अमृतलाल वेगड़ गुजराती और हिंदी भाषा के विख्यात साहित्यकार एवं प्रसिद्ध चित्रकार थे। साथ ही वे शिक्षक, समाजसेवी और पर्यावरणविद् जैसे विविध रूपों में सक्रिय रहे। वेगड़ जी ने साहित्य में अनुपम कृतियों का सृजन करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण हेतु भी उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उन्होंने ‘नर्मदा परिक्रमा’ दो बार पूर्ण की और इस अनुभव के आधार पर नर्मदा पर चार प्रसिद्ध पुस्तकें लिखीं – ‘सौंदर्य की नदी नर्मदा’, ‘अमृतस्य नर्मदा’, ‘तीरे-तीरे नर्मदा’ और ‘नर्मदा तुम कितनी सुंदर हो’। इनमें ‘सौंदर्य की नदी नर्मदा’ उनकी अत्यंत प्रसिद्ध कृति मानी जाती है।
साहित्य, कला और शिक्षा के क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए उन्हें ‘शिखर सम्मान’, ‘राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान’, ‘महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार’ तथा ‘विद्यानिवास मिश्र स्मृति सम्मान’ आदि से सम्मानित किया जा चुका है। इस लेख में अमृतलाल वेगड़ का जीवन परिचय और उनकी प्रमुख रचनाओं की जानकारी दी गई है।
| नाम | अमृतलाल वेगड़ |
| जन्म | 03 अक्टूबर, 1928 |
| जन्म स्थान | जबलपुर, मध्य प्रदेश |
| शिक्षा | विश्व-भारती विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल |
| पत्नी का नाम | कांता वेगड़ |
| संतान | शरद, दिलीप, नीरज, अमित और राजीव वेगड़ |
| कार्य क्षेत्र | साहित्यकार, चित्रकार, शिक्षक व पर्यावरणविद् |
| भाषा | गुजराती और हिंदी |
| मुख्य रचनाएँ | सौंदर्य की नदी नर्मदा, अमृतस्य नर्मदा, तीरे-तीरे नर्मदा और नर्मदा तुम कितनी सुंदर हो। |
| पुरस्कार एवं सम्मान | गुजरात साहित्य अकादमी का गौरव पुरस्कार, शिखर सम्मान, राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान तथा महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार आदि। |
| निधन | 06 जुलाई, 2018 |
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मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ था जन्म
अमृतलाल वेगड़ का जन्म 3 अक्टूबर 1928 को मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ था। उनके प्रारंभिक जीवन के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। वेगड़ जी ने वर्ष 1948 से 1953 तक विश्वभारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन में कला (आर्ट) की पढ़ाई की थी। आधुनिक भारतीय कला के अग्रदूतों में से एक ‘नंदलाल बोस’ उनके गुरु थे। अमृतलाल वेगड़ ने चित्रकला के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी, किंतु प्रकृति से उनका लगाव इस हद तक बढ़ गया कि उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन इसी के लिए समर्पित कर दिया।
दो बार की नर्मदा परिक्रमा
अमृतलाल वेगड़ को नर्मदा नदी से गहरा लगाव था। उन्होंने अपने जीवन में लगभग चार हज़ार किलोमीटर लंबी नर्मदा पदयात्रा की थी और नर्मदा अंचल में फैली बेशुमार जैव विविधता (बायोडाइवर्सिटी) को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। वेगड़ जी ने अपने जीवन में दो बार ‘नर्मदा परिक्रमा’ पूरी की। पहली बार वर्ष 1977 में, जब वे 50 वर्ष के थे, और दूसरी बार वर्ष 2002 में, जब वे 75 वर्ष के हुए। उन्होंने नदी संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा के लिए अभियान भी चलाए और नर्मदा नदी से जुड़े अनुभवों पर कई पुस्तकें लिखीं।
अमृतलाल वेगड़ की प्रमुख रचनाएँ
अमृतलाल वेगड़ ने गुजराती और हिंदी भाषा में कई किताबें लिखी हैं। उनकी रचनाओं का बांग्ला, संस्कृत, मराठी सहित कई विदेशी भाषाओं में भी अनुवाद प्रकाशित हो चुका है। नीचे उनकी समग्र साहित्यिक कृतियों की सूची दी गई है:-
नर्मदा पदयात्रा वृत्तांत
- सौन्दर्यनी नदी नर्मदा
- अमृतस्य नर्मदा
- तीरे-तीरे नर्मदा
- नर्मदा तुम कितनी सुंदर हो
- नदिया गहरी नाव पुरानी
- परिक्रमा नर्मदा मैथानी
- स्मृति आनु शांतिनिकेतन
- सरोवर छली पड़या! (गुजराती)
- Beauty, Narmada River of Joy (अंग्रेज़ी)
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पुरस्कार एवं सम्मान
अमृतलाल वेगड़ को साहित्य, कला और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है, जो इस प्रकार हैं:-
- चित्रकला के लिए मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा ‘शिखर सम्मान’।
- मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा ‘राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान’।
- भारत सरकार द्वारा ‘महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार’।
- गुजरात साहित्य अकादमी का ‘गौरव पुरस्कार’।
- गुजराती पुस्तक ‘सौन्दर्यनी नदी नर्मदा’ साहित्य अकादेमी, दिल्ली का ‘अकादमी पुरस्कार’।
- ‘विद्यानिवास मिश्र स्मृति सम्मान’
- वर्ष 2018 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा अमृतलाल वेगड़ जी डी.लिट्. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
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निधन
अमृतलाल वेगड़ ने कई दशकों तक अपनी लेखनी से गुजराती और हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। किंतु उम्र संबंधी बीमारियों के कारण 6 जुलाई, 2018 को 89 वर्ष की आयु में एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार नर्मदा किनारे स्थित ग्वारीघाट, जबलपुर में किया गया।
FAQs
अमृतलाल वेगड़ का जन्म 3 अक्टूबर, 1928 को मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ था।
अमृतलाल वेगड़ ने विश्व-भारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन से कला का अध्ययन किया था।
अमृतलाल वेगड़ की पत्नी का नाम ‘कांता वेगड़’ हैं।
अमृतलाल वेगड़ की बहुचर्चित पुस्तक ‘सौंदर्य की नदी नर्मदा’ का प्रकाशन वर्ष 1992 में हुआ था।
अमृतलाल वेगड़ ने अपने जीवनकाल में दो बार ‘नर्मदा परिक्रमा’ की थी।
यह अमृतलाल वेगड़ का लोकप्रिय नर्मदा पदयात्रा वृत्तांत हैं।
आशा है कि आपको समादृत साहित्यकार अमृतलाल वेगड़ का जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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