आलेख लेखन अपने आप में एक गहन समीक्षा, लेखनी की समझ का नतीजा होता है। आलेख लेखन एक विषय है जो हिंदी व्याकरण का एक मुख्य भाग है। इस विषय पर विद्यार्थियों को अवश्य जानकारी प्राप्त करनी चाहिए, विद्यार्थी जीवन में आलेख से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के बाद आप हिंदी व्याकरण की थोड़ी समझ रख सकते हैं। आलेख को आमतौर पर इसे लेख के जैसा ही समझ लिया जाता है। आलेख लिखते समय आप को उस मुद्दे की बारीकी से समझ होना बहुत ज़रूरी है। आलेख को निबंध के जैसा भी समझ लिया जाता है। तो आइए जानते हैं क्या है aalekh lekhan और इसे कैसे लिखें। आलेख लेखन से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।
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आलेख लेखन क्या है?
Aalekh lekhan एक सर्वांगपूर्ण सम्यक विचारों का एक संयुक्त भाव होता है। आलेख एक गंभीर और व्यंगपूर्ण रचना होती है। आलेख लेखन को वैचारिक गद्य रचना भी कहा जाता है। आलेख में गुमराह करने वाली कोई बात नहीं होनी चाहिए।
अच्छे आलेख लेखन के क्या गुण होने चाहिए?
Aalekh lekhan ऐसी कला जिसको अभ्यास से ही सीखा जाता है या आदत में लाया जा सकता है। एक आदर्श आलेख पढ़कर पाठक के अन्दर उस मुद्दे को लेकर उस भावना का आना अनिवार्य है। चलिए, तो जानते हैं कि कैसे आलेख लेखन लिखा जाता है –
आलेख लेखन में भूमिका, विषय प्रतिपादन और निष्कर्ष अहम होता है। नीचे कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:
- भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए।
- विचार कथात्मक न हो कर विवेचन विश्लेषण वाले होने चाहिए।
- आलेख से पाठक की जिज्ञासा उत्पन्न हो जाए ऐसा होना चाहिए।
- आलेख हमेशा ज्वलंत और प्रसिद्द मुद्दों या समारोह पर होना चाहिए।
- आलेख से भावुकता संभव हो सकती है।
- आकार के विषय वस्तु पर आलेख निर्भर हो सकता है।
- आलेख लिखने से पहले उसका गहन अध्ययन होना चाहिए।
- अनुमान नहीं तथ्य पर आलेख का अस्तित्व होता है।
- आखिरी में निष्कर्ष अनिवार्य होता है।
आलेख लेखन और फीचर लेखन में अंतर
Aalekh lekhan और फीचर में मूलभूत अंतर आप उसे पढ़कर भी बता सकते हैं। दोनों अपनी-अपनी तरह से पाठक के अन्दर एक लालसा उत्पन्न कर देते हैं।
- आलेख गंभीर व व्यंगपूर्ण होता है जबकि फीचर में हास्य और मनोरंजन।
- फीचर 250 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए जबकि आलेख बड़ा भी हो सकता है।
- आलेख को संपूर्ण जानकारी और तथ्यों के आधार पर भी लिख सकते हैं, जबकि फीचर के लिए आपको आंख, कान, भाव, अनुभूतियां और मनोवेग, आदि की सहायता लेनी पड़ती है।
- फीचर विषय से संबंधित व्यक्तिगत अनुभूतियों पर आधारित विशिष्ट आलेख होता है जिसमें कल्पनाशीलता और सृजनात्मक कौशल होनी चाहिए जबकि आलेख में विषय पर तथ्यात्मक, विश्लेषणात्मक अथवा विचारात्मक जानकारी होती है कल्पना का स्थान नहीं होता है।
आलेख लेखन का उदाहरण
भारतीय क्रिकेट के सरताज : सचिन तेंदुलकर
पिछले पंद्रह सालों से भारत के लोग जिन-जिन हस्तियों के दीवाने हैं उनमें एक गौरवशाली नाम है-सचिन तेंदलकर। जैसे अमिताभ का अभिनय में मुकाबला नहीं, वैसे सचिन का क्रिकेट में कोई मुकाबला नहीं। संसार-भर में एक यही खिलाड़ी है जिसने टेस्ट क्रिकेट के साथ-साथ वन-डे क्रिकेट में भी सर्वाधिक शतक बनाए हैं। इसीलिए कुछ क्रिकेट-प्रेमी सचिन को क्रिकेट का भगवान तक कहते हैं। उसके प्रशंसकों ने हनुमान चालीसा की तर्ज पर सचिन-चालीसा भी लिख दी है।
मुंबई में बांद्रा-स्थित हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाला सचिन इतनी ऊँचाइयों पर पहँचने पर भी मासूम और विनयी है। अहंकार तो उसे छू तक नहीं गया है। अब भी उसे अपने बचपन के दोस्तों के साथ वैसा ही लगाव है जैसा पहले था। सचिन अपने परिवार के साथ बिताए हुए क्षणों को सर्वाधिक प्रिय क्षण मानता है। इतना व्यस्त होने पर भी उसे अपने पुत्र का टिफिन स्कूल पहुँचाना अच्छा लगता है।
