कविताओं ने हमेशा समाज का मार्गदर्शन किया है, समाज को सभ्य बनाने में कविताओं का अहम योगदान रहा है। किसी भी प्रकार की क्रूरता हो या अन्याय, कविताओं ने हर प्रकार की कुरीतियों से लड़ने के लिए समाज को एकजुट और प्रेरित किया है। कविताएं मानव को साहस से लड़ना सिखाती हैं। हर दौर में-हर देश में अनेकों महान कवि और कवियत्री हुए हैं, जिन्होंने मानव को सदैव सद्मार्ग दिखाया है। उन्हीं में से एक भारतीय कवियत्री अमिताभ बच्चन भी हैं, जिनकी लिखी कविता आज तक भारतीय समाज के साथ-साथ पूरे विश्व को प्रेरित कर रहीं हैं। Amitabh Bachchan Poems in Hindi के माध्यम से आप अमिताभ बच्चन की कविताएं पढ़ पाएंगे, जिसके लिए आपको ब्लॉग को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।
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कौन हैं अमिताभ बच्चन?
Amitabh Bachchan Poems in Hindi पढ़ने के पहले आपको अमिताभ बच्चन जी का जीवन परिचय होना चाहिए। हिन्दी साहित्य की सेवा में अपने पिता “हरिवंश राय बच्चन” की ही तरह समर्पित रहने वाले एक अच्छे अभिनेता और कवि अमिताभ बच्चन जी का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहबाद) में हुआ था। अमिताभ जी का बचपन हिंदी साहित्य के आँगन में ही गुजरा, जिसका प्रभाव उनके जीवन पर भी देखने को मिला।
महान भारतीय अभिनेता अमिताभ बच्चन के पिता जी “हरिवंश राय बच्चन” हिंदी साहित्य के प्रमुख कवियों में से एक थे, अमिताभ बच्चन जी की माता का नाम तेजी बच्चन था। माता-पिता से मिलने वाले संस्कारों का ही प्रभाव था कि बच्चन जी को भारत सरकार द्वारा “पद्म श्री” और “पद्म भूषण” से भी सम्मानित किया गया।
अमिताभ बच्चन जी की रचनाएं
Amitabh Bachchan Poems in Hindi पढ़ने के पहले आपको उनकी रचनाओं के बारे में पता होना चाहिए, जिसको आप इस ब्लॉग में पढ़ेंगे। अमिताभ बच्चन की कविताएं सामाजिक परिपेक्ष्य में महिला स्वतंत्रता, शिक्षा, और समाज में उनकी भूमिका को दर्शाने वाली हैं। हिंदी साहित्य में उनके महान और महत्वपूर्ण योगदान के कारण ही, उन्हें कवि का दर्जा प्राप्त है।
मैं अगर कहूँ
इस कविता के माध्यम से अमिताभ बच्चन प्रेम, जीवन, और आत्मा के मुद्दों पर को छूने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही इसमें व्यक्तिगत अनुभवों की गहराईयों को छूने का प्रयास किया गया है।
कंप्यूटर
इस कविता में अमिताभ बच्चन द्वारा कांप्यूटर के महत्व को बयान किया गया है, साथ ही बदलते समय में कंप्यूटर की महत्वपूर्ण भूमिका पर विचार किया गया है।
लोहपुरुष
इस कविता में अमिताभ बच्चन जी ने सरदार बल्लभभाई पटेल को “लोहपुरुष” के रूप में याद किया है, साथ ही देश की अखंडता के लिए उनके योगदान को महत्वपूर्ण बताया है।
