है और इन क्षेत्रों में सांस्कृतिक महत्व रखता है।
कबड्डी पर 200 शब्दों में निबंध
Essay on Kabaddi in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है-
कबड्डी एक टीम द्वारा खेला जाने वाला खेल है। एक टीम में साथ खिलाड़ियों के साथ इसे खेला जाता है। इस खेल में बचाव करने वाले खिलाड़ी उनके पाले में आने वाले खिलाड़ी को रोकने की कोशिश करते हैं, जो विरोधी पक्ष से होता है। कबड्डी बोलकर जाने वाला खिलाड़ी एक ही सांस में अधिक से अधिक बचाव दल के लोगों को चुने का प्रयास करता है। एलजी वाले में जाने वाले खिलाड़ी प्रत्येक प्रतिद्वंद्वी को छूने पर अंक अर्जित करती है, जिससे वे खिलाड़ी खेल से बाहर हो जाते हैं। इसके विपरीत बचाव करने वाली टीम विरोधी खिलाड़ी को सफलतापूर्वक पकड़ने के लिए अंक अर्जित करती है। खिलाड़ियों को उनकी टीम द्वारा बनाए गए प्रत्येक अंक के लिए पुनर्जीवित किया जाता है और खेल में वापस लाया जाता है। हमले और बचाव का यह चक्र तब तक जारी रहता है जब तक कि एक पक्ष पूरी तरह से आउट नहीं हो जाती।
कबड्डी को भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। भारत के पश्चिमी क्षेत्र में इसे हू-तू-तू कहा जाता है, पूर्वी क्षेत्र में इसे हू-डू-डू के रूप में जाना जाता है। दक्षिणी क्षेत्र में इसे चडाकुडु कहा जाता है। बांग्लादेश में इस खेल को हा-डू-डू कहा जाता है। नेपाल में इसे कपर्डी के रूप में जाना जाता है।
कबड्डी की शैलियाँ कबड्डी खेल के मैदान के आकार के आधार पर दो अलग-अलग शैलियों में खेली जाती है। सर्कल स्टाइल जिसे पंजाबी कबड्डी के नाम से भी जाना जाता है। इसे एक गोलाकार मैदान पर खेला जाता है और यह पंजाब के ग्रामीण इलाकों में विशेष रूप से लोकप्रिय है, जहाँ इसकी उत्पत्ति हुई थी। कबड्डी एक आयताकार कोर्ट पर खेला जाता है और यह एशियाई खेलों सहित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में इस्तेमाल किया जाने वाला फॉर्मेट है। नामों और शैलियों में ये विविधताएँ विभिन्न क्षेत्रों में कबड्डी की विविधता और इतने पसंद होने का कारण दर्शाती हैं।
कबड्डी पर 500 शब्दों में निबंध
कबड्डी पर 500 शब्दों में निबंध (Essay on Kabaddi in Hindi) नीचे दिया गया है-
प्रस्तावना
कबड्डी भारत के सबसे पुराने और सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है। माना जाता है कि इसकी शुरुआत तमिलनाडु में हुई थी और अब इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला जाता है। खेल छात्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शारीरिक व्यायाम और मानसिक विकास दोनों में योगदान करते हैं। कबड्डी एक ऐसा खेल है जो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत करता है। भारत में जन्मा यह खेल आज दुनिया के कई सारे देशों में खेला जाता है। कबड्डी की दोनों टीमों में 12- 12 खिलाड़ी होते हैं जिनमें से एक समय पर केवल 7 खिलाड़ी एक टीम की तरफ से खेलते हैं। कबड्डी के सभी वर्ल्डकप आज तक केवल भारत ने ही जीतें हैं।
कबड्डी का इतिहास
माना जाता है कबड्डी का उद्भव वैदिक काल में हुआ था। शुरू में इस खेल को शारीरिक शक्ति दिखाने के लिए खेला जाता था। इस खेल को अक्सर रोमांचकारी बताया जाता है। वर्ष 1938 में, कबड्डी को भारतीय ओलंपिक खेलों में शामिल किया गया और वर्ष 1950 में अखिल भारतीय कबड्डी महासंघ की स्थापना की गई थी। कबड्डी को वर्ष 1990 में और मान्यता मिली जब यह बीजिंग एशियाई खेलों का हिस्सा बन गया था, जिसने कबड्डी को एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में लोकप्रिय बना दिया।
