नई कविता के विख्यात कवि शमशेर बहादुर सिंह का जीवन परिचय – Shamsher Bahadur Singh Ka Jivan Parichay

1 minute read
Shamsher Bahadur Singh Ka Jivan Parichay

Shamsher Bahadur Singh Ka Jivan Parichay: शमशेर बहादुर सिंह आधुनिक हिंदी कविता में अपना अग्रणी स्थान रखते हैं। क्या आप जानते हैं कि उन्हें नागार्जुन और ‘त्रिलोचन’ के साथ हिंदी कविता की ‘प्रगतिशील त्रयी’ में शामिल किया जाता है। इसके साथ ही वह सच्चिदानंद हीरानंद वात्‍स्‍यायन ‘अज्ञेय’ द्वारा संपादित दूसरे ‘तार सप्तक’ के प्रमुख कवियों में से एक थे। बता दें कि उन्हें हिंदी और उर्दू दोनों ही भाषाओं पर समान अधिकार प्राप्त था। 

वहीं, हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ व ‘मैथलीशरण गुप्त पुरस्कार’ आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका हैं। बता दें कि शमशेर बहादुर सिंह की कई काव्य रचनाएँ जिनमें ‘उषा’, ‘ऐसा ही प्रण’, ‘एक पीली शाम’, ‘एक मौन’ व ‘उत्तर’ आदि को स्कूल के साथ ही बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। वहीं बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। 

इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी शमशेर बहादुर सिंह का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम नई कविता के विख्यात कवि शमशेर बहादुर सिंह का जीवन परिचय (Shamsher Bahadur Singh Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम शमशेर बहादुर सिंह (Shamsher Bahadur Singh)
जन्म 13 जनवरी, 1911
जन्म स्थान देहरादून, उत्तराखंड 
पिता का नाम बाबू तारीफ सिंह 
माता का नाम प्रभुदेई
पत्नी का नाम धर्मदेवी
शिक्षा इलाहबाद विश्वविद्यालय
पेशा कवि, लेखक, संपादक 
भाषा हिंदी, उर्दू 
विधाएँ कविता, कहानी, निबंध, संपादन व आलोचना 
काव्य-संग्रह कुछ कविताएँ, कुछ और कविताएँ, चुका भी नहीं हूँ मैं, इतने पास अपने
कहानी प्लाट का मोर्चा 
निबंध दोआब 
पुरस्कार एवं सम्मान ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ व ‘मैथलीशरण गुप्त पुरस्कार’
निधन 12 मई 1993 अहमदाबाद, गुजरात

उत्तराखंड के देहरादून में हुआ था जन्म – Shamsher Bahadur Singh Ka Jivan Parichay

आधुनिक हिंदी कविता के प्रतिष्ठित कवि शमशेर बहादुर सिंह का जन्म 13 जनवरी, 1911 को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘बाबू तारीफ सिंह’ और माता का नाम ‘प्रभुदेई’ था। वहीं उनका शुरूआती जीवन उतराखंड और उत्तर प्रदेश में बीता। 

इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया बी.ए 

शमशेर बहादुर सिंह की प्रारंभिक शिक्षा गोंडा और देहरादून में हुई। हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद वह बी.ए की पढ़ाई के लिए इलाहाबाद चले गए। यहाँ उन्होंने ‘इलाहाबाद विश्वविद्यालय’ से अंग्रेजी साहित्य में बी.ए ऑनर्स की डिग्री हासिल की। बता दें कि कॉलेज में अध्यन्न के दौरान ही उनका साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण हो चुका था। किंतु पेंटिग के प्रति भी उनका बहुत गहरा रुझान था। वह बंबई के ‘सर जे जे स्कूल ऑफ आर्ट’ से विधिगत शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे लेकिन आर्थिक अभाव के कारण उनकी यह ख्वाहिश अधूरी रह गई। 

टीबी की बीमारी से हुआ पत्नी का निधन 

शमशेर बहादुर सिंह जब अध्ययन कर रहे थे उसी दौरान उनका विवाह ‘धर्मवती’ से हुआ। बता दें कि विवाह के समय उनकी आयु 18 वर्ष थी। लेकिन छह वर्षों के सहजीवन के बाद टीबी की घातक बीमारी के कारण उनकी पत्नी का वर्ष 1935 में निधन हो गया।

Shamsher Bahadur Singh Ka Jivan Parichay

विस्तृत रहा कार्यक्षेत्र 

क्या आप जानते हैं कि शमशेर बहादुर सिंह ने शुरुआत में जीवनयापन के लिए साइन बोर्ड पेंटिंग और बाद में ससुर की केमिस्ट की दुकान में कम्पांडरी का काम किया था। इसके बाद उन्होंने सुमित्रानंदन पंत के साथ ‘रूपाभ’ साहित्यिक पत्रिका में सहायक के पद पर कार्य किया। लेकिन मात्र ग्यारह अंकों के बाद ही यह पत्रिका बंद हो गई। फिर वह बनारस आ गए और यहाँ से निकलने वाली ‘कहानी’ पत्रिका में ‘त्रिलोचन’ के साथ संपादन कार्य करने लगे। 

