डॉक्टर कैसे बने जानिए स्टेप बाय स्टेप गाइड

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बारहवीं के बाद हर किसी का यह सवाल रहता है कि आगे किस करियर में जाना बेहतर होगा। हालांकि आधी दुविधा आपके दसवीं के बाद अपने मन चाहे सब्जेक्ट चुनने से हल हो जाती है। लेकिन उसके बाद भी छात्रों के मन में अपने भविष्य को लेकर चिंता बनी रहती है। हर छात्र की ख़्वाहिश होती है की वे अपने चुने हुए करियर में बेहतर कर पाए और निरंतर आगे बढ़ पाए। तो जब भी मन में यह सवाल आता है कि बारहवीं के बाद क्या किया जाए तो सबके मुख पर कुछ नाम रहते है जिसमें डॉक्टर बनना अव्वल नंबर पर आता है। तो डॉक्टर कैसे बने (doctor kaise bane) जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े।

फील्ड मेडिकल
मुख्य विषय साइंस
कोर्स की अवधि 3 साल
एंट्रेंस एग्ज़ाम NEET UG, NEET PG, NEET- SS
सिलेक्शन क्राइटेरियाएंट्रेंस बेस्ड
वर्क सेक्टर्स रिसर्च इंस्टीट्यूट, हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज,मेडिकल ट्रस्ट,फार्मास्युटिकल और बायो टेक्नोलॉजी कंपनियां आदि ।
This Blog Includes:
  1. डॉक्टर क्यों बनें ?
  2. डॉक्टर बनने के लिए अनिवार्य स्किल्स
  3. एक डॉक्टर की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां
  4. Doctor Kaise Bane: स्टेप बाए स्टेप गाइड
  5. टॉप मेडिकल कोर्सेज
  6. टॉप मेडिकल कोर्सेज ( NEET एग्ज़ाम के बिना )
  7. दुनिया की टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटीज
  8. टॉप इंडियन यूनिवर्सिटीज
  9. डॉक्टर बनने के लिए योग्यता
  10. आवेदन प्रक्रिया 
    1. विदेश में आवेदन प्रक्रिया 
  11. डॉक्टर बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ 
  12. डॉक्टर बनने के लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्ज़ाम
  13. मेडिकल क्षेत्र में करियर स्कोप
  14. जॉब प्रोफाइल्स एंड टॉप रिक्रूटर्स
  15. जानिए अनुमानित सैलरी के बारे में
  16. डॉक्टर कैसे बनें? – भिन्न क्षेत्रों में
  17. विदेश के कुछ सबसे प्रसिद्ध डॉक्टर्स
  18. भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध डॉक्टर्स
  19. FAQs

डॉक्टर क्यों बनें ?

मेडिकल फील्ड की बात की जाए तो आज के समय में साइंस हर विषय में तरक्की कर रहा है और आगे बढ़ रहा है। हमारे साइंटिस्ट हर दिन कुछ न कुछ खोज और आविष्कार करते नज़र आते है। अतीत की ओर देखा जाए तो आज लगभग हर बीमारी और हर समस्या का समाधान साइंस के पास उपलब्ध नजर आता है। डॉक्टर, साइंटिस्ट, इंजीनियर्स आदि ऐसे क्षेत्र है जिसमें आपके काम करने और नई चीज़ो को गहराई से जानने का स्कोप बढ़ जाता है और बेहतर तनख्वाह के साथ साथ पर्सनल ग्रोथ भी मिलती है।

एक डॉक्टर अपनी पढ़ाई के दौरान यह तय कर सकता है कि उसकी रूचि ज़्यादा किस क्षेत्र में है। मेडिकल की पढ़ाई के साथ-साथ आपको यह डिसाइड करना भी आवश्यक है कि आप किस प्रकार के डॉक्टर बनना चाहते हैं। आइए जानते है डॉक्टर्स के प्रकार जिससे आपको यह अंदाज़ा लग पाएगा और आप बेहतर विकल्प चुन पाएंगे।

  • पीडियाट्रिशन
  • गाइनेकोलॉजिस्ट
  • साइकेट्रिस्ट
  • डर्मेटोलॉजिस्ट
  • कार्डियोलॉजिस्ट
  • वेटेरिनेरियन
  • न्यूरोलॉजिस्ट
  • थेरेपिस्ट
  • साइकोलोजिस्ट
  • ऑडिओलॉजिस्ट
  • डेंटिस्ट
  • एलर्जिस्ट
  • एंडोक्रिनोलोजिस्ट आदि
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डॉक्टर बनने के लिए अनिवार्य स्किल्स

