त्वचा हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील अंग है। स्वस्थ त्वचा न केवल दिखने में खूबसूरत लगती है, बल्कि हमारे शरीर को बाहरी संक्रमण, प्रदूषण और एलर्जी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। त्वचा, बाल और नाखून से जुड़ी बीमारियों का इलाज करने वाला विशेषज्ञ डर्मेटोलॉजिस्ट (Dermatologist) कहलाता है। आज के समय में स्किन केयर, कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट और आधुनिक लेज़र तकनीक के बढ़ते उपयोग के कारण डर्मेटोलॉजिस्ट का करियर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि डर्मेटोलॉजिस्ट कैसे बनें, कौन-सी योग्यता चाहिए, कोर्स क्या होते हैं, एडमिशन प्रक्रिया क्या है, करियर स्कोप क्या है, सैलरी कितनी है और विदेश में कैसे सफलता मिलती है, तो यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है।
This Blog Includes:
- डर्मेटोलॉजिस्ट कौन होते हैं?
- डर्मेटोलॉजिस्ट बनने की प्रक्रिया
- स्टेप 1: 10वीं के बाद सही विषय चुनें
- स्टेप 2: 12वीं के बाद MBBS में एडमिशन लें
- स्टेप 3: MBBS पूरा करने के बाद PG (MD/DNB डर्मेटोलॉजी) करें
- स्टेप 4: सुपर स्पेशलाइजेशन
- स्टेप 5. प्रैक्टिस, इंटर्नशिप और लाइसेंस प्राप्त करें
- स्टेप 6. हॉस्पिटल/क्लिनिक/प्राइवेट प्रैक्टिस में करियर की शुरुआत करें
- स्टेप 7. करियर स्कोप के साथ-साथ सैलरी के बारे में जानें
- विदेश में डर्मेटोलॉजिस्ट बनने की स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
- स्टेप 1. 10+2 साइंस स्ट्रीम से पास करें
- स्टेप 2. ग्रेजुएशन मेडिकल डिग्री प्राप्त करें
- स्टेप 3. डर्मेटोलॉजिस्ट बनने के लिए लाइसेंसिंग परीक्षा पास करें
- स्टेप 4. रेजीडेंसी के लिए आवेदन करें
- स्टेप 5. रेजीडेंसी प्रशिक्षण पूरा करें
- स्टेप 6. बोर्ड सर्टिफिकेशन प्राप्त करें
- स्टेप 7. अभ्यास के लिए लाइसेंस प्राप्त करें
- FAQs
डर्मेटोलॉजिस्ट कौन होते हैं?
डर्मेटोलॉजिस्ट वह चिकित्सक होते हैं जो त्वचा, बाल और नाखून से जुड़ी सभी समस्याओं का इलाज करते हैं। ये विशेषज्ञ सिर्फ स्किन प्रॉब्लम का इलाज ही नहीं करते, बल्कि लोगों की त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाए रखने के लिए सही देखभाल और सलाह भी देते हैं। वे त्वचा की सामान्य समस्याओं जैसे पिंपल्स, रैशेज़, एक्जिमा, दाग-धब्बे या एलर्जी का इलाज करते हैं। साथ ही, गंभीर समस्याओं जैसे त्वचा का कैंसर, फंगल इन्फेक्शन या हार्मोनल इश्यूज में भी उनका इलाज अहम होता है। डर्मेटोलॉजिस्ट की मुख्य जिम्मेदारियां इस प्रकार हैं:
- मरीज की त्वचा, बाल और नाखून का मेडिकल एग्जामिनेशन
- स्किन, फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का इलाज
- स्किन कैंसर जैसी गंभीर स्थितियों का निदान
- कॉस्मेटिक प्रक्रियाएँ (बोटॉक्स, केमिकल पीलिंग)
- लेज़र थेरेपी (टैनिंग, पिगमेंटेशन, टैटू रिमूवल, हेयर रिमूवल)
- त्वचा की बायोप्सी और छोटी सर्जरी करना
- एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट, दाग-धब्बे इलाज
