हिंदी की सुपरिचित कवयित्री और कथाकार अनामिका का जीवन परिचय

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अनामिका का जीवन परिचय

अनामिका हिंदी भाषा की प्रख्यात कथाकार और कवयित्री हैं। वे समकालीन हिंदी कविता की प्रमुख कवयित्रियों में से एक मानी जाती हैं। क्या आप जानते हैं कि हिंदी कविता के लिए ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ पाने वाली वह पहली महिला कवयित्री हैं। उन्हें यह पुरस्कार वर्ष 2020 में ‘टोकरी में दिगंतः थेरीगाथा 2014’ काव्य-संग्रह के लिए दिया गया था। साहित्य के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें ‘राष्ट्रभाषा परिषद् पुरस्कार’, ‘भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार’ एवं ‘साहित्य सेतु सम्मान’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। इस लेख में सुप्रसिद्ध कवयित्री और कथाकार अनामिका का जीवन परिचय और उनकी प्रमुख साहित्यिक रचनाओं की जानकारी दी गई है।

नाम अनामिका
जन्म 17 अगस्त, 1961 
जन्म स्थान मुजफ्फरपुर, बिहार 
पिता का नाम डॉ. श्यामनंदन किशोर
माता का नाम आशा किशोर
शिक्षा एम.ए., पी.एचडी. (दिल्ली विश्वविद्यालय)
पेशा साहित्यकार 
भाषा हिंदी 
विधाएँ कविता, उपन्यास, कहानी, आलोचना, संस्मरण, विमर्श 
पुरस्कार एवं सम्मान ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘राष्ट्रभाषा परिषद् पुरस्कार’, ‘भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार’ व ‘साहित्य सेतु सम्मान’

बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ था जन्म

अनामिका जी का जन्म 17 अगस्त, 1961 को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम डॉ. श्यामनंदन किशोर था, जो बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं। इसके साथ ही वे राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ और गोपाल सिंह ‘नेपाली’ के दौर के प्रतिष्ठित कवि एवं गीतकार भी थे। उन्हें भारत सरकार द्वारा ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। माना जाता है कि काव्य के प्रति उनका ज्ञान उन्हें अपने पिता से ही मिला था। उनकी माता का नाम आशा किशोर है, जो हिंदी की प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष रह चुकी हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय से की पढ़ाई  

अनामिका की प्रारंभिक शिक्षा बिहार से हुई थी। बाद में वह उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली आ गईं और यहाँ उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी में एम.ए. किया। फिर इसी विश्वविद्यालय से उन्होंने पीएचडी और डी.लिट् की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद वह दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रतिष्ठित महाविद्यालय में अंग्रेज़ी साहित्य का अध्यापन कार्य कर रही हैं।

अनामिका का साहित्यिक परिचय 

माना जाता है कि अनामिका का साहित्य के क्षेत्र में पदार्पण उनकी उच्च शिक्षा के दौरान हुआ था। पहले वह कविता लिखा करती थीं, लेकिन बाद में उन्होंने उपन्यास, कहानी, आलोचना, विमर्श और संस्मरण विधाओं में अपनी लेखनी से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। इसके अलावा, उन्होंने विख्यात साहित्यकार गिरिश कर्नाड द्वारा रचित नाटक ‘नागमंडल’ सहित कई पाश्चात्य रचनाओं का अनुवाद किया।

अनामिका की साहित्यिक रचनाएँ

अनामिका ने आधुनिक हिंदी साहित्य की कई विधाओं में अनुपम कृतियों का सृजन किया है। नीचे उनकी समग्र साहित्यिक कृतियों की सूची दी गई है:-

काव्य-संग्रह 

  • ग़लत पते की चिट्ठी
  • बीजाक्षर
  • समय के शहर में 
  • अनुष्टुप
  • कविता में औरत 
  • खुरदुरी हथेलियाँ
  • दूब-धान
  • टोकरी में दिगंत: थेरीगाथ : 2014
  • पानी को सब याद था

कहानी-संग्रह 

  • प्रतिनायक 

उपन्यास

  • आईनासाज़ 
  • अवान्तर कथा 
  • दस द्वारे का पींजरा 
  • तिनका तिनके पास 

आलोचना 

  • पोस्ट एलिएट पोएट्री: अ वॉएज फ्रॉम कांफ्लिक्ट टु आइसोलेशन 
  • डन क्रिटिसिज़्म डाउन दि एजेज
  • ट्रीटमेंट ऑव लव एंड डेथ इन पोस्ट वार अमेरिकन विमेन पोएट्स

विमर्श 

  • स्त्रीत्व का मानचित्र
  • मन माँजने की ज़रूरत 
  • पानी जो पत्थर पीता है 
  • साझा चूल्हा
  • त्रिया चरित्रम्: उत्तरकांड 
  • स्वाधीनता का स्‍त्री-पक्ष

संस्मरण 

  • एक ठो शहर था 
  • एक थे शेक्सपियर 
  • एक थे चार्ल्स डिकेंस 

अनुवाद 

  • नागमंडल (गिरीश कर्नाड द्वारा रचित कहानी)
  • रिल्के की कविताएँ, एफ्रो-इंग्लिश पोएम्स, अटलांट के आर-पार (समकालीन अंग्रेजी कविता)
  • कहती हैं औरतें (विश्व साहित्य की स्त्रीवादी कविताएँ)
  • ग्रास इज़ सिंगिंग – उपन्यास 

पुरस्कार एवं सम्मान 

अनामिका को आधुनिक हिंदी साहित्य में उनके विशेष योगदान के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों द्वारा कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • राजभाषा परिषद् पुरस्कार
  • भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार 
  • साहित्यकार सम्मान
  • गिरिजाकुमार माथुर सम्मान 
  • परम्परा सम्मान
  • साहित्य सेतु सम्मान
  • केदार सम्मान
  • शमशेर सम्मान 
  • सावित्रीबाई फुले सम्मान 
  • मुक्तिबोध सम्मान
  • महादेवी सम्मान
  • वर्ष 2020 में अनामिका को उनके काव्य संग्रह ‘टोकरी में दिगंतः थेरीगाथा 2014’ के लिए ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। वह हिंदी भाषा की पहली महिला कवयित्री हैं, जिन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। 

FAQs 

अनामिका का जन्म कब हुआ था?

अनामिका का जन्म 17 अगस्त, 1961 को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में हुआ था। 

अनामिका को साहित्य अकादमी पुरस्कार कब मिला?

वर्ष 2020 में उन्हें अपने काव्य-संग्रह ‘टोकरी में दिगंतः थेरीगाथा 2014’ के लिए ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। 

अनामिका के माता-पिता का क्या नाम हैं?

उनकी माता का नाम ‘आशा किशोर’ और पिता का नाम ‘डॉ. श्यामनंदन किशोर’ है। 

‘खुरदुरी हथेलियाँ’ किसकी रचना है?

यह हिंदी भाषा की प्रतिष्ठित कवयित्री अनामिका का लोकप्रिय काव्य-संग्रह है। 

अनामिका ने कहाँ से पढ़ाई की है?

उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम.ए, पीएचडी और डी.लिट् की डिग्री प्राप्त की है। 

आशा है कि आपको कवयित्री अनामिका का जीवन परिचय पर आधारित हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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