पढ़ाई में अच्छे होने के साथ-साथ एक डॉक्टर में कुछ महत्वपूर्ण स्किल्स का होना बहुत आवश्यक है जो एक छात्र को बेहतर डॉक्टर बनने के जरुरी होती हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण स्किल्स की सूची दी गयी है:-

  • कम्युनिकेशन स्किल्स
    करियर के हर पड़ाव पर कम्युनिकेशन स्किल आपको बहुत लाभ पंहुचा सकती है। यह आपको अपनी बात कहने में और दूसरे व्यक्ति की बात समझने में मदद करती है जो कि आगे बढ़ने के लिए अति आवश्यक स्किल्स मानी जा सकती है। मरीज़ो से बात करना, उनकी समस्या को बेहतर तरीके से सुनना, विचार करना और हालात अनुसार उनका जवाब दे पाना इस स्किल्स के भीतर आता है।
  • इमोशनल इंटेलिजेंस
    कई बार परिस्थितियों के अनुसार आपको अपने भाव को नियंत्रण में रखकर मरीज़ की बात को गहराई से समझने की आवश्यकता होती है। जिसमें आपके भाव को महसूस करने की प्रक्रिया को तीव्र होना जरुरी होता है। तो एक डॉक्टर को इमोशनल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करना ज़रूरी है।
  • प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स
    मेडिकल फील्ड एक तरह से डिटेक्टिव वर्क जैसा माना जाता है जिसमें छोटी छोटी कड़ियों को जानकर आपको अंजाम और मुख्य समस्या तक पहुंचना होता है। इस कार्य के लिए आपकी चीज़ों को सुलझाने और समस्या की गहराई तक जाने की स्किल्स काम में आती है जिसे प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स कहा जा सकता है।
  • अटेंशन टू डिटेल स्किल
    एक डॉक्टर को बहुत से ऐसे क्षण देखने को मिलते है जिसमें आपको कम समय में सटीक काम करने की आवश्यकता होती है। हॉस्पिटल एक ऐसी जगह है जहाँ आपको हर छोटे से बड़े कार्य को बारीकी और ध्यान से जांच करने के बाद करना होता है। तो यह स्किल आपको छोटी चीज़ों पर भी बारीकी से ध्यान देने के बारे में है।
  • डिसीज़न मेकिंग स्किल्स
    डिसीज़न मेकिंग स्किल्स मेडिकल फील्ड में बहुत आवश्यक मानी जाती है। एक डॉक्टर के हाथ में एक मरीज़ की जान और उसकी बेहतरी की ज़िम्मेदारी होती है और सही समय पर सही फैसला किसी की जान बचा भी सकता है और खतरे में भी डाल सकता है। एक डॉक्टर के अंदर सही और फास्ट फैसले लेने की कला या स्किल्स होना अनिवार्य माना जाता है।
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एक डॉक्टर की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां

एक डॉक्टर बनने के साथ डॉक्टर की फील्ड से जुड़ी बाकी शाखाओं और स्पेशलाइज़ेशन की बात भी साथ की चर्चा में आ जाती है। पढ़ाई के दौरान एक छात्र डॉक्टर बनने के विचार के साथ साथ जिस शाखा को चुनता है उससे वह यह भी निर्धारित करता है कि एक व्यक्ति डॉक्टर तभी कहलाता है जब वह अपनी पढ़ाई और प्रैक्टिस पूरी करने के बाद लाइसेंस प्राप्त करता है। जिससे यह पता चलता है कि एक व्यक्ति हॉस्पिटल्स, इमरजेंसी रूम्स, लैब्स और बाकी इंस्टिट्यूशन में नौकरी करने और सेवा प्रदान करने योग्य है। एक डॉक्टर की बेसिक ज़िम्मेदारियों की सूची नीचे दिए गए बिंदुओं में बताई गई हैं:-

  • एक डॉक्टर की ज़िम्मेदारियों में पहला आस्पेक्ट मरीज़ो की समस्यायों को सुनना और एनालाइज़ करना हैं। इस प्रोसेस में मरीज़ की परेशानियों को विस्तार से सुनना और बीमारी के सिम्टम्स को परखना शामिल होता है।
  • समस्यायों का निवारण पता लगाने के लिए अंदाज़ों और एक्सपीरियंस के साथ साथ ज़रूरत पड़ने पर फिज़िकल टेस्ट्स करना भी अनिवार्य होता है।
  • टेस्ट्स और एक्सपीरिएंस के आधार पर मरीज़ की परेशानी का पता लगाया जाता है और उसके आधार पर ही आवश्यक स्टेप्स लिए जाते है।
  • इसके साथ ही मरीज़ की हालत में सुधार के लिए दवाईयों और ट्रीटमेंट प्लान सजेस्ट करना भी डॉक्टर का ही प्रमुख कार्य होता है।
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Doctor Kaise Bane: स्टेप बाए स्टेप गाइड