कुछ रंग प्यार के ऐसे भी
इस कविता में प्यार के विभिन्न रूपों को प्रस्तुत किया गया है, और साथ ही प्यार के हर पहलु को छूने का प्रयास किया गया है।
कभी कभी कुछ जीतने के लिए कुछ हारना भी पड़ता है
इस कविता में अमिताभ बच्चन जी ने जीवन के सफर की अनोखी कहानी को सुनाया है, जिसमें सब कुछ आपके अनुसार नहीं चलता, फिर भी आपको प्रेरित रहना पड़ता है।
लहरो से डरक़र नौका पार नही होती
Amitabh Bachchan Poems in Hindi आपकी जीवनशैली में साकारत्मक बदलाव कर सकती हैं, अमिताभ बच्चन जी की कविताओं की श्रेणी में एक कविता “लहरो से डरक़र नौका पार नही होती” भी है, जो आपको संकट के समय में प्रेरित करना सिखाएगी।
लहरो से डरक़र नौका पार नही होती
कोशिश करनें वालो की कभीं हार नही होती
नन्ही चीटीं जब दाना लेक़र चलती हैं
चढती दीवारो पर सौं बार फ़िसलती हैं
मन का विश्वास रगो मे साहस भरता हैं
चढकर ग़िरना, गिरक़र चढना न अख़रता हैं
आख़िर उसकी मेहनत बेक़ार नही होती
कोशिश करनें वालो की कभीं हार नही होती
डुबकियां सिन्धु में गोताख़ोर लगाता हैं
जा जाक़र ख़ाली हाथ लौंटकर आता हैं
मिलतें नही सहज़ ही मोती गहरें पानी मे
बढता दुगुना उत्साह इसीं हैंरानी मे
मुट्ठीं उसकी ख़ाली हर बार नही होती
कोशिश करनें वालो की कभीं हार नही होती
असफ़लता एक चुनौंती हैं स्वीकार करों
क्या कमीं रह गयी देख़ो और सुधार करों
ज़ब तक न सफ़ल हो नीद चैंन को त्यागों तुम
संघर्ष का मैंदान छोड मत भागों तुम
कुछ किये बिना ही ज़य-ज़यकार नही होती
कोशिश करनें वालो की कभीं हार नही होती
-अमिताभ बच्चन
मुठ्ठीं मे कुछ सपनें लेक़र
Amitabh Bachchan Poems in Hindi आपकी जीवनशैली में साकारत्मक बदलाव कर सकती हैं। अमिताभ बच्चन जी की कविताओं की श्रेणी में एक कविता “मुठ्ठीं मे कुछ सपनें लेक़र” भी है, जो कि हमें अपनी सीमाओं को पार करके नए अनुभवों की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस कविता से प्रेरित होकर नए रास्तों को खुलकर चुनेंगे।
मुठ्ठीं में कुछ सपनें लेक़र
भर कर जेबो में आशाये
दिल में हैं अरमान यही
कुछ कर जाये कुछ कर जाये
सूरज़ सा तेज़ नही मुझ़में
दीपक सा ज़लता देख़ोगे
आपनी हद रौंशन करनें से
तुम मुझ़को कब तक रोक़ोगे
मैं उस उस माटीं का वृक्ष नही
ज़िसको नदियो ने सींचा हैं,
बंज़र माटी में पलक़र मैने
मृत्यु से ज़ीवन ख़ीचा हैं.
मै पत्थर पर लिख़ी ईबारत हूं
शीशें से कब तक तोडोगे
मिटनें वाला मैं नाम नही
तुम मुझ़को क़ब तक रोक़ोगे
तुम मुझ़को कब़ तक रोक़ोगे
इस ज़ग में जितनें ज़ुल्म नही
उतनें सहने की ताक़त हैं
तनों के शोर में भी रहक़र
सच क़हने क़ी आदत हैं
मैं सागर सें भी ग़हरा हूं
तुम कितनें ककड़ फ़ेकोगे
चुन चुन क़र आगे बढूगा मैं
तुम मुझ़को कब तक रोक़ोगे.