इसके कुछ समय बाद उन्होंने ‘शिवदानसिंह चौहान’ के साथ ‘हंस’ पत्रिका का संपादन किया। माना जाता है कि उन्होंने कुछ समय तक बनारस के एक कॉलेज में अध्यापन का कार्य किया था।   

दूसरे तार सप्तक के कवि 

बता दें कि तार सप्तक से ही आधुनिक हिंदी काव्य साहित्य में ‘प्रयोगवाद’ की शुरुआत मानी जाती है, जिसका आरंभ वर्ष 1943 में हुआ था। तार सप्तक से तात्पर्य है ‘सात कवियों का समूह’। वहीं दूसरे तार सप्तक में शमशेर बहादुर सिंह जैसे प्रतिष्ठित रचनाकार के साथ-साथ ‘भवानी प्रसाद मिश्र’, ‘नरेश मेहता’, ‘घर्मवीर भारती, ‘रघुवीर सहाय’, ‘हरि नारायण व्यास’ व ‘शकुंतला माथुर’ जैसे प्रसिद्ध साहित्यकार शामिल थे। 

दूसरे तार सप्तक में सात कवियों की कविताओं का संकलन हैं, जिसका संपादन वर्ष 1949 में सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ द्वारा किया गया था तथा प्रकाशन भारतीय ज्ञानपीठ से हुआ था। 

शमशेर बहादुर सिंह की साहित्यिक रचनाएँ – Shamsher Bahadur Singh ki Rachnaye

शमशेर बहादुर सिंह (Shamsher Bahadur Singh Ka Jivan Parichay) ने आधुनिक हिंदी काव्य और संपादन के क्षेत्र में अपना अतुल्नीय योगदान दिया हैं। यहाँ शमशेर बहादुर सिंह की संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-

कविता-संग्रह

कविता-संग्रहप्रकाशन 
कुछ कविताएँसन 1956
कुछ और कविताएँ सन 1961
चुका भी नहीं हूँ मैंसन 1975
इतने पास अपने सन 1980
उदिता : अभिव्यक्ति का संघर्षसन 1980
बात बोलेगीसन 1981
काल तुझसे होड़ है मेरीसन 1988
टूटी हुई बिखरी हुईअज्ञात 
कहीं बहुत दूर से सुन रहा हूँअज्ञात 

आलोचनात्मक कृति

  • दोआब

निबंध 

  • कुछ और गद्य रचनाएँ

पुरस्कार एवं सम्मान 

शमशेर बहादुर सिंह  (Shamsher Bahadur Singh Ka Jivan Parichay) को हिंदी काव्य और शिक्षा के क्षेत्र में अतुल्नीय योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् का ‘तुलसी पुरस्कार’ – वर्ष 1977
  • साहित्य अकादमी पुरस्कार – वर्ष 1977
  • मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार
  • कबीर सम्मान – वर्ष 1989

निधन 

कई दशकों तक आधुनिक हिंदी साहित्य को अपनी अनुपम कृतियों से रौशन करने वाले शमशेर बहादुर सिंह का 82 वर्ष की आयु में 12 मई 1993 को अहमदाबाद में निधन हो गया। लेकिन अपनी विशिष्ठ रचनाओं के लिए वह आज भी साहित्य जगत में जाने जाते हैं। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ नई कविता के विख्यात कवि शमशेर बहादुर सिंह का जीवन परिचय (Shamsher Bahadur Singh Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 

FAQs 

शमशेर बहादुर सिंह का जन्म कहाँ हुआ था?

शमशेर बहादुर सिंह का जन्म 13 जनवरी, 1911 को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हुआ था। 

शमशेर बहादुर सिंह ने उच्च शिक्षा कहाँ से प्राप्त की थी?

उनकी प्रारंभिक शिक्षा गोंडा और देहरादून में हुई इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की थी। 

शमशेर बहादुर सिंह ने किस देश की यात्रा की थी?

उन्होंने वर्ष 1978 में सोवियत संघ की यात्रा की थी। 

‘चुका भी हूँ नहीं मैं’ कविता संग्रह के लिए उन्हें किन पुरस्करों से सम्मानित किया गया था?

इस कविता संग्रह के लिए उन्हें मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् का ‘तुलसी पुरस्कार’ और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ‘मैथलीशरण गुप्त पुरस्कार’ मिला था। 

शमशेर बहादुर सिंह का निधन कब हुआ था?

12 मई 1993 को 82 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ था।

आशा है कि आपको नई कविता के विख्यात कवि शमशेर बहादुर सिंह का जीवन परिचय (Shamsher Bahadur Singh Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*