- मरीज की रिपोर्टिंग, रिकॉर्डिंग और फॉलो-अप
- नई तकनीकों और स्किन साइंस की जानकारी लगातार अपडेट करना
डर्मेटोलॉजिस्ट बनने की प्रक्रिया
नीचे हम आपको स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया बता रहे हैं, जिससे आप समझ सकें कि 10वीं के बाद से लेकर प्रैक्टिस शुरू करने तक के सारे जरूरी कदम क्या-क्या हैं।
स्टेप 1: 10वीं के बाद सही विषय चुनें
डर्मेटोलॉजिस्ट बनने के लिए पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है 10वीं के बाद सही स्ट्रीम का चयन करना। मेडिकल फील्ड में करियर बनाने के लिए PCB (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) अनिवार्य हैं। ये तीनों विषय आपकी मेडिकल पढ़ाई की नींव हैं।
फिजिक्स का ज्ञान मेडिकल पढ़ाई में जरूरी है, खासकर बायोफिजिक्स, मेडिकल इमेजिंग और शरीर के फिजिकल प्रोसेस को समझने के लिए। केमिस्ट्री का ज्ञान बायोकैमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी और दवाओं के निर्माण में काम आता है। यह शरीर में होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं और दवाओं के असर को समझने में मदद करता है।
बायोलॉजी पढ़ना सबसे जरूरी है क्योंकि इससे हमें मानव शरीर, उसके अंग और कोशिकाएं कैसे काम करती हैं, और बीमारियां क्यों होती हैं यह समझ में आता है। इस स्टेप में अच्छे अंक और मजबूत बेस बनाना जरूरी है, क्योंकि यह आगे की मेडिकल एंट्रेंस परीक्षाओं और MBBS में सफलता की नींव रखता है।
स्टेप 2: 12वीं के बाद MBBS में एडमिशन लें
12वीं पास करने के बाद डर्मेटोलॉजिस्ट बनने के लिए MBBS करना ज़रूरी है। इसके लिए NEET परीक्षा पास करनी होती है, जिसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के सवाल पूछे जाते हैं। MBBS की पढ़ाई लगभग 5.5 साल की होती है, जिसमें 4.5 साल पढ़ाई और 1 साल इंटर्नशिप शामिल है।
इसे तीन हिस्सों में बाँटा गया है: पहले 1–2 साल में एनाटॉमी, फिज़ियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री पढ़ाई जाती है; तीसरे और चौथे साल में पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फार्माकोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन और कम्युनिटी मेडिसिन का ज्ञान लिया जाता है और आख़िरी साल में मेडिसिन, सर्जरी, ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, ईएनटी, ऑफ्थैल्मोलॉजी, डर्मेटोलॉजी और साइकेट्री की क्लिनिकल ट्रेनिंग होती है।
स्टेप 3: MBBS पूरा करने के बाद PG (MD/DNB डर्मेटोलॉजी) करें
MBBS पूरी करने के बाद डर्मेटोलॉजिस्ट बनने के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) करना जरूरी है। इसके लिए दो विकल्प हैं: MD डर्मेटोलॉजी (डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन) या DNB डर्मेटोलॉजी (डिप्लोमेट ऑफ़ नेशनल बोर्ड)। PG के दौरान आप एडवांस्ड डर्मेटोलॉजी नॉलेज सीखते हैं, जिसमें स्किन डिसऑर्डर का डायग्नोसिस , मेडिकल, सर्जिकल और कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी प्रोसीजर हेयर और नेल डिसऑर्डर का इलाज शामिल है। PG के दौरान आपको रेयर और कॉम्प्लेक्स स्किन केसेस का अनुभव मिलता है और लेटेस्ट ट्रीटमेंट और मेडिकेशन का ज्ञान भी हासिल होता है।