एक डॉक्टर बनना आसान नहीं। इस क्षेत्र को चुनने के बारे में सोचने से ही आपकी गंभीरता और फैसले लेने की प्रक्रिया में बदलाव आ जाता है। इसी स्टेप से मालूम पड़ता है कि अगर आप अपनी पढ़ाई में गंभीरता से जुड़े हैं तो ही इस फील्ड की और कदम रख सकतें हैं। अगर आप डॉक्टर बनने की ख्वाहिश को सच्चाई में बदलना चाहते है तो दिए गए स्टेप्स आपको आपके लक्ष्य की और तेज़ी से ले जाएंगे।

  • दसवीं के बाद साइंस चुनें : डॉक्टर बनने की शुरुआत के लिए आपको अपनी दसवीं कक्षा पास करने के बाद साइंस स्ट्रीम को चुनना आवश्यक है जिससे आपको साइंस के बेसिक विषयों की जानकारी प्राप्त होती है। इसके अलावा आपके दसवीं के मार्क्स भी ज़रूरी है जिसके आधार पर ही स्कूल आपको साइंस स्ट्रीम देने योग्य समझता है।
  • सही डिग्री चुनें : डॉक्टर बनने के लिए मुख्य तौर पर बैचलर ऑफ़ मेडिसिन और बैचलर ऑफ़ सर्जरी (MBBS) की डिग्री को अनिवार्य कोर्स माना गया है। अपनी बारहवीं कक्षा पास करने के बाद आपको MBBS डिग्री का चुनाव करना होगा जोकि पांच साल की अवधि वाली अंडरग्रेजुएट डिग्री है। भारत में डिग्री चुनने के निर्णय के बाद आपको एक एंट्रेंस एग्जाम भी देना अनिवार्य होता है जिनमे से कुछ के नाम इस प्रकार हैं :- NEET UG , NEET SS, AIIMS और JIPMER MBBS एग्ज़ाम आदि। यह प्रोग्राम एक मेंडेटरी इंटर्नशिप और 12 महीने के ट्रेनिंग पीरियड के साथ पूरा किया जाता है।
  • ख़ुदको रजिस्टर करें : एक डॉक्टर बनने का सफर सिर्फ डिग्री पाकर और ट्रेनिंग लेकर पूरा नहीं होता। समाज में अपनी ऑथेंटिकेशन दिखानें के लिए आपको रजिस्टर होना और किसी विशेष डिपार्टमेंट से सर्टिफाइड होना आवश्यक है। जो यह प्रमाण देता है कि आप अपनी सर्विस समाज में देने योग्य हैं और आप पर भरोसा किया जा सकता है।
  • उच्च डिग्री चुनें : MBBS की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी आप अपनी पढ़ाई को जारी रखकर मेडिसिन में उच्च डिग्री ऑप्ट कर सकते हैं। इसमें आपको अपनी पसंद अनुसार विकल्प चुनकर डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन या MD डिग्री के लिए अप्लाई कर सकतें हैं। या फिर आप चाहें तो डॉक्टर के प्रकारो में से किसी और विकल्प को चुनकर उसमें अपना भविष्य बना सकतें है। विकल्पों में कार्डियोलॉजी,न्यूरोलॉजी, गाइनेकोलॉजी आदि शामिल हैं। अगर आप सर्जन बनना चाहते हैं तो मास्टर डिग्री में मास्टर ऑफ़ सर्जरी (MS) डिग्री भी चुन सकतें हैं। आप तौर पर पोस्ट-ग्रेजुएशन डिग्री की अवधि तीन साल मानी जाती है जिसमें सिलेबस में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों का समावेश शामिल होता है। एक उच्च डिग्री आपको भविष्य में बेहतर ऑप्शंस की तरफ लेकर जाती है।
  • किसी हॉस्पिटल से जुड़ें या स्वतंत्र रूप से अभ्यास करें : MBBS की डिग्री पूरी करने के बाद या उच्च डिग्री हासिल करने के बाद आप ख़ुद को रजिस्टर कराएं। इसके बाद आप चाहें तो कोई हॉस्पिटल प्रैक्टिस के लिए चुन सकतें या स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस कर सकतें हैं। पढ़ाई और ट्रेनिंग के बाद आपकी प्रैक्टिस आपको बेहतर डॉक्टर बनाने में मदद करती है। आप चाहें तो अपना क्लिनिक भी खोल सकते है जिसमें आप मरीज़ो की समस्याओं को करीब से जान पाएंगे और उन्हें हल कर पाएंगे।

