Rituraj Ka Jeevan Parichay: प्रतिष्ठित कवि ऋतुराज (Rituraj) हिंदी काव्य जगत में अपना अग्रणी स्थान रखते हैं। उन्होंने आधुनिक हिंदी काव्य में कई अनुपम काव्य कृतियों का सृजन किया है। वहीं काव्य विधा में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें ‘बिहारी सम्मान’, ‘पहल सम्मान’ व ‘सुब्रमण्यम भारती हिंदी सेवा सम्मान’ से पुरस्कृत किया जा चुका हैं।
बता दें कि ऋतुराज की काव्य रचनाएँ जिनमें कन्यादान, सेवाग्राम, जब हम नहीं रहेंगे, शरीर, संकेत, मैं आंगिरस व अंतिम शब्द आदि को विभिन्न विद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। वहीं, हिंदी साहित्य के बहुत से शोधार्थियों ने कवि ऋतुराज के साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं, इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी ऋतुराज का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है।
आइए अब हम समादृत कवि ऋतुराज का जीवन परिचय (Rituraj Ka Jeevan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | ऋतुराज (Rituraj) |
जन्म | 10 फरवरी 1940 |
जन्म स्थान | भरतपुर, राजस्थान |
शिक्षा | एम.ए अंग्रेजी (राजस्थान विश्वविद्यालय) |
भाषा | हिंदी |
पेशा | कवि, लेखक, संपादक |
विधाएँ | काव्य, संपादन |
काव्य-रचना | मैं आंगिरस, पुल पर पानी, अबेकस, लीला मुखारबिंद, सुरत निरत आदि। |
संपादन | कविता की बात |
पुरस्कार एवं सम्मान | ‘बिहारी सम्मान’, ‘पहल सम्मान’ व ‘सुब्रमण्यम भारती हिंदी सेवा सम्मान’ |
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राजस्थान के भरतपुर में हुआ जन्म
आधुनिक हिंदी साहित्य के विख्यात कवि ऋतुराज का जन्म 10 फरवरी 1940 को राजस्थान के भरतपुर में हुआ था। उनकी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा राजस्थान में ही हुई। इसके बाद उन्होंने ‘राजस्थान विश्वविद्यालय’ (University of Rajasthan) से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए की डिग्री हासिल की।
अंग्रेजी साहित्य के रहे शिक्षक
ऋतुराज ने आजीविका हेतु लगभग 40 वर्षों तक अंग्रेजी साहित्य का अध्यापन किया था। यहाँ से सेवानिवृत होने के बाद उन्होंने चीन के चाइना रेडियो इंटरनेशनल में बतौर भाषा-विशेषज्ञ तीन वर्षों तक नौकरी की। उनके कार्य क्षेत्र के बारे में और अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
ऋतुराज की साहित्यिक रचनाएँ
ऋतुराज (Rituraj Ka Jeevan Parichay) ने आधुनिक हिंदी साहित्य की काव्य विधा में कई अनुपम रचनाओं का सृजन किया हैं। इसके साथ ही उन्होंने संपादन के क्षेत्र में भी अपना अहम योगदान दिया था। यहाँ ऋतुराज की संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
काव्य रचनाएँ
- मैं आंगिरस
- एक मरणधर्मा और अन्य
- कितना थोडा वक़्त
- पुल पर पानी
- अबेकस
- नहीं प्रबोधचंद्रोदय
- सुरत निरत
- लीला मुखारविंद
- आशा नाम नदी
- स्त्रीवग्ग
संपादन
- कविता की बात
पुरस्कार एवं सम्मान
ऋतुराज (Rituraj Ka Jeevan Parichay) को हिंदी साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- बिहारी सम्मान
- पहल सम्मान
- सुब्रमण्यम भारती हिंदी सेवा सम्मान
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ हिंदी के समादृत कवि ऋतुराज का जीवन परिचय (Rituraj Ka Jeevan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-
FAQs
ऋतुराज का जन्म 10 फरवरी 1940 को राजस्थान के भरतपुर में हुआ था।
ऋतुराज ने राजस्थान विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए की डिग्री हासिल की थी।
ऋतुराज ने ‘कविता की बात’ पत्रिका का संपादन किया था।
यह समादृत कवि ऋतुराज की बहुचर्चित काव्य रचना है।
बता दें कि कवि ऋतुराज को ‘बिहारी सम्मान’, ‘पहल सम्मान’ व ‘सुब्रमण्यम भारती हिंदी सेवा सम्मान’ आदि से नवाजा जा चुका हैं।
आशा है कि आपको हिंदी के समादृत कवि ऋतुराज का जीवन परिचय (Rituraj Ka Jeevan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।