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स्टेप 4: सुपर स्पेशलाइजेशन
MD या DNB डर्मेटोलॉजी पूरी करने के बाद आप सुपर स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं, जिससे आप और अधिक विशेषज्ञ बन जाते हैं। इसके लिए आप अलग-अलग क्षेत्रों में अनुभव और ज्ञान बढ़ा सकते हैं:
- फेलोशिप: फेलोशिप: किसी खास क्षेत्र में काम करना, जैसे कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी, लेज़र ट्रीटमेंट, बालों का इलाज आदि।
- रिसर्च: नई दवाइयों, उपचार तकनीकों या त्वचा रोगों पर अध्ययन करना और नए तरीके ढूँढना।
- कॉस्मेटोलॉजी / लेज़र ट्रीटमेंट: त्वचा की सुंदरता बढ़ाने और लेज़र या अन्य ट्रीटमेंट करना सीखना।
स्टेप 5. प्रैक्टिस, इंटर्नशिप और लाइसेंस प्राप्त करें
डर्मेटोलॉजिस्ट बनने की प्रक्रिया सिर्फ किताबें पढ़ने से पूरी नहीं होती। यह एक क्लिनिकल फील्ड है जहाँ हर डॉक्टर को मरीजों के साथ रियल-टाइम प्रैक्टिकल अनुभव, मेडिकल सुपरविजन और कानूनी रूप से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होता है। इस स्टेप में तीन चीज़ें शामिल होती हैं:
- MBBS की अनिवार्य इंटर्नशिप: MBBS पूरा करने के बाद एक साल की रोटेटरी इंटर्नशिप करना हर मेडिकल स्टूडेंट के लिए अनिवार्य होता है। यह वह चरण है जहाँ आप पहली बार मरीजों के साथ वास्तविक मेडिकल सेटिंग में काम करते हैं। इंटर्नशिप के दौरान आपको मेडिसिन, सर्जरी, गायनेकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, इमरजेंसी और कम्युनिटी मेडिसिन जैसे विभिन्न विभागों में रोटेशन मिलता है।
इसी दौरान डर्मेटोलॉजी रोटेशन में आपको स्किन रोगों का प्रारंभिक निरीक्षण, सामान्य त्वचा रोगों (जैसे एलर्जी, फंगल इंफेक्शन, रैशेज़ आदि) का डायग्नोसिस और उनके बेसिक उपचार को समझने का अनुभव मिलता है। यह इंटर्नशिप आपको क्लिनिकल फैसले लेने, मरीजों से संवाद करने और वास्तविक मेडिकल जिम्मेदारियों को समझने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। - लाइसेंस प्राप्त करना (NMC/SMC रजिस्ट्रेशन): डॉक्टर के रूप में कानूनी रूप से काम करने के लिए आपके पास नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) या किसी राज्य मेडिकल परिषद का मान्य रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है। इंटर्नशिप शुरू करने से पहले छात्रों को प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन दिया जाता है, जिससे वे अस्पताल में काम कर सकें। इंटर्नशिप पूरी होने के बाद उन्हें परमानेंट रजिस्ट्रेशन मिलता है, जो भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने का आधिकारिक अधिकार देता है।
