धूमिल का जीवन परिचय: सुदामा पांडेय धूमिल हिंदी की समकालीन कविता के प्रतिनिधि कवि थे। उन्होंने अपने काव्य में समकालीन राजनीतिक परिवेश में जी रहे जागरूक ‘व्यक्ति’ का सजीव चित्रण पेश किया है। इसके साथ ही सन 1960 के बाद के मोहभंग को प्रभावशाली ढंग से अभिव्यक्त किया है। वे अपनी कविताओं में पूँजीवादी शोषण व्यवस्था और राजनीति का पर्दाफाश करते हैं व जनता को आईना दिखाने का काम करते हैं। बता दें कि उनका रचना संसार विशाल नहीं था। उनकी मृत्यु तक सिर्फ एक कविता-संग्रह ‘संसद से सड़क तक’ प्रकाशित हुआ था व शेष का प्रकाशन मरणोपरांत विभिन्न प्रकाशकों द्वारा किया गया। वहीं आधुनिक हिंदी काव्य में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें मरणोपरांत ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया था।
सुदामा पांडेय धूमिल की कविता ‘घर में वापसी’ व ‘संसद से सड़क तक’ (कविता-संग्रह) को विद्यालय के अलावा बीए और एमए के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी धूमिल का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम हिंदी के चर्चित कवि धूमिल का जीवन परिचय (Dhumil Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मूल नाम | सुदामा पांडेय धूमिल (Sudama Panday Dhumil) |
उपनाम | ‘धूमिल’ |
जन्म | 09 नवंबर, 1936 |
जन्म स्थान | खेवली गांव, वाराणसी |
शिक्षा | विद्युत डिप्लोमा |
पिता का नाम | पंडित शिवनायक पांडे |
माता का नाम | राजवंती देवी |
पेशा | अनुदेशक, कवि |
विधाएँ | कविता |
भाषा | हिंदी |
साहित्य काल | आधुनिक काल (समकालीन कविता) |
पुरस्कार एवं सम्मान | मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार |
निधन | 10 फरवरी, 1975 लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
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उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में हुआ था जन्म – Dhumil Ka Jivan Parichay
हिंदी के संवेदनशील साहित्यकार सुदामा पांडेय धूमिल का जन्म 09 नवंबर 1936 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में ‘खेवली’ नामक गांव में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘पंडित शिवनायक पांडे’ था जो कि पेशे से मुनीम थे। उनकी माता का नाम ‘राजवंती देवी’ था जो एक गृहणी थीं।
आई.टी.आई से किया विद्युत डिप्लोमा
सुदामा पांडेय धूमिल की प्रारंभिक शिक्षा खेवली गांव में ही हुई थी. वर्ष 1953 में हायस्कूल की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने ‘हरिश्चंद इंटर कॉलेज’, वाराणसी में विज्ञान शाखा में दाखिला लिया। बताया जाता है कि वे अपने गांव के पहले व्यक्ति थे जिसने मैट्रिक पास की थी। किंतु आर्थिक अभाव और पारिवारिक समस्याओं के कारण वे अपनी शिक्षा पूर्ण न कर सके। इसके पश्चात उन्होंने वाराणसी के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से विद्युत डिप्लोमा का कोर्स पूरा किया।
संघर्षमय रहा जीवन
जब धूमिल मात्र 12 वर्ष के थे उसी दौरान उनके पिता का आकस्मिक निधन हो गया। जिसके बाद संपूर्ण परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। जीविकोपार्जन के लिए पहले वे कलकत्ता चले गए और वहाँ लोहा ढोने का कार्य करने लगे. इसके बाद उन्हें अपने मित्र के सहयोग से पासिंग ऑफिसर की नौकरी मिल गई. लेकिन उच्च अधिकारियों से मतभेद होने के कारण उन्होंने ये नौकरी छोड़ दी और गांव वापस आ गए. वर्ष 1958 में वे विद्युत अनुदेशक के पद पर नियुक्त हुए व अंत में उनका स्थानांतरण ‘आई.टी.आई’ सीतापुर में किया गया।
धूमिल की रचनाएँ – Dhumil Ki Rachnaye
धूमिल का रचना संसार विशाल नहीं हैं। उनकी अनेक कविताएँ समकालीन पत्र-पत्रिकाओं में बिखरी पड़ी हैं व कुछ अभी तक अप्रकाशित हैं। यहाँ धूमिल का जीवन परिचय (Dhumil Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
काव्य संग्रह
क्रम संख्या | काव्य संग्रह | प्रकाशन |
1. | संसद से सड़क तक | वर्ष 1972 |
2. | कल सुनना मुझे | वर्ष 1977 |
3. | सुदामा पांडे का प्रजातंत्र | वर्ष 1984 |
ब्रेन ट्यूमर के कारण हुआ निधन
सुदामा पांडेय धूमिल ने अपने 38 वर्ष के जीवनकाल में अनुपम काव्य कृतियों का सृजन किया था। किंतु ब्रेन ट्यूमर की घातक बीमारी के कारण उनका 10 फरवरी 1975 को निधन हो गया। बता दें कि साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए उन्हें मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वहीं आज भी वे अपनी श्रेष्ठ काव्य कृतियों के लिए जाने जाते हैं।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ हिंदी के चर्चित कवि धूमिल का जीवन परिचय (Dhumil Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
उनका मूल नाम सुदामा पांडेय था।
उनका जन्म 09 नवंबर 1936 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में ‘खेवली’ नामक गांव में हुआ था।
उनकी अंतिम कविता लोहे का स्वाद मानी जाती है।
यह सुदामा पांडेय धूमिल की लोकप्रिय कविता है।
‘संसद से सड़क तक’, ‘कल सुनना मुझे’ और ‘सुदामा पांडे का प्रजातंत्र उनके तीन प्रमुख काव्य संग्रह हैं।
ब्रेन ट्यूमर की बीमारी के कारण उनका 38 वर्ष की आयु में 10 फरवरी 1975 को निधन हो गया था।
आशा है कि आपको हिंदी के प्रसिद्ध कवि धूमिल का जीवन परिचय (Dhumil Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।