टॉप मेडिकल कोर्सेज

बारहवीं के बाद किए जाने वाले प्रसिद्ध मेडिकल कोर्सेज की लिस्ट निम्नलिखित है।

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टॉप मेडिकल कोर्सेज ( NEET एग्ज़ाम के बिना )

मेडिकल फील्ड में NEET एग्ज़ाम को काफी महत्वता दी जाती है लेकिन अगर आप बिना NEET एग्ज़ाम दिए मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं और अन्य मेडिकल क्षेत्रों में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपके आपस निम्नलिखित विकल्प मौजूद है जिनमें से कुछ की लिस्ट नीचे दी गयी है:-

  1. बायोटेक्नोलॉजिस्ट
  2. बायोमेडिकल इंजीनियर
  3. माइक्रो- बॉयोलिस्ट
  4. BSc एनेस्थेसिया
  5. साइकोलॉजिस्ट
  6. साइटोजेनेटिसिस्ट
  7. फिज़ियोथेरेपी
  8. मेडिकल केमिस्ट्री
  9. बैचलर ऑफ़ ऑक्यूपेशनल थेरेपी
  10. BSc माइक्रोबॉयोलॉजी
  11. मेडिकल ट्रांस्क्रिप्शन कोर्स
  12. BSc कार्डियोलॉजी/ BSc कार्डियक टेक्नोलॉजी
  13. BSc इन पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी
  14. BSc ऑडियोलॉजी /बैचलर इन ऑडियोलॉजी और स्पीच थेरेपी
  15. BSc इन मेडिकल इमेजिंग टेक्नोलॉजी
  16. BSc एग्रीकल्चरल साइंस
  17. बैचलर ऑफ़ नैचरोपैथी एंड योगिक साईंसिज़ (BNYS)
  18. बैचलर ऑफ़ साइंस इन बायोटेक्नॉलॉजी
  19. बैचलर ऑफ़ साइंस इन बॉयोकेमिस्ट्री
  20. बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग
  21. बैचलर ऑफ़ साइंस इन माइक्रोबॉयोलॉजी (नॉन-क्लीनिकल)
  22. बैचलर ऑफ़ साइंस इन कार्डिएक टेक्नोलॉजी
  23. बैचलर ऑफ़ साइंस इन कार्डियोवैस्क्युलर टेक्नोलॉजी
  24. बैचलर ऑफ़ परफ्यूशन टेक्नोलॉजी
  25. बैचलर ऑफ़ साइंस इन कार्डियो-पल्मनरी परफ़्युज़न टेक्नोलॉजी
  26. बैचलर ऑफ़ रेस्पिरेटरी थेरेपी
  27. बैचलर ऑफ़ साइंस इन न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स
  28. बैचलर ऑफ़ साइंस इन जेनेटिक्स
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दुनिया की टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटीज

विदेश में कई बेहतरीन मेडिकल स्कूल्ज और यूनिवर्सिटी मौजूद है जो मेडिकल डिग्री उपलब्ध कराते है जोकि MBBS की डिग्री के समान ही महत्व भी रखती हैं और आपके लिए बेहतर एक्सपोज़र प्रोवाइड करती हैं। आइए विदेश की कुछ यूनिवर्सिटीज के बारे में जानते है जिन्हे QS वर्ल्ड रैंकिंग फॉर मेडिसिन के अनुसार टेबल में दर्शाया गया है –

यूनिवर्सिटीज/कॉलेज स्थान  एवरेज फीस (INR)
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल USA$49859
(38 लाख)
युनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफोर्ड UK$48548
(37 लाख)
स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी USA$170573
(1.30 करोड़)
युनिवर्सिटी ऑफ़ कैंब्रिज UK$78726
(60 लाख)  
जॉन हॉपकिंस युनिवर्सिटी USA$56420
(43 लाख)  
कैरोलिंस्का इंस्टिट्यूट स्वीडन 185805
(15 लाख)
युनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया, लॉस एंजल्स (UCLA)USA$26242
(20 लाख)  
येल युनिवर्सिटी USA$72165
(55 लाख)  
युनिवर्सिटी कॉलेज लंदन UK£27822
(28 लाख)  
इम्पेरियल कॉलेज लंदन UK£31796
(32 लाख)

