शमशेर बहादुर सिंह आधुनिक हिंदी कविता में अपना अग्रणी स्थान रखते हैं। वे नागार्जुन और त्रिलोचन के साथ हिंदी कविता की ‘प्रगतिशील त्रयी’ में शामिल किए जाते हैं। इसके साथ ही वह सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ द्वारा संपादित दूसरे ‘तार सप्तक’ के प्रमुख कवियों में से एक थे। बता दें कि उन्हें हिंदी और उर्दू दोनों ही भाषाओं पर समान अधिकार प्राप्त था।
वहीं, हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ व ‘मैथलीशरण गुप्त पुरस्कार’ आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। शमशेर बहादुर सिंह की कई काव्य रचनाएँ जिनमें ‘उषा’, ‘ऐसा ही प्रण’, ‘एक पीली शाम’, ‘एक मौन’ व ‘उत्तर’ आदि को स्कूल के साथ ही बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। वहीं बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी शमशेर बहादुर सिंह का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है।
| नाम | शमशेर बहादुर सिंह |
| जन्म | 13 जनवरी, 1911 |
| जन्म स्थान | देहरादून, उत्तराखंड |
| पिता का नाम | बाबू तारीफ सिंह |
| माता का नाम | प्रभुदेई |
| पत्नी का नाम | धर्मदेवी |
| शिक्षा | इलाहबाद विश्वविद्यालय |
| पेशा | कवि, लेखक, संपादक |
| भाषा | हिंदी, उर्दू |
| विधाएँ | कविता, कहानी, निबंध, संपादन व आलोचना |
| काव्य-संग्रह | कुछ कविताएँ, कुछ और कविताएँ, चुका भी नहीं हूँ मैं, इतने पास अपने |
| कहानी | प्लाट का मोर्चा |
| निबंध | दोआब |
| पुरस्कार एवं सम्मान | ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ व ‘मैथलीशरण गुप्त पुरस्कार’ |
| निधन | 12 मई 1993 अहमदाबाद, गुजरात |
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उत्तराखंड के देहरादून में हुआ था जन्म
आधुनिक हिंदी कविता के प्रतिष्ठित कवि शमशेर बहादुर सिंह का जन्म 13 जनवरी, 1911 को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘बाबू तारीफ सिंह’ और माता का नाम ‘प्रभुदेई’ था। वहीं उनका शुरूआती जीवन उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में बीता।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया बी.ए
शमशेर बहादुर सिंह की प्रारंभिक शिक्षा गोंडा और देहरादून में हुई। हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद वह बी.ए की पढ़ाई के लिए इलाहाबाद चले गए। यहाँ उन्होंने ‘इलाहाबाद विश्वविद्यालय’ से अंग्रेजी साहित्य में बी.ए ऑनर्स की डिग्री हासिल की। कॉलेज में अध्यन्न के दौरान ही उनका साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण हो चुका था। किंतु पेंटिग के प्रति भी उनका बहुत गहरा रुझान था। वह बंबई के ‘सर जे जे स्कूल ऑफ आर्ट’ से विधिगत शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे लेकिन आर्थिक अभाव के कारण उनकी यह ख्वाहिश अधूरी रह गई।
टीबी की बीमारी से हुआ पत्नी का निधन
शमशेर बहादुर सिंह जब अध्ययन कर रहे थे उसी दौरान उनका विवाह ‘धर्मवती’ से हुआ। विवाह के समय उनकी आयु 18 वर्ष थी। लेकिन छह वर्षों के सहजीवन के बाद टीबी की घातक बीमारी के कारण उनकी पत्नी का वर्ष 1935 में निधन हो गया।

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विस्तृत रहा कार्यक्षेत्र
