आंखों में शर्म होना मुहावरे का अर्थ (Aankhon Mein Sharm Hona Muhavare Ka Arth) ‘लज्जा, झिझक या संकोच महसूस होना’ होता है। जब कोई व्यक्ति अपने कृत्यों के लिए शर्मिंदा होता है या जब किसी व्यक्ति को अपनी गलती का एहसास होता है, तो उस स्थिति को हम कहते हैं आंखों में शर्म होना। इस ब्लाॅग में आप इस मुहावरे का अर्थ, वाक्यों में प्रयोग और इसके भाव के बारे में जानेंगे।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा-सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
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आंखों में शर्म होना मुहावरे का अर्थ क्या है?
आंखों में शर्म होना मुहावरे का हिंदी अर्थ (Aankhon Mein Sharm Hona Muhavare Ka Arth) लज्जा, झिझक या संकोच महसूस होना होता है।
आंखों में शर्म होना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग
आंखों में शर्म होना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग (Aankhon Mein Sharm Hona Muhavare Ka Arth) इस प्रकार है –
- बड़ी से बड़ी गलती करने के बाद भी अगर आकाश की आँखों में शर्म नहीं है, जो दिखाता है कि वह अपने जीवन में किसी चीज के लिए भी गंभीर नहीं है।
- जब आकांशा को अपनी भूल का अहसास हुआ, तो उसकी आँखों में शर्म झलकने लगी।
- अपने माता-पिता के सामने झूठ बोलने पर जिस इंसान की आँखों में शर्म नहीं बचती, उस इंसान का कभी कल्याण नहीं होता।
- बार-बार झूठ बोलने पर भी जब किसी की आँखों में शर्म नहीं रहती, तो ऐसे में अक्सर सही और गलत का फर्क नहीं समझ आता।
- मुकेश को इतनी बार समझाने पर भी उसकी आँखों में शर्म नहीं आई, ये बहुत निराशाजनक बात थी।
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आशा है कि आपको आंखों में शर्म होना मुहावरे का अर्थ (Aankhon Mein Sharm Hona Muhavare Ka Arth) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। हिंदी मुहावरों के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।