MD या DNB डर्मेटोलॉजी पूरा करने के बाद आपको अपने स्पेशलाइजेशन को भी मेडिकल काउंसिल में रजिस्टर कराना पड़ता है, ताकि आप आधिकारिक रूप से डर्मेटोलॉजिस्ट के रूप में पहचाने जाएँ। यह लाइसेंसिंग स्टेप आपके करियर का सबसे जरूरी हिस्सा है, क्योंकि इसके बिना आप न नौकरी कर सकते हैं और न ही अपना क्लिनिक खोल सकते हैं। - हॉस्पिटल ट्रेनिंग (MD/DNB के दौरान उन्नत क्लिनिकल अनुभव): डर्मेटोलॉजिस्ट बनने का असली अनुभव MD या DNB डर्मेटोलॉजी की तीन साल की रेजिडेंसी ट्रेनिंग के दौरान मिलता है। इस समय आपको रोज़ाना OPD में आने वाले मरीजों को देखना, स्किन रोगों की पहचान करना और विभिन्न तरह के ट्रीटमेंट देना सिखाया जाता है। इसके अलावा इस ट्रेनिंग में लेज़र थेरेपी, टैटू रिमूवल, एक्ने स्कार लेज़र, कैमिकल पील्स, PRP, बोटॉक्स, फिलर्स और कई तरह की एस्थेटिक प्रक्रियाओं का प्रैक्टिकल उपयोग भी सिखाया जाता है।
साथ ही, स्किन बायोप्सी, मोल हटाना, वार्ट रिमूवल जैसे छोटे सर्जिकल प्रोसीजर्स भी रेजिडेंसी का हिस्सा होते हैं। नाइट ड्यूटी और इमरजेंसी केस मैनेजमेंट डॉक्टर की निर्णय क्षमता और आत्मविश्वास को और मजबूत बनाता है। यही ट्रेनिंग एक डर्मेटोलॉजिस्ट को पूर्ण, सक्षम और विशेषज्ञ चिकित्सक बनाती है।
स्टेप 6. हॉस्पिटल/क्लिनिक/प्राइवेट प्रैक्टिस में करियर की शुरुआत करें
सारी पढ़ाई और ट्रेनिंग पूरी होने के बाद आप करियर की शुरुआत कर सकते हैं:
- हॉस्पिटल में जॉब: सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल में कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट के रूप में काम करना।
- क्लिनिक खोलना: अपने क्लिनिक में जनरल और कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी की सेवाएँ देना।
- प्राइवेट प्रैक्टिस / फ्रीलांस: स्किन केयर क्लिनिक, कॉस्मेटिक सेंटर, एस्थेटिक ट्रीटमेंट में काम करना।
- टीचिंग और रिसर्च: मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी बनना या रिसर्च प्रोजेक्ट्स करना।
स्टेप 7. करियर स्कोप के साथ-साथ सैलरी के बारे में जानें
डर्मेटोलॉजिस्ट बनने के बाद आपका करियर न केवल सम्मानजनक होता है, बल्कि आर्थिक रूप से भी मजबूत होता है। सैलरी आपकी योग्यता, अनुभव, कार्यस्थल (सरकारी या प्राइवेट) और विशेषज्ञता पर निर्भर करती है। ambitionbox.com के अनुसार एक डर्मेटोलॉजिस्ट की सालाना सैलरी INR 5 लाख – INR 24 लाख होती है। नीचे दी गई सैलरी अनुमानित है, जो जगह, पद और अनुभव के अनुसार बदल सकती है।
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विदेश में डर्मेटोलॉजिस्ट बनने की स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
विदेश में डर्मेटोलॉजिस्ट बनने की प्रक्रिया भारत से थोड़ी अलग होती है, जो यूनिवर्सिटीज के आधार पर थोड़ी भिन्न-भिन्न हो सकती है। हालाँकि आमतौर पर इसकी प्रक्रिया को निम्नलिखित स्टेप्स के माध्यम से समझा जा सकता है –
स्टेप 1. 10+2 साइंस स्ट्रीम से पास करें
भारत में 12वीं कक्षा को भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान (PCB) विषयों के साथ अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करना प्रारंभिक आवश्यकता है। 12वीं में अच्छे अंक लाने से आपके सामने करियर की ग्रोथ के चांस और बढ़ जाते हैं।
स्टेप 2. ग्रेजुएशन मेडिकल डिग्री प्राप्त करें
