Amritlal Vegad Ka Jivan Parichay : अमृतलाल वेगड़ गुजराती तथा हिंदी भाषा के विख्यात साहित्यकार और जाने-माने चित्रकार थे। साथ ही वह शिक्षक, समाजसेवी और पर्यावरणविद् सहित कई प्रतिभाओं के धनी रहे हैं। वेगड़जी ने साहित्य में अनुपम कृतियों के सृजन के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी उल्लेखनीय कार्य किया हैं। उन्होंने नर्मदा परिक्रमा (Narmada Yatra) दो बार पूरी की है। अमृतलाल वेगड़ ने नर्मदा पर चार किताबें लिखीं हैं- ‘सौंदर्य की नदी नर्मदा’, ‘अमृतस्य नर्मदा’, ‘तीरे-तीरे नर्मदा’ और ‘नर्मदा तुम कितनी सुंदर हो’। इनमें ‘सौंदर्य की नदी नर्मदा’ काफी प्रसिद्ध कृति है।
अमृतलाल वेगड़ को साहित्य, कला और शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए ‘शिखर सम्मान’, ‘राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान’, ‘महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार’ व ‘विद्यानिवास मिश्र स्मृति सम्मान’ आदि से सम्मानित किया जा चुका हैं। बता दें कि अमृतलाल वेगड़ और उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET और UPSC में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी अमृतलाल वेगड़ का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है।
आइए अब इस लेख में समादृत साहित्यकार अमृतलाल वेगड़ का जीवन परिचय (Amritlal Vegad Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | अमृतलाल वेगड़ (Amritlal Vegad) |
जन्म | 03 अक्टूबर, 1928 |
जन्म स्थान | जबलपुर, मध्य प्रदेश |
शिक्षा | विश्व-भारती विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल |
पत्नी का नाम | कांता वेगड़ |
संतान | शरद, दिलीप, नीरज, अमित और राजीव वेगड़ |
कार्य क्षेत्र | साहित्यकार, चित्रकार, शिक्षक व पर्यावरणविद् |
भाषा | गुजराती और हिंदी |
मुख्य रचनाएँ | सौंदर्य की नदी नर्मदा, अमृतस्य नर्मदा, तीरे-तीरे नर्मदा और नर्मदा तुम कितनी सुंदर हो। |
पुरस्कार एवं सम्मान | गुजरात साहित्य अकादमी का गौरव पुरस्कार, शिखर सम्मान, राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान तथा महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार आदि। |
निधन | 06 जुलाई, 2018 |
This Blog Includes:
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ था जन्म – Amritlal Vegad Ka Jivan Parichay
अमृतलाल वेगड़ का जन्म 03 अक्टूबर, 1928 को मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ था। उनके प्रारंभिक जीवन के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। वेगड़जी ने वर्ष 1948 से 1953 तक विश्व-भारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन में आर्ट की पढ़ाई की थी। आधुनिक भारतीय कला के अग्रदूतों में से एक ‘नंदलाल बोस’ (Nandalal Bose) उनके गुरु थे। अमृतलाल वेगड़ ने चित्रकला में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। किंतु प्रकृति से उनका लगाव कुछ इस तरह बढ़ा कि उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन इसी के लिए समर्पित कर दिया।
दो बार की नर्मदा परिक्रमा
अमृतलाल वेगड़ को नर्मदा नदी से अधिक लगाव था। उन्होंने अपने जीवन में नर्मदा नदी की लगभग चार हजार किलोमीटर की लंबी पदयात्रा की थी। साथ ही नर्मदा अंचल में फैली बेशुमार जैव विविधता (Biodiversity) से दुनिया को परिचित कराया था। अमृतलाल वेगड़ ने अपने जीवन में दो बार ‘नर्मदा परिक्रमा’ (Narmada Yatra) पूरी की थी। पहली बार वर्ष 1977 में, जब वे 50 वर्ष के हुए थे और दूसरी बार वर्ष 2002 में जब उन्होंने 75 साल पूरे किए थे। उन्होंने नदी संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा के लिए अभियान भी चलाया और नर्मदा नदी से जुड़े अनुभवों पर कई पुस्तकें भी लिखी।
अमृतलाल वेगड़ की प्रमुख रचनाएँ – Amritlal Vegad Ki Rachnaye
अमृतलाल वेगड़ ने गुजराती और हिंदी भाषा में कई किताबें लिखीं हैं। साथ ही उनकी रचनाओं का बांग्ला, संस्कृत और मराठी भाषा सहित कई विदेशी भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित हो चुका है। यहाँ अमृतलाल वेगड़ का जीवन परिचय के साथ ही उनकी प्रमुख रचनाओं के बारे में बताया गया है:-
नर्मदा पदयात्रा वृत्तांत
- सौन्दर्यनी नदी नर्मदा
- अमृतस्य नर्मदा
- तीरे-तीरे नर्मदा
- नर्मदा तुम कितनी सुंदर हो
- नदिया गहरी नाव पुरानी
- परिक्रमा नर्मदा मैथानी
- स्मृति आनु शांतिनिकेतन
- सरोवर छली पड़या! (गुजराती)
- Beauty, Narmada River of Joy (अंग्रेज़ी)
पुरस्कार एवं सम्मान
अमृतलाल वेगड़ (Amritlal Vegad Ka Jivan Parichay) को साहित्य, कला और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- चित्रकला के लिए मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा ‘शिखर सम्मान’।
- मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा ‘राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान’।
- भारत सरकार द्वारा ‘महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार’।
- गुजरात साहित्य अकादमी का ‘गौरव पुरस्कार’।
- गुजराती पुस्तक ‘सौन्दर्यनी नदी नर्मदा’ साहित्य अकादेमी, दिल्ली का ‘अकादमी पुरस्कार’।
- ‘विद्यानिवास मिश्र स्मृति सम्मान’
- वर्ष 2018 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा अमृतलाल वेगड़ जी डी.लिट्. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
निधन
अमृतलाल वेगड़ (Amritlal Vegad) ने कई दशकों तक गुजराती और हिंदी साहित्य को अपनी लेखनी से समृद्ध किया था। किंतु उम्र संबंधी बीमारियों के कारण उनका 89 वर्ष की आयु में 06 जुलाई, 2018 को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। नर्मदा किनारे ग्वारीघाट, जबलपुर पर उनका अंतिम संस्कार हुआ था।
FAQs
अमृतलाल वेगड़ का जन्म 03 अक्टूबर, 1928 को मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ था।
अमृतलाल वेगड़ ने विश्व-भारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन से कला का अध्ययन किया था।
अमृतलाल वेगड़ की पत्नी का नाम ‘कांता वेगड़’ हैं।
अमृतलाल वेगड़ की बहुचर्चित पुस्तक ‘सौंदर्य की नदी नर्मदा’ का प्रकाशन वर्ष 1992 में हुआ था।
अमृतलाल वेगड़ ने अपने जीवनकाल में दो बाद नर्मदा परिक्रमा (Narmada Yatra) की थी।
यह अमृतलाल वेगड़ का लोकप्रिय नर्मदा पदयात्रा वृत्तांत हैं।
अमृतलाल वेगड़ का निधन 06 जुलाई, 2018 को 89 वर्ष की आयु में हुआ था।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ मूर्धन्य साहित्यकार अमृतलाल वेगड़ का जीवन परिचय (Amritlal Vegad Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
आशा है कि आपको समादृत साहित्यकार अमृतलाल वेगड़ का जीवन परिचय (Amritlal Vegad Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।