जो शब्द धर्म, गुण, भाव, स्वभाव, अवस्था आदि का बोध कराते हैं उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे- अहिंसा, खटास, मिठास, लंबाई, बचपन, भय, आलस्य आदि। संज्ञा के पाँच भेद होते हैं, जिनमें भाववाचक संज्ञा भी एक है। यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंश है, जो हिंदी विषय के छात्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। इसलिए इस ब्लॉग में विद्यार्थियों को आगामी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भाववाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरणों की विस्तृत जानकारी दी गई है।
भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं?
भाववाचक संज्ञा वह होती है, जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या क्रिया से संबंधित गुण, भावना, अवस्था या स्वभाव का बोध कराती है। यह किसी ठोस वस्तु या व्यक्ति को सीधे नहीं दर्शाती, बल्कि केवल विचार, भावना या गुण जैसे अमूर्त तत्वों को प्रकट करती है। ध्यान दें कि भाववाचक संज्ञाएँ पाँच प्रकार के शब्दों से बनती हैं— जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रियाविशेषण और अव्यय।
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण इस प्रकार हैं:-
जातिवाचक से भाववाचक बनाना
जातिवाचक | भाववाचक |
घर | घरेलू |
नेता | नेतृत्व |
युवक | यौवन |
इंसान | इंसानियत |
नागरिक | नागरिकता |
बच्चा | बचपन |
बूढ़ा | बुढ़ापा |
मित्र | मित्रता |
शत्रु | शत्रुता |
भाई | भाईचारा |
ठग | ठगी |
इंसान | इंसानियत |
सर्वनाम से भाववाचक बनाना
सर्वनाम | भाववाचक |
पराया | परायापन |
अहं | अहंकार |
मम | ममता |
अपना | अपनापन |
सर्व | सर्वस्व |
निज | निजत्व |
क्रिया से भाववाचक बनाना
क्रिया | भाववाचक |
खेल | खेलना |
लिखना | लिखावट |
हंसी | हंसना |
लड़ाई | लड़ना |
पढ़ना | पढ़ाई |
पढ़ना | पढ़ाई |
दौड़ना | दौड़ |
सजाना | सजावट |
घबराना | घबराहट |
हँसना | हँसी |
उड़ना | उड़ान |
विशेषण से भाववाचक बनाना
विशेषण | भाववाचक |
अधिक | अधिकता |
मोटा | मोटापा |
पतला | पतलापन |
गंभीर | गंभीरता |
काला | कालापन |
मीठा | मिठास |
खट्टा | खटास |
गर्म | गर्मी |
सुंदर | सुंदरता |
गहरा | गहराई |
अव्यय से भाववाचक बनाना
विशेषण | भाववाचक |
निकट | निकटता |
शीघ्र | शीघ्रता |
देर | देरी |
मना | मनाही |
ऊपर | ऊपरी |
शीघ्र | शीघ्रता |
मना | मनाही |
समीप | समीपता |
यह भी पढ़ें – भाववाचक संज्ञा के 50 उदाहरण
भाववाचक संज्ञा के 10 उदाहरण
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण इस प्रकार हैं:-
- दया एक महान गुण है।
- सफलता मेहनत से मिलती है।
- स्वतंत्रता सभी के लिए महत्वपूर्ण है।
- प्रेम दुनिया की सबसे सुंदर भावना है।
- उसकी ईमानदारी ने सबका दिल जीत लिया।
- सपना किसी को भी साकार हो सकता है।
- आत्मविश्वास सफलता की कुंजी है।
- सहानुभूति से हम दूसरों का दुख कम कर सकते हैं।
- मोह हमारे निर्णयों को प्रभावित करता है।
- संतोष में ही असली सुख है।
FAQ
जिन शब्दों से किसी प्राणी या पदार्थ के गुण, भाव, स्वभाव या अवस्था का बोध होता है, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे— मिठास, बुढ़ापा, गरीबी, आज़ादी आदि।
– समाजसेवा से हमें मानसिक शांति मिलती है।
– बारिश के कारण सर्दी बहुत बढ़ गई है।
– हंसना सेहत के लिए अच्छा होता है।
अच्छाई, बुराई, गुस्सा, हंसना, वीरता, मोटापा, बुढ़ापा, सर्दी, गर्मी आदि भाववाचक शब्द हैं।
नहीं, सभी संज्ञाएं भाववाचक संज्ञा नहीं होतीं।
भाववाचक संज्ञाएं हमारे विचारों, भावनाओं, गुणों और मानसिक अवस्थाओं को व्यक्त करने का माध्यम हैं।
आशा है कि आपको इस लेख में भाववाचक संज्ञा (Bhavvachak Sangya Kise Kahate Hain) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही हिंदी व्याकरण से संबंधित अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage के साथ बने रहें।