खाक छानना मुहावरे का अर्थ (Khak Channa Muhavare Ka Arth) जब किसी व्यक्ति को कोई चीज मिलती है और वह उसकी कदर नहीं करता और वह दूर हो जाती है, बाद में उसका एहसास होता है तब हम उसके लिए खाक छानना मुहावरे का प्रयोग करते हैं। इस ब्लॉग में आप खाक छानना मुहावरे का अर्थ, खाक छानना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और व्याख्या जानेगें।
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मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
खाक छानना मुहावरे का अर्थ क्या है?
खाक छानना मुहावरे का अर्थ (Khak Channa Muhavare Ka Arth) होता है- भटकना, दर दर भटकना।
खाक छानना पर व्याख्या
कल राजस्थान घूमने गया, वह पर रुकने के लिए घर की तलास के लिए खाक छानता रहा और आखरी में जाकर मुझे मेरे दोस्त घर मिल गया।
खाक छानना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
- समीरा की सोने की अंगूठी गुम हो गई और वह पूरे घर की खाक छान रही थी।
- दिनेश इतना होशियार लड़का है फिर भी वह न जाने क्यों उस जगह नौकरी करके खाक छान रहा है।
- दिया हमेशा क्लास में 1st आती है, और मीरा पता नहीं क्या खाक छाना करती है।
- रवि का पेपर सर पर है और वो सड़कों पर घूम कर खाक छान रहा है।
उम्मीद है, Khak Channa Muhavare Ka Arth आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।