गणित के विद्यार्थी शंकु के छिन्नक का आयतन का सूत्र के बारे में भलि भांति जानते ही होंगे, यदि नहीं तो आज की इस पोस्ट में विद्यार्थी चाहें किसी भी विषय के क्यों न हों, उनको शंकु के छिन्नक का आयतन का सूत्र की उदाहरण के साथ संपूर्ण जानकारी मिलेगी। जिसके लिए आपको इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।
शंकु क्या होता है?
शंकु एक त्रि-आयामी (3D) ज्यामितीय आकृति है, जिसमे एक गोलाकार आधार होता है, जो एक सपाट आधार से शुरू होकर एक शीर्ष बिंदु तक पहुंचता है। आसान भाषा में समझा जाए तो शंकु ऐसे रेखा खण्डों से बना होता है, जो शीर्ष पर बिंदु है उसे आधार के सभी बिंदु से जोड़ते हैं। शंकु के आधार और शीर्ष के बीच की दूरी को शंकु की ऊंचाई कहा जाता है।
शंकु का छिन्नक क्या होता है?
शंकु की परिभाषा जानने के बाद आपको शंकु के छिन्नक की परिभाषा का पता होना अनिवार्य है। जब शंकु को किसी समतल द्वारा दो भागों में काटा जाता है, तब छिन्नक प्राप्त होता है। शंकु का ऊपरी भाग आकार में समान रहता है, लेकिन नीचे का भाग एक छिन्नक बनाता है। यह एक प्रकार का ग्लासनुमा आकृति होता है, जो शंकु के दो बराबर भाग में काटने पर प्राप्त होता है। इसी का प्रयोग छिन्नक के फॉर्मूला के लिए किया जाता है।
शंकु का छिन्नक एक लैटिन शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ “टुकड़ा” होता है। आसान भाषा में कहा जाए तो यह कुछ इस प्रकार है कि जब एक शंकुनुमा आकृति को किसी समतल द्वारा दो भागों में काटने पर प्राप्त नए त्रिआयामी आकृति को शंकु का छिन्नक कहा जाता है। प्राप्त त्रिआयामी आकृति का केंद्र, वृत्त और त्रिज्याएँ समनांतर एवं समरूप होती है।
अर्थात, शंकु का वह रूप जो तिकोना न हो, बल्कि ग्लास के आकृति के समरूप हो, वह छिन्नक कहलाता है। छिन्नक को निम्नलिखित बिंदुओं से भी समझा जा सकता है-
- छिन्नक में दो वृत्त, केंद्र एवं दो त्रिज्या होती है।
- शंकु को काटने पर ही छिन्नक प्राप्त होता है।
- तिर्यक ऊंचाई शंकु के समरूप होते है।
- ऊंचाई = h
- ऊपर की त्रिज्या = R
- आधार की त्रिज्या = r
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शंकु के छिन्नक का आयतन का सूत्र
शंकु का वह भाग जो ग्लासनुमा त्रिआयामी आकृति के रूप का है, उसका आयतन ज्ञात करने के लिए निम्न फार्मूला का प्रयोग किया जाता है.
शंकु के छिन्नक का आयतन = (1/3) × π [r² + R² + (r × R) × h]
जहाँ,
ऊंचाई = h
ऊपर की त्रिज्या = R
आधार की त्रिज्या = r है।
शंकु के छिन्नक का गुण
शंकु के आयतन को ज्ञात करने के लिए आपको शंकु के छिन्नक का गुणों के बारे में पता होना आवश्यक है, जों कि निम्नलिखित है।
- छिन्नक के दो वृताकार आधारों के बीच ऊंचाई समलम्ब होती है।
- बड़े वृत्त की त्रिज्या को R तथा छोटे त्रिज्या को r माना जाता है।
- शंकु की ऊंचाई, जिसमे छिन्नक बनाया गया है = (hr / r – R)
- शंकु का तिर्यक ऊंचाई, जिसमे छिन्नक बनाया गया है = (lr / r – R)
शंकु के छिन्नक के आयतन को उदाहरण से समझिए
शंकु के छिन्नक के आयतन का सूत्र जानने के बाद आप शंकु के आयतन को निम्नलिखित उदाहरण से समझ सकते हैं-
प्रश्न: यदि किसी छिन्नक की ऊंचाई 5 cm, तिर्यक ऊँचाई 4, बड़ी त्रिज्या 3cm और छोटी त्रिज्या 2cm हो, तो छिन्नक का आयतन ज्ञात करे?
ज्ञात है: h = 5 cm, l = 4cm, r = 3cm और R = 2cm, तो
शंकु के छिन्नक का आयतन = (1/3) × π [r² + R² + (r × R) × h]
शंकु के छिन्नक का आयतन = 1/3 × 22/7 [9 + 4 + (3 × 2 ) × 5]
शंकु के छिन्नक का आयतन = 1/ 3 × 22/7 × 43
अर्थात, शंकु के छिन्नक का आयतन = 45.05 cm3
प्रश्न: यदि किसी छिन्नक की ऊंचाई 4 cm, तिर्यक ऊँचाई 4 cm, बड़ी त्रिज्या 2 cm और छोटी त्रिज्या 3 cm हो, तो छिन्नक का आयतन ज्ञात करे?
ज्ञात है: h = 4 cm, l = 4 cm, r = 2 cm और R = 3 cm, तो
शंकु के छिन्नक का आयतन = (1/3) × π [r² + R² + (r × R) × h]
शंकु के छिन्नक का आयतन = 1/3 × 22/7 [4+ 9+ (3 × 2 ) × 5]
शंकु के छिन्नक का आयतन = 1/ 3 × 22/7 × 43
अर्थात, शंकु के छिन्नक का आयतन = 45.05 cm3
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