क्या आप जानते हैं कि शमशेर बहादुर सिंह ने शुरुआत में जीवनयापन के लिए साइन बोर्ड पेंटिंग और बाद में ससुर की केमिस्ट की दुकान में कम्पांडरी का काम किया था। इसके बाद उन्होंने सुमित्रानंदन पंत के साथ ‘रूपाभ’ साहित्यिक पत्रिका में सहायक के पद पर कार्य किया। लेकिन मात्र ग्यारह अंकों के बाद ही यह पत्रिका बंद हो गई। फिर वह बनारस आ गए और यहाँ से निकलने वाली ‘कहानी’ पत्रिका में ‘त्रिलोचन’ के साथ संपादन कार्य करने लगे। इसके कुछ समय बाद उन्होंने ‘शिवदानसिंह चौहान’ के साथ ‘हंस’ पत्रिका का संपादन किया। माना जाता है कि उन्होंने कुछ समय तक बनारस के एक कॉलेज में अध्यापन का कार्य भी किया था।
दूसरे तार सप्तक के कवि
तार सप्तक से ही आधुनिक हिंदी काव्य साहित्य में ‘प्रयोगवाद’ की शुरुआत मानी जाती है, जिसका आरंभ वर्ष 1943 में हुआ था। तार सप्तक से तात्पर्य है ‘सात कवियों का समूह’। वहीं दूसरे तार सप्तक में शमशेर बहादुर सिंह जैसे प्रतिष्ठित रचनाकार के साथ-साथ ‘भवानी प्रसाद मिश्र’, ‘नरेश मेहता’, ‘धर्मवीर भारती’, ‘रघुवीर सहाय’, ‘हरि नारायण व्यास’ व ‘शकुंतला माथुर’ जैसे प्रसिद्ध साहित्यकार शामिल थे।
दूसरे तार सप्तक में सात कवियों की कविताओं का संकलन हैं, जिसका संपादन वर्ष 1949 में सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ द्वारा किया गया था तथा प्रकाशन भारतीय ज्ञानपीठ से हुआ था।
शमशेर बहादुर सिंह की साहित्यिक रचनाएँ
शमशेर बहादुर सिंह ने आधुनिक हिंदी काव्य और संपादन के क्षेत्र में अपना अतुल्नीय योगदान दिया हैं। यहाँ शमशेर बहादुर सिंह की प्रमुख साहित्यिक रचनाओं के नामों की सूची दी गई है:
कविता-संग्रह
| कविता-संग्रह | प्रकाशन |
| कुछ कविताएँ | सन 1956 |
| कुछ और कविताएँ | सन 1961 |
| चुका भी नहीं हूँ मैं | सन 1975 |
| इतने पास अपने | सन 1980 |
| उदिता : अभिव्यक्ति का संघर्ष | सन 1980 |
| बात बोलेगी | सन 1981 |
| काल तुझसे होड़ है मेरी | सन 1988 |
| टूटी हुई बिखरी हुई | अज्ञात |
| कहीं बहुत दूर से सुन रहा हूँ | अज्ञात |
आलोचनात्मक कृति
- दोआब
निबंध
- कुछ और गद्य रचनाएँ
पुरस्कार एवं सम्मान
शमशेर बहादुर सिंह को हिंदी काव्य और शिक्षा के क्षेत्र में अतुल्नीय योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् का ‘तुलसी पुरस्कार’ – वर्ष 1977
- साहित्य अकादमी पुरस्कार – वर्ष 1977
- मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार
- कबीर सम्मान – वर्ष 1989
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निधन
कई दशकों तक आधुनिक हिंदी साहित्य को अपनी अनुपम कृतियों से रौशन करने वाले शमशेर बहादुर सिंह का 82 वर्ष की आयु में 12 मई 1993 को अहमदाबाद में निधन हो गया। लेकिन अपनी विशिष्ठ रचनाओं के लिए वह आज भी साहित्य जगत में जाने जाते हैं।
FAQs
शमशेर बहादुर सिंह का जन्म 13 जनवरी, 1911 को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हुआ था।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा गोंडा और देहरादून में हुई इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की थी।
उन्होंने वर्ष 1978 में सोवियत संघ की यात्रा की थी।
इस कविता संग्रह के लिए उन्हें मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् का ‘तुलसी पुरस्कार’ और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ‘मैथलीशरण गुप्त पुरस्कार’ मिला था।
12 मई 1993 को 82 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ था।
आशा है कि आपको नई कविता के विख्यात कवि शमशेर बहादुर सिंह का जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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