अभिलेख किसे कहते हैं?

1 minute read
अभिलेख किसे कहते हैं

प्राचीन भारतीय इतिहास को जानने के लिए हमें विभिन्न प्रकार के स्त्रोतों की आवश्यकता होती है। ऐसे में अभिलेखों को प्राचीन भारतीय इतिहास के अध्ययन में अभिलेखों को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि अभिलेख किसे कहते हैं, प्राचीन इतिहास में अभिलेखों का महत्व और यह कितने प्रकार के होते हैं।  

अभिलेख किसे कहते हैं?

अभिलेख वह पुरातात्विक साक्ष्य होते हैं जो प्राचीन काल में राजाओं तथा अन्य शाषकों द्वारा पाषाणों, शिलाओं, स्तम्भों, ताम्रपत्रों एवं दीवारों पर उत्कीर्ण किये जाते थे। अभिलेखों का उपयोग आमतौर पर आदेशों का प्रसार करने के लिए किया जाता था। ताकि लोग उन्हें देख सके और उन आदेशों का पालन कर सके। इन अभिलेखों को अलग अलग भाषाओं में लिखा जाता था जिसमें से प्रमुख भाषाएँ पाली, संस्कृत और प्राकृत है।

अभिलेख किसे कहते हैं

प्राचीन इतिहास में अभिलेखों का महत्व एवं अभिलेखन सामग्री 

भारतीय इतिहास में अभिलेखों का बहुत बड़ा महत्व है। अभिलेखों के माध्यम से हमे तत्कालीन भारत की राजनैतिक, धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों की जानकारी मिलती है। अभिलेख के लिए कठोर वस्तु जैसे पत्थर, धातु, ईट, मिट्टी की तख्ती, ताड़पत्र का उपयोग किया जाता है। भारत, यूनान, इटली जैसे प्राचीन देशों में अभिलेखों के लिए मुख्य रूप से पत्थर का ही उपयोग किया जाता था। अभिलेख में अक्षर लिखे जाने के लिए रूंखानी, छेनी, हथौड़े, (नुकीले) आदि का उपयोग होता था। इसके साथ ही अभिलेख तैयार करनेवालों को शिल्प, रूपकार, आदि कहा जाता था। 

अभिलेख किसे कहते हैं

अभिलेखों के प्रकार

अभिलेखों के प्रकार निम्नलिखित है-

  • व्यापारिक तथा व्यावहारिक : प्राचीन भारत में मुद्राएँ अभिलेखांकित होती थीं और वे व्यापारिक एवं व्यावहारिक कार्यो के लिए उपयोग होती थीं।
  • समर्पण तथा चढ़ावा संबंधी : जब किसी प्रकार की संपत्ति किसी धार्मिक संस्थान को समर्पित की जाती थी, यह समर्पण स्थायी रूप से अंकित करने के लिए इस प्रकार के अभिलेख प्रस्तुत किए जाते थे। 
  • प्रशासकीय : प्रशासकीय अभिलेखों में कानून, नियम, राजकीय लेखाजोखा, कोष के प्रकार और विवरण होता था।
  • प्रशस्ति : राजाओं और शासकों द्वारा विजयी और कीर्ति का वर्णन इन अभिलेखों में किया जाता था।  
  • स्मारक : कई प्राचीन घटनाओं, व्यक्तियों तथा कृतियों के स्मारकरूप में अभिलेख पाए गए हैं क्योंकि अभिलेखों में कोई भी बदलाव संभव नहीं था।  
  • साहित्यिक : साहित्यिक अभिलेखों में अधिकतर धार्मिक ग्रंथ एवं उनके अवतरण जैसे काव्य, नाटक आदि अभिलिखित पाए जाते हैं।
अभिलेख किसे कहते हैं

प्राचीन भारत के प्रमुख अभिलेख

प्राचीन भारत के प्रमुख अभिलेख निम्नलिखित है: 

  1. अशोक के अभिलेख : मौर्य सम्राट अशोक की सम्पूर्ण जानकारी उनके अभिलेखों द्वारा ही मिली है। ऐसा माना जाता है कि, अशोक को अभिलेखों की प्रेरणा ईरान के शासक डेरियस से मिली थी। अभी तक अशोक के 40 से भी अधिक अभिलेख भारत के विभिन्न स्थानों में पाए गए हैं।
  1. हाथीगुम्फा अभिलेख– यह उड़ीसा के शासक खारवेल का अभिलेख है, जिसमें उनके शासन की घटनाओं का विवरण दिया गया है।
  1. गिरनार अभिलेख (जूनागढ़ शिलालेख) – यह उज्जैन के शासक रुद्रदामन का अभिलेख है। जिसमें उनके विजयों, व्यक्तित्व और कृतित्व का वर्णन किया गया है।
  1. नासिक अभिलेख – इस अभिलेख की रचना गौतमी बलश्री यानी गौतमीपुत्र शातकर्णी की माता द्वारा की गई थी। जिसमें गौतमीपुत्र शातकर्णी की विजयी घटनाओं का वर्णन किया गया है।
  1. प्रयाग स्तंभ लेख– इस अभिलेख में गुप्त वंश के यशस्वी सम्राट समुद्रगुप्त के विजयों और नीतियों का विवरण दिया गया है।
  1. ऐहोल अभिलेख– इस अभिलेख में हर्ष और पुलकेशिन द्वितीय के युद्ध का वर्णन दिया गया है।
  1. भीतरी स्तंभ लेख– इस अभिलेख में गुप्त वंश के शासक स्कंदगुप्त के जीवन की अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं का विवरण दिया गया है।
  1. गरुड़ स्तंभ लेख– यह गैर-सरकारी लेख है। यह यवन राजदूत हेलियोडोरस का अभिलेख है। यह अभिलेख विदिशा (वेसनगर) से प्राप्त हुआ है। इस अभिलेख से द्वितीय शताब्दी ईसा पूर्व में मध्य भारत में भागवत धर्म विकसित होने की जानकारी प्राप्त होती है।
  1. बोगाजकोई: यह विश्व का सबसे पुराना अभिलेख है जिसमें वैदिक देवी-देवताओं के नाम का उल्लेख है।
  1.  नानाघाट शिलालेख : नानाघाट शिलालेख सातवाहन साम्राज्य के बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं। यह शिलालेख नागनिका द्वारा जारी किया गया था। 

FAQs

सबसे प्राचीन अभिलेख कौन सा है?

सबसे प्राचीन अभिलेख बोगजकोई अभिलेख है।

शिलालेख क्या होते हैं?

कठोर सतहों पर उकेरे गए लेख को शिलालेख कहते हैं। वे अधिकतर चट्टानों, पत्थरों, इमारतों की दीवारों, धातुओं आदि पर लिखे जाते हैं। 

भारत का पहला शिलालेख कौन सा है?

भारत का पहला पहला शिलालेख ” अशोक के शिलालेख ” है। 

अभिलेख के क्या महत्व हैं?

अभिलेखों के द्वारा तत्कालीन भारत की राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक स्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त है।

अशोक के अभिलेख किन भाषाओं में लिखे गए है?

अशोक के अधिकांश अभिलेख प्राकृत, यूनानी और आरामाईक भाषाओं में लिखे गए हैं। 

आशा है कि अभिलेख किसे कहते हैं इसकी जानकारी आपको मिल गयी होगी। ऐसे ही इतिहास से संबंधित अन्य ब्लॉग्स को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*