1. स्किल का बढ़ना अथवा कौशल उन्नयनइंजीनियरिंग और MBA दो भिन्न-भिन्न क्षेत्र हैं, इसीलिए यदि आप इंजीनियरिंग के बाद MBA करते हैं तो आप में दोनों क्षेत्रों के लिए आवश्यक स्किल्स का विकास होगा।
2. पर्सनल ग्रोथ अथवा व्यक्तिगत विकास
इंसान कोई भी फील्ड चुनने से पहले यह जरूर सोचता है कि क्या इससे मेरी ग्रोथ होगी अथवा नहीं। इंजीनियरिंग के बाद MBA करने से आप कई विषयों पर गहनता से अध्ययन करते हैं, जिससे आपकी पर्सनल ग्रोथ होती है।
3. लीडरशिप क्वालिटी अथवा नेतृत्व का गुण
MBA एक ऐसा प्रोग्राम है जो आप में लीडरशिप स्किल्स का विकास करता है, साथ ही यह आपको इंजीनियरिंग और बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन के साथ मैनेजेरियल रॉल्स निभाने में सक्षम बनाता है।
4. करियर अपॉर्चुनिटी अथवा कैरियर के अवसर
MBA करने के बाद आप ट्रेडिशनल इंजीनियरिंग रॉल्स के इतर नित करियर के नए अवसरों को प्राप्त कर पाते हैं।
5. एंटरप्रेन्योरियल डेवलपमेंट अथवा उद्यमशीलता विकास
यदि आप स्वरोजगार करना चाहते हैं तो इसके लिए MBA आपको ज्ञान और कौशल के हर पहलू की विस्तृत जानकारी देता है।
6. बिजनेस नॉलेज अथवा व्यापार का ज्ञान
MBA के प्रोग्राम में आपकों बिजनेस के हर पहलू जैसे: मार्केटिंग, ऑपरेशन्स, फाइनेंस, ह्यूमन रिसोर्स और एंटरप्रेन्योरशिप को समझने का अवसर मिलता है।
7. नेटवर्किंगMBA प्रोग्राम के तहत आप नेटवर्किंग की क्वालिटी सीख पाते हैं, जो आपके वैल्यूएबल कनेक्शन का मार्गदर्शन करते हुए आपको बेहतर जॉब्स के साथ-साथ मेंटरशिप जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराती है।