सचिन ने केवल 15 वर्ष की आयु में पाकिस्तान की धरती पर अपने क्रिकेट-जीवन का पहला शतक जमाया था जो अपने-आप में एक रिकार्ड है। उसके बाद एक-पर-एक रिकार्ड बनते चले गए। अभी वह 21 वर्ष का भी नहीं हुआ था कि उसने टेस्ट क्रिकेट में 7 शतक ठोक दिए थे। उन्हें खेलता देखकर भारतीय लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर कहते थे-सचिन मेरा ही प्रतिरूप है।
आलेख लेखन की प्रमुखता
Aalekh lekhan में प्रमुखता का बहुत अहम किरदार है। आलेख लेखन में भाषा और मुद्दे की गंभीरता, विवेचन और अध्ययन का बहुत महत्व होता है। एक अच्छा आलेख नवीनता और ताजगी से संपन्न होना चाहिए।
प्रश्नोत्तर
आलेख वास्तव में लेख का ही प्रतिरूप होता है। यह आकार में लेख से बड़ा होता है। कई लोग इसे निबंध का रूप भी मानते हैं जो कि उचित भी है। लेख में सामान्यत: किसी एक विषय से संबंधित विचार होते हैं। आलेख में ‘आ’ उपसर्ग लगता है जो कि यह प्रकट करता है कि आलेख सम्यक् और संपूर्ण होना चाहिए। आलेख गद्य की वह विधा है जो किसी एक विषय पर सर्वांगपूर्ण और सम्यक् विचार प्रस्तुत करती है।
सार्थक आलेख के निम्नलिखित गुण हैं –
1. नवीनता एवं ताजगी।
2. जिज्ञासाशील।
3. विचार स्पष्ट और बेबाकीपूर्ण।
4. भाषा सहज, सरल और प्रभावशाली।
5. एक ही बात पुनः न लिखी जाए।
6. विश्लेषण शैली का प्रयोग।
7. आलेख ज्वलंत मुद्दों, विषयों और महत्त्वपूर्ण चरित्रों पर लिखा जाना चाहिए।
8. आलेख का आकार विस्तार पूर्ण नहीं होना चाहिए।
9. संबंधित बातों का पूरी तरह से उल्लेख हो।
FAQs
उत्तरः आलेख वास्तव में लेख का ही प्रतिरूप होता है। यह आकार में लेख से बड़ा होता है। कई लोग इसे निबंध का रूप भी मानते हैं जो कि उचित भी है। लेख में सामान्यतः किसी एक विषय से संबंधित विचार होते हैं। आलेख में ‘आ’ उपसर्ग लगता है जो कि यह प्रकट करता है कि आलेख सम्यक् और संपूर्ण होना चाहिए। आलेख गद्य की वह विधा है जो किसी एक विषय पर सर्वांगपूर्ण और सम्यक् विचार प्रस्तुत करती है।
उत्तरः सार्थक आलेख के निम्नलिखित गुण हैं –
1. नवीनता एवं ताजगी।
2. जिज्ञासाशील।
3. विचार स्पष्ट और बेबाकीपूर्ण।
4. भाषा सहज, सरल और प्रभावशाली।
5. एक ही बात पुनः न लिखी जाए।
6. विश्लेषण शैली का प्रयोग।
7. आलेख ज्वलंत मुद्दों, विषयों और महत्त्वपूर्ण चरित्रों पर लिखा जाना चाहिए।
8. आलेख का आकार विस्तार पूर्ण नहीं होना चाहिए।
9. संबंधित बातों का पूरी तरह से उल्लेख हो।
आलेख लिखने के लिए इन चरणों को फॉलो करें: भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए, विचार कथात्मक न हो कर विवेचन विश्लेषण वाले होने चाहिए, आलेख से पाठक की जिज्ञासा उत्पन्न हो जाए ऐसा होना चाहिए, आलेख हमेशा ज्वलंत और प्रसिद्ध मुद्दों या समारोह पर होना चाहिए आदि।
आलेख 3 प्रकार के होते हैं: दंड आलेख, आयत चित्र, बारम्बारता बहुभुज।
आलेख के यह मुख्य अंग हैं– भूमिका, विषय का प्रतिपादन, तुलनात्मक चर्चा व निष्कर्ष सर्वप्रथम शीर्षक के अनुकूल भूमिका लिखी जाती है। यह बहुत लंबी न होकर संक्षेप में होनी चाहिए।
भाषा सहज, सरल और प्रभावशाली। एक ही बात पुनः न लिखी जाए। विश्लेषण शैली का प्रयोग। आलेख ज्वलंत मुद्दों, विषयों और महत्त्वपूर्ण चरित्रों पर लिखा जाना चाहिए।
Aalekh lekhan एक सर्वांगपूर्ण सम्यक विचारों का एक संयुक्त भाव होता है। आलेख एक गंभीर और व्यंगपूर्ण रचना होती है।
आलेख की भाषा हमेशा सरल व स्पष्ट होनी चाहिए। आलेख में केवल आवश्यकतानुसार विवरण देना चाहिए तथा आलेख संक्षिप्त में होना चाहिए।
आसान भाषा में समझा जाए तो निबंध का रूप वर्णात्मक होता, तो वहीं आलेख में आवश्यकता अनुसार ही विवरण दिया जाता है और ये संक्षिप्त रूप में होते हैं।
आशा है कि आलेख लेखन से संबंधित यह ब्लॉग आपको जानकारी से भरपूर यह ब्लॉग पसंद आया होगा, साथ ही Aalekh Lekhan के विषय पर लिखित इस ब्लॉग ने आपकी व्याकरण के विषय में रूचि बड़ा दी होगी। इसी प्रकार के अन्य इंफॉर्मेटिव ब्लॉग पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ जुड़े रहें।
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