स्टडी अब्रॉड के लिए दिखा ग्रामीण भारतीय छात्रों का रुझान

1 minute read
122 views
स्टडी अब्रॉड के लिए दिखा ग्रामीण भारतीय छात्रों का रुझान

Reuters न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक कई देशों द्वारा अब COVID प्रतिबंध हटाने के साथ अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके, आयरलैंड और न्यूजीलैंड जैसे स्थानों पर जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 2022 की शुरुआत में लगभग 10 लाख थी।

ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय की CEO कैट्रिओना जैक्सन ने कहा कि 76,000 से अधिक भारतीय छात्र अब ऑस्ट्रेलिया में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस साल भारत और ऑस्ट्रेलिया द्वारा द्विपक्षीय (bilateral) व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद और अधिक मात्रा में भारतीय छात्र की आने की उम्मीद है।

एक कंसल्टेंसी फर्म Red Seer की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, फॉरेन एजुकेशन मार्केट 2024 तक लगभग USD 80 बिलियन से अधिक होने का अनुमान है, जो अब तक इसके आधे से भी कम लगभग USD 30 बिलियन है।

वीजा कंसल्टेंट्स के एक ग्रुप ने कहा कि प्राइवेट एजुकेशन की बढ़ती ट्यूशन फीस और भारत में सार्वजनिक क्षेत्र और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में नौकरी के अवसरों में गिरावट ने हजारों परिवारों को संपत्ति गिरवी रखने या विदेशी शिक्षा के लिए बैंक लोन लेने के लिए मजबूर किया है।

इस साल INR में 7 फीसदी की गिरावट भी भारतीय परिवारों को ज्यादा फीस देने से नहीं रोक पाई है। मेलबर्न स्थित कंपनी भारतीय छात्रों को कनाडा, अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया सहित अंग्रेजी बोलने वाले देशों में भेजती है।

असीम संभावनाएं

कई विदेशी विश्वविद्यालय और उनके स्थानीय सहयोगी, छात्रों को लुभाने के लिए छोटे शहरों में महंगे फाइव स्टार होटलों और वर्चुअल सेशन के माध्यम से एजुकेशन फेयर्स का आयोजन कर रहे हैं।

पिछले कुछ वर्षों में बेहतर इंटरनेट पहुंच ने ट्रेडिशनल एडवरटाइजिंग चैनलों के अलावा, वीज़ा कंसल्टैंसीज़ को ग्रामीण क्षेत्रों में नए मार्केट्स तक पहुंच बढ़ाने में मदद की है।

वेस्टर्न ओवरसीज के मार्केटिंग हेड भूपेश शर्मा ने कहा, “हम अपनी सफलता की कहानियों को फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित करते हैं, जिसका विस्तार उत्तरी भारत के नौ प्रमुख शहरों में हुआ है और जिससे लगभग एक हजार छात्रों को विदेशों में पढ़ने के लिए भेजा गया है।

महिलाओं के लिए शिक्षा संबंधी संभावनाएं विशेष रूप से फ़िलहाल थोड़ी माकूल नहीं हैं, केवल 25% की भागीदारी दर के साथ दर्ज की गई है।

चीनी छात्रों की लगातार अनुपस्थिति, बीजिंग की सख्त Zero-COVID ​​​​सीमा नीतियों के साथ, भारतीय छात्रों को उनकी फीस के लिए वैश्विक शिक्षा क्षेत्र में और भी महत्वपूर्ण और फ़ास्ट कॉम्पीटीशन बना दिया है।

कनाडा के विश्वविद्यालय भारत के भीतरी इलाकों में विदेशी शिक्षा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ApplyBoard और IDP जैसी अंतरराष्ट्रीय सलाहकार कंपनियों के साथ गठजोड़ कर रहे हैं।

ApplyBoard में मार्केटिंग कम्युनिकेशंस के निदेशक डेविड टुब्स ने कहा, “एक तरफ हमारी विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी है और दूसरी तरफ, भारत में स्थानीय इमीग्रेशन सेवाओं के साथ गठजोड़ है।”

डेविड टुब्स के अनुसार, कनाडा के शैक्षणिक संस्थान यूके, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की तुलना में अधिक किफायती हैं। कनाडा की वार्षिक अंतरराष्ट्रीय अंडरग्रेजुएट ट्यूशन की लागत औसतन CAD 32,019 (INR 19.61 लाख) है, जबकि ग्रेजुएट ट्यूशन की लागत औसतन CAD 19,252 है।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*

20,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today.
Talk to an expert