टॉप इंडियन यूनिवर्सिटीज

MBBS करने के लिए भारत के टॉप इंस्टिट्यूशंस के नाम NIRF की रेटिंग के आधार पर नीचे दिए गए हैं।

कॉलेज स्थान
आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस नई दिल्ली
क्रिस्टियान मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर वेल्लोर
नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेन्टल हैल्थ एंड न्युरो साइंस बैंगलोर
अमृता विश्वा विद्यापीठ कोयंबटूर
बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी वाराणसी
किंग जॉर्ज मेडिकल युनिवर्सिटी लखनऊ
कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल मणिपाल
इंस्टिट्यूट ऑफ़ लिवर एंड बॉयेलरी साइंस नई दिल्ली
सेंट जॉन मेडिकल कॉलेज बैंगलोर
अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी अलीगढ़

डॉक्टर बनने के लिए योग्यता

MBBS में एडमिशन के लिए हर यूनिवर्सिटीज और इंस्टिट्यूट द्वारा अलग-अलग योग्यताएं देखने को मिलती हैं। यहाँ कुछ बेसिक योग्यताओं के बारे में नीचे दिए गए बिंदुओं में बताया जा रहा हैं:-

  • आपको अपनी बारहवीं कक्षा साइंस स्ट्रीम से पास करनी होगी जिसमें बायोलॉजी, फिज़िक्स, कैमिस्ट्री, मैथ्स आदि विषय शामिल हो।
  • अगर आप पहले से ग्रेजुएशन कर चुकें हैं तो आपकी बैचलर डिग्री होना अनिवार्य है।
  • अगर आप विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं तो आपको इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट जिसमें  IELTS स्कोर 6.5–7.0 या TOEFL या C1 एडवांस लैंग्वेज सर्टिफिकेट्स शामिल है वे क्लियर होना आवश्यक है।
  • GPA स्कोर कम से कम 3 या उससे ज़्यादा होना आवश्यक है।
  • विदेश की यूनिवर्सिटी अनुसार अन्य मेडिकल एग्ज़ाम देने की आवश्यकता हो सकती है जिसमें भारत के लिए NEET, United Kingdom के लिए BMAT  या UCAT, United States के लिए MCAT आदि शामिल हैं।

नोट : दी गयी योग्यताएं एक बेसिक माप दंड है जो देश, विदेश और राज्य के अनुसार बदल सकती है। बेहतर जानकारी के लिए चुनी गई युनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर ज़रूर विज़िट करें।

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आवेदन प्रक्रिया 

मेडिकल यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करना आवश्यक है। यह आवेदन प्रक्रिया आपको आपके मन चाहे कॉलेज में एडमिशन दिलाने के लिए महत्वपूर्ण है-

  • पहले मेडिकल फिल्ड में डॉक्टर बनने से जुड़े सभी कोर्सेज को जानें और अपने लिए एक बेहतर विकल्प चुनें। 
  • उसके बाद कौन से कॉलेजेस आपका चुना कोर्स उपलब्ध करातें है पता लगाएं। 
  • ध्यान से कोर्स और कॉलेज के लिए दी गई योग्यता को पढ़ें। 
  • मेडिकल फील्ड में आपके चुनें गए विकल्प के लिए दिए जाने वाले एंट्रेंस एग्ज़ाम्स का पता लगाएं।
  • मेडिकल प्रोग्राम के लिए एनरोल कर रहे कैंडिडेट्स को एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करना आवश्यक होता है। कुछ यूनिवर्सिटीज मेरिट बेस यानी आपकी बारहवीं के एग्ज़ाम में आये मार्क्स को ध्यान में रखकर भी एडमिशन स्वीकार करती हैं जिसे कट- ऑफ के अनुसार एडमिशन कहा जाता है।
  • कई यूनिवर्सिटीज आपके एंट्रेंस एग्ज़ाम रिज़ल्ट के अनुसार डायरेक्ट एडमिशन भी देतीं हैं जबकि कुछ उसके बाद भी एडिशनल चीज़ों के मुताबिक़ सेलेक्शन किया करतीं हैं जिसमें ज़्यादातर ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू शामिल होतें हैं। 
  • आपको बता दें की एंट्रेंस का रिजल्ट आने के बाद,काउंसिलिंग के लिए रजिस्टर करना और अन्य प्रोसेस फॉलो करना आवश्यक होता है। 
  • इसके बाद अपने चुनें गए कॉलेज और कोर्स की काउंसिलिंग प्रक्रिया में भाग ले।
  • इसके बाद रजिस्टर करें और दस्तावेज़ जमा कराएं।