झ़ुक झ़ुक कर सीधा ख़ड़ा हुआ,
अब फ़िर झ़ुकने का शौंक नही
अपने ही हाथो रचा स्वय
तुमसें मिटने का खौफ नही
तुम हालातों की भठ्ठीं में
ज़ब ज़ब मुझ़को झोकोगे
तब तप क़र सोना बनूगा
तुम मुझ़को क़ब तक रोक़ोगे
-अमिताभ बच्चन
यें गर्व हैं
Amitabh Bachchan Poems in Hindi आपकी जीवनशैली में साकारत्मक बदलाव कर सकती हैं। अमिताभ बच्चन जी की कविताओं की श्रेणी में एक कविता “यें गर्व हैं” भी है, जो कि आपको बेटियों पर गर्व करना और आप में नारी के सम्म्मान के लिए समर्पण भाव को उत्पन्न करती है।
यें गर्व हैं मेरा, बेटी, बेटियां जब उभ़र कर आती है,
अपनें दम पर कुछ करकें हमे दिख़ाती है
मोतियो से पिरोई हुई यें माला, ऐसे क़रना
गहना अनमोल हैं, इसें सुरक्षित रख़ना
जी हां हुजुर मै काम क़रता हूं
जी हां हुजुर मै काम करता हूं
मै सुबह शाम क़ाम करता हूं
मै रात बा रात क़ाम करता हूं
मै रातो रात क़ाम करता हूं।
-अमिताभ बच्चन
गुज़र जायेगा
Amitabh Bachchan Poems in Hindi आपकी जीवनशैली में साकारत्मक बदलाव कर सकती हैं। अमिताभ बच्चन जी की कविताओं की श्रेणी में एक कविता “गुज़र जायेगा” भी है, जो आपको इस बात का महत्व बताती है कि वक़्त चाहे कितना भी बुरा क्यों न हो, गुज़र जायेगा।
गुज़र जायेगा, गुज़र जायेगा
मुश्किल ब़हुत हैं, मगर वक्त हीं तो हैं
गुज़र जायेगा, गुज़र जायेगा।।
जिन्दा रहने का ये जो ज़ज्बा हैं
फिर उभर आयेगा
गुज़र जाएगा, गुज़र जाएगा।।
माना मौंत चेहरा ब़दलकर आई हैं,
माना मौंत चेहरा बदलकर आई हैं,
माना रात क़ाली हैं, भयावह हैं, गहराई हैं
लोग़ दरवाजो पे रास्तो पे रूकें बैठे है,
लोग दरवाज़ो पे रास्तो रूकें बैठे है,
कईं घबराए है सहमे है, छिपे बैठें है।
मग़र यकीं रख़, मगर यकीं रख
ये बस लम्हा हैं दो पल में बिख़र जायेगा
जिन्दा रहनें का ये जो ज़ज्बा हैं, फ़िर असर लायेगा
मुश्कि़ल बहुत हैं, मगर वक्त हीं तो हैं
गुज़र जाएगा, गुज़र जाएगा।।
-अमिताभ बच्चन
हमारें पास घर था
Amitabh Bachchan Poems in Hindi आपकी जीवनशैली में साकारत्मक बदलाव कर सकती हैं। अमिताभ बच्चन जी की कविताओं की श्रेणी में एक कविता “हमारें पास घर था” भी है, जो कि घर और परिवार के साथ-साथ सपनों को सम्मान देती है और इसकी एहमियत बताती है।
हमारें पास घर था
मग़र वह अपना नही था
घर हमारें लिए सपना भीं नही था
हमारें पास घर खरीदने के पैंसे थे
हमारें लिये घर कही भाग नही रहे थें
घरो के बाजार मे हम शान से घूम सक़ते थे
हमनें ब़हुत सारें घर देख़े
घर देख़ने का हमे नशा हो ग़या
घर के उपर हम आजाद परिन्दो की तरह उडते
हमनें देख़ा लाखो घर खाली थे
और उन्हे हमारा इन्तजार था
खाली घरो ने हमारा दिमाग खराब क़र दिया
ये संमन्दर वाला ले
या वो ज़ंगल वाला
या पहाड से नीचें उतरतें हुए
वह जो तुमनें देख़ा था
अरें वह घर तुम इतनी ज़ल्दी भूल गयी
घर जहां तीन तरफ से हवा आतीं थी
घर जहां छह घण्टे सूरज़ मिलता था
घर ज़िसे कोईं दूसरा घर छुपा नही सक़ता था
वह घर ज़ो दूर से ही दिख़ता था
तुम उसें भूल गयी
वह सस्ता मग़र बहुत बडा घर
-अमिताभ बच्चन
आशा है कि Amitabh Bachchan Poems in Hindi के माध्यम से आप अमिताभ बच्चन की कविताएं पढ़ पाएं होंगे, जो कि आपको सदा प्रेरित करती रहेंगी। साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।