Aaj-Kal Mein Kaun Sa Samas Hai- जानिए आज-कल में कौनसा समास है?

1 minute read
Aaj-Kal Mein Kaun Sa Samas Hai
Aaj-Kal Mein Kaun Sa Samas Hai

क्या आप सोच रहे हैं Aaj-Kal Mein Kaun Sa Samas Hai तो आपको बता दें कि आज-कल में द्वंद्व समास है। यह जानने से पहले की द्वंद्व समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा नया शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाता है तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है। Aaj-Kal mein Kaun sa Samas Hai यह तो आप जान गए हैं, आप इस ब्लॉग में आगे जानेंगें आज-कल का समास विग्रह, आज-कल में द्वंद्व समास क्यों हैं, द्वंद्व समास क्या होता है साथ ही द्वंद्व समास के कुछ अन्य उदाहरण। 

Aaj-Kal mein Kaun sa Samas Hai?

आज-कल में द्वंद्व समास है।

आज-कल शब्द का समास विग्रह

आज-कल का सामासिक विग्रह करने पर ‘आज और कल’ होगा। आज-कल शब्द में द्वंद्व समास है।

द्वंद्व समास क्या होता है?

द्वंद्व समास में कोई पद गौण नहीं होता बल्कि दोनों ही पद प्रधान होते हैं। समस्तपद बनाते समय दोनों पदों को जोड़ने वाले समुच्चयबोधक अव्ययों-‘और’, ‘तथा’, ‘या’ आदि को हटा दिया जाता है तथा विग्रह करते समय इनको पुनः दोनों पदों के बीच जोड़ दिया जाता है।

द्वंद्व समास के उदाहरण

समास का वह रूप जिसमें पहला और दूसरा दोनों पद प्रधान होते हैं, उसे द्वन्द्व समास कहते हैं। 

  • राम-श्याम. इसका विग्रह होगा- राम और श्याम।
  • अन्न और जल = अन्न-जल, अपना और पराया = अपना-पराया।

अन्य उदाहरण

समस्तपदविग्रह
दाल-चावलदाल और चावल
जल-थलजल और थल
माता-पितामाता और पिता
नदी-नालेनदी और नाले
बाप-दादीबाप और दादा
छोटा-बड़ाछोटा और बड़ा
राधा-कृष्णराधा और कृष्ण
पूर्व-पश्चिमपूर्व और पश्चिम
आगे-पीछेआगे और पीछे
गुण-दोषगुण और दोष
स्वर्ग-नर्कस्वर्ग और नर्क
अन्न-जलअन्न और जल
खट्टा-मीठाखट्टा और मीठा
रात-दिनरात और दिन

FAQs

आज नाम में कौन सा समास है?

अव्ययीभाव समास।

आज-कल में कौन सा समास है?

द्वंद्व समास होता है। 

समास शब्द का क्या अर्थ होता है?

संक्षेप होता है?

समास के कितने भेद हैं? 

छ: भेद हैं।

उम्मीद है, Aaj-Kal Mein Kaun Sa Samas Hai आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बनें रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*