विदेश में आवेदन प्रक्रिया 

विदेश के विश्वविद्यालयों में आवेदन करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपनी आवेदन प्रक्रिया का ख़ास ध्यान रखना होगा, इसलिए नीचे दिए गए स्टेप्स को ध्यान से पढ़ें:-

  • कोर्सेज़ और यूनिवर्सिटीज को शॉर्टलिस्ट करें: आवेदन प्रक्रिया में पहला स्टेप आपके शैक्षणिक प्रोफ़ाइल के अनुसार कोर्सेज़ और यूनिवर्सिटीज को शॉर्टलिस्ट करना है। छात्र AI Course Finder के माध्यम से कोर्स और यूनिवर्सिटीज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं और उन यूनिवर्सिटीज की एक लिस्ट तैयार कर सकते हैं, जहां उन्हें अप्लाई करना सही लगता है।
  • अपनी समय सीमा जानें: अगला कदम विदेश में उन यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों की समय सीमा जानना है, जिनमें आप आवेदन करने का सोच रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आवेदन प्रक्रिया के लिए काफी पहले (वास्तविक समय सीमा से एक वर्ष से 6 महीने पहले) ध्यान देना होता है और यह सुनिश्चित करना होता है कि छात्र कॉलेज की सभी आवश्यकताओं जैसे SOP, सिफारिश के पत्र, फंडिंग / स्कालरशिप का विकल्प और आवास को पूरा कर सकते हैं।
  • प्रवेश परीक्षा: विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के लिए आवेदन प्रक्रिया के तीसरे स्टेप मे छात्रों को IELTS, TOEFL, PTE और यूनिवर्सिटी क्लिनिकल एप्टीट्यूड टेस्ट (UCAT) जैसे टेस्ट देने होते हैं। इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट में एक नया Duolingo टेस्ट है जो छात्रों को अपने घरों से परीक्षा में बैठने की अनुमति देता है और दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है।
  • अपने डॉक्युमेंट्स कंप्लीट करें: अगला कदम आवेदन प्रक्रिया के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों और स्कोर कार्ड्स को पूरा करके एक जगह पर संभाल कर रख लें। इसका मतलब है कि छात्रों को अपना SOP लिखना शुरू कर देना चाहिए, शिक्षकों और सुपरवाइज़र्स से सिफारिश के पत्र प्राप्त करना चाहिए और अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को अन्य दस्तावेज़ों जैसे टेस्ट स्कोरकार्ड के साथ सिस्टेमैटिक तरह से कंप्लीट रखना चाहिए।
  • अपने आवेदन करने की प्रक्रिया प्रारंभ करें: एक बार जब आपके पास सभी दस्तावेज़ मौजूद हों, तो छात्र सीधे या UCAS के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। विदेश की यूनिवर्सिटीज में आवेदन करने वाले छात्र जो सीधे आवेदन स्वीकार करते हैं, वे यूनिवर्सिटी वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। उन्हें कोर्सेज़ का चयन करना होगा, आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया कंप्लीट करनी होगी।

डॉक्टर बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ 

Doctor Kaise Bane? जानने के साथ साथ उससे जुड़े कोर्स में अप्लाई करने के लिए छात्र को नीचे दिए गए दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी जो कि इस प्रकार हैं:-

  • 10वीं और 12वीं की मार्कशीट। 
  • ग्रेजुएशन की मार्कशीट। 
  • एप्लीकेशन फॉर्म।
  • कॉलेज छोड़ने का सर्टिफिकेट। 
  • हेल्थ सेक्टर में डिप्लोमा या वर्क एक्सपीरियंस की कॉपी।
  • भारतीय नागरिकता का प्रमाण जिसमें जन्म पत्री या पासपोर्ट हो सकता है। 
  • किसी मान्यता प्राप्त डॉक्टर द्वारा दिया गया ‘फिज़िकल फिटनेस सर्टिफिकेट’
  • विदेश में पढ़ने जाने वाले छात्र का पासपोर्ट और वीज़ा
  • कैंडिडेट की 5 पासपोर्ट साइज़ फोटो। 
  • लैंग्वेज टेस्ट स्कोर शीट IELTS, TOEFL आदि। 
  • Statement of Purpose (SOP) जमा कराएं। 
  •  Letters of Recommendation (LORs). जमा कराएं। 
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डॉक्टर बनने के लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्ज़ाम

