भूंजी भांग न होना मुहावरे का अर्थ (Bhunji Bhang Na Hona Muhavare Ka Arth) ‘दरिद्र होना अथवा अकिंचन होना या कुछ भी न होना’ होता है। इस मुहावरे का प्रयोग उस व्यक्ति के लिए किया जाता है जो दरिद्र हो जाता है। जब किसी व्यक्ति के पास कुछ भी शेष नहीं रहता, तो इस स्थिति को हम कहते हैं भूंजी भांग न होना। इस ब्लाॅग में आप मुहावरे का अर्थ, वाक्यों में प्रयोग और इसके भाव के बारे में जानेंगे।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा-सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
यह भी पढ़ें : सिर ऊँचा करना मुहावरे का अर्थ
भूंजी भांग न होना मुहावरे का अर्थ क्या है?
भूंजी भांग न होना मुहावरे का हिंदी अर्थ (Bhunji Bhang Na Hona Muhavare Ka Arth) ‘दरिद्र होना अथवा अकिंचन होना या कुछ भी न होना’ होता है।
भूंजी भांग न होना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग
भूंजी भांग न होना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग (Bhunji Bhang Na Hona Muhavare Ka Arth) इस प्रकार है-
- आकाश के गलत निर्णय से उसके पास कुछ शेष नहीं रहा, अब उसका भूंजी भांग न होना तय था।
- पैसों की तंगी के कारण तरुण भूंजी भांग न होगा।
- समय की करवट में सुरेश के पास कुछ भी शेष न रहा, जिससे उसकी स्थिति भूंजी भांग न होने जैसी हो गई।
- कुसुम के निर्णयों ने उसे ऐसी स्थिति में ला दिया है कि आज उसके पास भूंजी भांग नहीं है।
- उधार चुकाते चुकाते उर्वशी का हाल भूंजी भांग न होने जैसा हो गया।
यह भी पढ़ें : अपने हाथ में अपना भाग्य होना मुहावरे का अर्थ
संबंधित आर्टिकल
आशा है कि आपको भूंजी भांग न होना मुहावरे का अर्थ (Bhunji Bhang Na Hona Muhavare Ka Arth) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। हिंदी मुहावरों के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।