कबड्डी के नियम
कबड्डी में कई तरह के बदलाव होते हैं। स्कोरिंग, खिलाड़ियों की संख्या और किसी को आउट घोषित करने के बुनियादी नियम ज़्यादातर एक जैसे ही होते हैं। यहाँ बुनियादी नियम दिए गए हैं-
- प्रत्येक टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं, जिसमें एक समय में सिर्फ़ 7 खिलाड़ी ही कोर्ट पर होते हैं, बाकी खिलाड़ी सब्स्टीट्यूट होते हैं।
- खेल की शारीरिक प्रकृति के कारण खिलाड़ियों की उम्र और वज़न के हिसाब से मैचों को वर्गीकृत किया जाता है।
- प्रत्येक खेल में दो हाफ होते हैं, जिनमें से प्रत्येक 20 मिनट का होता है, जिसमें हाफ़टाइम पर 5 मिनट का ब्रेक होता है।
- हमलावर एक ही सांस में विरोधी टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को छूने पर एक अंक अर्जित करता है। बचाव करने वाली टीम को एक अंक मिलता है, अगर वे विरोधी को सफलतापूर्वक पकड़ लेते हैं।
- जिन खिलाड़ियों को पाले से बाहर घोषित किया जाता है, उन्हें प्रत्येक अंक अर्जित करने पर खेल में वापस लाया जा सकता है।
- टीमें हमले और बचाव के बीच बारी-बारी से खेलती हैं और हाफ़टाइम के बाद पक्ष बदल लेती हैं।
- खेल इस तरह तब तक चलता रहता है, जब तक समय समाप्त नहीं हो जाता। अंत में सबसे ज़्यादा अंक पाने वाली टीम जीत जाती है।
भारत में प्रो कबड्डी लीग की शुरुआत
वर्ष 2014 में प्रो-कबड्डी लीग के लॉन्च ने भारत में कबड्डी को ग्लैमर दिया था। यह क्रिकेट की इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के बाद दूसरा सबसे ज़्यादा देखा जाने वाला खेल आयोजन बन गया। इस लीग ने कई ग्रामीण भारतीय खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान किया। जिससे उन्हें आजीविका और जीविका का साधन मिला। क्रिकेट, फुटबॉल और बास्केटबॉल के विपरीत, कुछ प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के बावजूद कबड्डी में ज़्यादा प्रतियोगिताएँ नहीं होती थीं। प्रो-कबड्डी लीग ने इसे बदल दिया है।
उपसंहार
कबड्डी सिर्फ़ एक खेल नहीं है। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है और कई महत्वाकांक्षी एथलीटों के लिए आशा की किरण है। प्राचीन काल से आधुनिक युग तक की इसकी यात्रा इस गतिशील खेल की कालातीत अपील और स्थायी महत्व को रेखांकित करती है। यह एक ऐसा खेल है जिसे खेलने के लिए आपको अधिक पैसे खर्च नहीं करने पड़ते हैं, केवल कुछ लोगों की टीम बनाकर आप इसे खेल सकते हैं।
FAQs
कबड्डी एक संपर्क टीम खेल है जो सात खिलाड़ियों की दो टीमों के बीच खेला जाता है, जिसकी उत्पत्ति प्राचीन भारत में हुई थी।
यह दिवस वर्ष 2019 से प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है।
कबड्डी का मैच आम तौर पर 40 मिनट (20 मिनट के दो हाफ) तक चलता है। मैच की शुरुआत दो टीमों के बीच सिक्का उछालने से होती है और विजेता यह तय कर सकता है कि पहले रेड करना है या बचाव करना है। प्रत्येक टीम को प्रत्येक हाफ में दो टाइम-आउट की अनुमति है।
आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में Essay on Kabaddi in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।