मेडिकल फील्ड में देश विदेश की यूनिवर्सिटीज में दिए जानें एंट्रेंस एग्ज़ाम की लिस्ट इस प्रकार है:-

NEETBMATAIIMS-MBBS
UCAT MCAT JIPMER
CMC Vellore EAMCET BHU PMT
USMLEFPMTOJEE
CMSEFMGEOMET 

मेडिकल क्षेत्र में करियर स्कोप

मेडिकल के क्षेत्र में डिग्री प्राप्त करने के बाद छात्र के पास कई विकल्प होते हैं। जिसमें वह मेडिकल क्षेत्र में हायर स्टडी के लिए आगे बढ़ सकता हैं या फिर किसी भी मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल या निजी संस्थान में अपनी मेडिकल की प्रैक्टिस शुरू कर सकता हैं। अगर आप अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद मास्टर करने का विकल्प चुनते हैं तो निम्नलिखित कोर्सेज रहेंगे बेस्ट।

जॉब प्रोफाइल्स एंड टॉप रिक्रूटर्स

मेडिकल फील्ड में डिग्री पाने वाले छात्र प्राइवेट और सरकारी दोनों सेक्टर्स में नौकरी करने का विकल्प चुन सकते हैं। मेडिकल क्षेत्र में आपने किसी भी स्पेशलाइज़ेशन को चुना हो लेकिन भविष्य में मिलने वाले ऑप्शंस काफी देखने को मिलेंगे। सेक्टर्स की बात करें तो बायोमेडिकल फर्म्स, मेडिकल सेंटर्स, हैल्थकेयर इंस्टिट्यूशन, लैबोरेटरीज़, इमरजेंसी रूम्स , कम्युनिटी हेल्थ सेंटर्स और प्राइवेट प्रैक्टिस में नौकरियों के कई सारे ऑप्शंस उपलब्ध हैं जिसमे आप नौकरी पा सकते हैं। जैसा की समय के अनुसार मेडिकल इंडस्ट्री सफलता की सीढ़ी चढ़ रही है उसी तरह नौकरियों और उपलब्धियों की संख्या भी बढ़ती नज़र आ रही है। आइए मेडिकल में डिग्री के बाद मिलने वाली जॉब प्रोफाइल्स की लिस्ट पर एक नज़र डालें।

मेडिकल फील्ड में ग्रेजुएशन के बाद स्टूडेंट्स के लिए टॉप रिक्रूटर्स की लिस्ट नीचे दी गई है।

  • Fortis Health care
  • Apollo Hospitals
  • Columbia Asia
  • Medanta
  • Max Health Care
  • Dr. Lal Path Labs
  • Global Hospitals
  • Wockhardt Hospitals and
  • Care Hospitals
  • Government Hospitals, आदि।

जानिए अनुमानित सैलरी के बारे में

मेडिकल फील्ड में डिग्री कंप्लीट करने वाले स्टूडेंट्स की सैलरी उसकी लगन, कार्यशीलता और एक्सपीरियंस के अनुसार अलग-अलग पाई जा सकती है। यह फर्क सेक्टर और कंपनी के अंतर से भी देखने को मिल सकता है जिसमें वे काम करते हैं। वर्षों के एक्सपीरियंस अनुसार छात्र की एवरेज सैलरी और सैलरी स्केल-अप नीचे टेबल में दर्शाए गए हैं।

एक्सपीरियंस (वर्ष)एवरेज शुरुआती सैलरी (INR) सैलरी स्केल-अप (INR) 
0-6 साल 4 to 6 लाख सालाना 7 to 10 लाख सालाना
6-12 साल8 to 10 लाख सालाना10 to 12 लाख सालाना
12-20 साल12 to 15 लाख सालाना15 to 25 लाख सालाना

डॉक्टर कैसे बनें? – भिन्न क्षेत्रों में

भिन्न प्रकार की डॉक्टरी की पढ़ाई के बाद यह जानना भी ज़रूरी है किसी विशेष क्षेत्र में डॉक्टर बनने की क्या प्रक्रिया हो सकती है। कुछ प्रसिद्ध क्षेत्र और उनमें doctor kaise bane की प्रक्रिया निम्नलिखित है –

  • आर्मी में डॉक्टर कैसे बनें ?