इसके बाद अगला स्टेप ग्रेजुएशन मेडिकल डिग्री प्राप्त करना है। इसके लिए आपको भारत में MBBS की डिग्री पूरी करनी होगी। यह विदेश में आपकी पढ़ाई की नींव को मजबूती दे सकती है।
स्टेप 3. डर्मेटोलॉजिस्ट बनने के लिए लाइसेंसिंग परीक्षा पास करें
विदेश में प्रैक्टिस करने के लिए, आपको उस देश की मेडिकल लाइसेंसिंग परीक्षा देनी होगी। ये मेडिकल मेडिकल लाइसेंसिंग परीक्षा हर देश की अलग-अलग हो सकती है। उदाहरण के लिए USA में USMLE (यूनाइटेड स्टेट्स मेडिकल लाइसेंसिंग एग्जामिनेशन) पास करना और ECFMG सर्टिफिकेट प्राप्त करना। UK में PLAB (प्रोफेशनल एंड लिंग्विस्टिक असेसमेंट्स बोर्ड) टेस्ट 1 और 2 पास करना और GMC (जनरल मेडिकल काउंसिल) में पंजीकरण करना। कनाडा में MCCQE (मेडिकल काउंसिल ऑफ कनाडा क्वालीफाइंग एग्जामिनेशन) पास करना होता है।
स्टेप 4. रेजीडेंसी के लिए आवेदन करें
लाइसेंसिंग परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, आपको उस देश के अस्पतालों में डर्मेटोलॉजी रेजीडेंसी प्रोग्राम के लिए आवेदन करना होगा, जो आमतौर पर 3 से 4 साल तक रहते हैं। आपको अपने आवेदन (ERAS, CaRMS, आदि) को मजबूत करने के लिए रिसर्च, पब्लिकेशंस और उस देश में क्लीनिकल रोटेशंस अनुभव/इलेक्टिवस की आवश्यकता होती है।
स्टेप 5. रेजीडेंसी प्रशिक्षण पूरा करें
इसके बाद आपको डर्मेटोलॉजी में 3-4 साल की सुपरवाइज्ड ट्रेनिंग पूरा करें। ये आपकी ग्रोथ के लिए सबसे जरुरी है। इसके साथ ही आपको क्लिनिकल ट्रेनिंग और इंटर्नशिप को पूरा करें।
स्टेप 6. बोर्ड सर्टिफिकेशन प्राप्त करें
रेजीडेंसी पूरी करने के बाद, आपको संबंधित देश के विशेषज्ञ बोर्ड (जैसे अमेरिकन बोर्ड ऑफ डर्मेटोलॉजी, रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन ऑफ यूके) द्वारा प्रमाणित होना होगा।
स्टेप 7. अभ्यास के लिए लाइसेंस प्राप्त करें
सर्टिफिकेशन के बाद, आप उस देश में एक लाइसेंस प्राप्त और पूर्णकालिक डर्मेटोलॉजिस्ट के रूप में स्वतंत्र रूप से अभ्यास करने के लिए पात्र हो जाते हैं।
FAQs
हां, लाइसेंस और अनुभव मिलने के बाद आप प्राइवेट क्लिनिक खोल सकते हैं। इससे आपको अपने मरीज चुनने और फ्री टाइम मैनेज करने की आज़ादी मिलती है।
नहीं, 12वीं के बाद सीधे डर्मेटोलॉजिस्ट नहीं बन सकते। सबसे पहले MBBS करनी होगी, फिर MD/DNB Dermatology।
आप सामान्य डॉक्टर के तौर पर त्वचा संबंधी मामूली ट्रीटमेंट कर सकते हैं, लेकिन स्पेशलिस्ट के रूप में प्रैक्टिस या हॉस्पिटल जॉब नहीं ले सकते।
हाँ। बिना मेडिकल लाइसेंस या PG डिग्री के आप क्लिनिक नहीं चला सकते।
विदेश में काम करने के लिए आपको वहां का मेडिकल लाइसेंस, MD/DNB या समकक्ष डिग्री और इमिग्रेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी। सिर्फ भारत की डिग्री और लाइसेंस विदेश में काम नहीं आएगा।
हमें आशा है कि डर्मेटोलॉजिस्ट कैसे बने उसकी जानकारी यहां दी गई स्टेप बाय स्टेप गाइड से मिल गई होगी। ऐसे ही अन्य करियर से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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