क्या आप सोच रहे हैं Bhawani Shankar Mein Kaun Sa Samas Hai? तो आपको बता दें कि भवानीशंकर में द्वंद्व समास है। यह जानने से पहले कि द्वंद्व समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा नया शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाता है तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है। Bhawani Shankar Mein Kaun Sa Samas Hai यह तो आप जान गए हैं, आप इस ब्लॉग में आगे जानेंगे भवानीशंकर का समास विग्रह, भवानीशंकर में द्वंद्व समास क्यों है, द्वंद्व समास क्या होता है और साथ ही द्वंद्व समास के कुछ अन्य उदाहरण।
Bhawani Shankar Mein Kaun Sa Samas Hai?
भवानीशंकर में द्वंद्व समास है।
द्वंद्व समास क्या होता है?
द्वंद्व समास, समास का वह रूप जिसमें प्रथम और द्वितीय दोनों पद प्रधान होते हैं उसे द्वंद्व समास कहते हैं। जैसे- अच्छा-बुरा (अच्छा या बुरा), आजकल (आज और कल)।
‘द्वंद्व समास’ के उदाहरण इस प्रकार हैं:
- शस्त्रास्त्र = शस्त्र और अस्त्र
- शीतातप = शीत या आतप
- अन्न-जल = अन्न और जल
- यशापयश = यश या अपयश
- शीतोष्ण = शीत या उष्ण
- दाल-रोटी = दाल और रोटी
- धर्माधर्म = धर्म या अधर्म
- जलवायु = जल और वायु
- सुरासुर = सुर या असुर।
द्विगु और कर्मधारय समास में अंतर
द्विगु समास तथा कर्मधारय समास में सबसे बड़ा अंतर यही है कि द्विगु समास का पूर्वपद संख्यावाची विशेषण होता है जबकि कर्मधारय समास का पूर्वपद विशेषण हो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि द्विगु समास का उत्तरपद किसी समूह का बोध कराता है। यदि विग्रह करते समय उत्तरपद के साथ समूह या समाहार शब्द का प्रयोग नहीं किया गया हो तो पूर्वपद संख्यावाची होते हुए भी यह कर्मधारय समास कहलाएगा।
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FAQs
द्वंद्व समास है।
भारतीय रुपया (INR)
तत्पुरुष समास।
अव्ययीभाव समास।
उम्मीद है कि Bhawani Shankar Mein Kaun Sa Samas Hai आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बने रहें।