आर्मी में डॉक्टर बनने के लिए या तो आप दूसरे कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद आर्मी जॉइन कर सकते हैं या फिर अपना एमबीबीएस का कोर्स ओएफ़एमसी (आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज) से कर सकते हैं। आर्मी में रिक्रूटमेंट या तो परमानेंट कमीशन (पीसी) से होता है या शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) से। 50% जो पास आउट्स होते हैं एएफ़एमसी के उनको डायरेक्टली परमानेंट कमीशन मिलती है और बाक़िओं को शॉर्ट सर्विस कमीशन ऑफर होती है। जो डॉक्टर सिविल मेडिकल कॉलेज से आते हैं उनको एंट्री एसएससी में मिलती है। एसएससी का कार्यकाल 5 साल का होता है जो और 9 साल तक के लिए बढ़ सकता है, दो भागों में – पहला 5 साल का और दूसरा 4 साल का। कुल मिलाकर एसएससी का कार्यकाल 14 साल तक का होता है।

  • RMP डॉक्टर कैसे बनते हैं ?

भारत में RMP डॉक्टर यानी “रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर डॉक्टर” बनने के लिए डॉक्टरी में आपको कुछ वर्षों का कार्य अनुभव होना चाहिए। वहीं अगर बात की जाएं की आऱएमपी डॉक्टर बनने की शुरूआत कैसे हुई तो इंडियन मेडिकल काउंसिल (संशोधन) अधिनियम 1956 के अनुसार, बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) एक पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर (आरएमपी) बनने के लिए बुनियादी योग्यता मानी जाती है। RMP डॉक्टर के रूप में रजिस्ट्रेशन करने के लिए, आपके पास एलोपैथिक, यूनानी, होम्योपैथी या आयुर्वेदिक संबंधित चिकित्सा पद्धति में आवश्यक योग्यता होनी चाहिए। यदि किसी व्यक्ति के पास यह आवश्यक योग्यता है तो वह इसके लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में RMP डॉक्टर बनने के लिए आवेदन कर सकता है।

  • आयुर्वेदिक डॉक्टर कैसे बने ?

आयुर्वेदिक डॉक्टर के बारे में वैसे तो काफी कम लोगों को ही पता होता हैं। लेकिन प्राचीन काल में आयुर्वेदिक डॉक्टर की काफी ज्यादा भूमिका थी। प्राचीन काल के दौरान आयुर्वेदिक डॉक्टर पेड़-पौधों की जड़ी – बूटियों से बनी दवाओं का प्रयोग करके लोगों का इलाज करते थे। अब जमाना बदल गया है। अब बहुत कम ही लोग आयुर्वेदिक डॉक्टर बनते हैं। लेकिन आज भी भारत में ऐसे कई लोग है जिनका आयुर्वेद पर पूरा भरोसा है और वे अपनी बीमारी का इलाज आज भी आयुर्वेदिक दवाओं के प्रयोग से करते हैं। इसके अलावा कई लोगों का ये भी मानना है कि एलोपैथिक दवाओं के बढ़ते दुष्प्रभाव से बचने के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर से इलाज कराना अच्छा उपाय हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर आयुर्वेदिक दवाइयों का प्रयोग करते है जिनका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है। इससे लोगों के शरीर पर कोई भी दुष्प्रभाव नही पड़ता है।

  • होम्योपैथी डॉक्टर कैसे बनें ?

होम्‍योपैथी एक ऐसी पद्धति है जिसमें उपचार में तो समय लगता है लेकिन यह किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म कर देती है। यही वजह है जिसके कारण यह पद्धति तेजी से लोकप्रिय हो रही है। अगर आप चाहें तो इस क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकते हैं। इस क्षेत्र की खासियत यह है कि यह आर्थराइटिस, डायबिटीज, थायरॉइड और अन्य तमाम गंभीर मानी जाने वाली बीमारियों का प्रभावी इलाज करती है और वह भी बिना किसी साइड इफेक्ट के। आमतौर पर यह धारणा है कि होम्‍योपैथी दवाईयों का असर बहुत देर से होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, यह पद्धति केवल पुरानी और गंभीर बीमारियों को पूरी तरह ठीक करने में थोड़ा समय लेती है, अन्यथा बुखार, सर्दी-खांसी या अन्य मौसमी या छोटी-मोटी बीमारियों में होम्‍योपैथिक दवाएँ उतनी ही तेजी से असर करती हैं, जितनी कि अन्य पद्धतियों की दवाएँ।

Credits – Study Buddy Club

विदेश के कुछ सबसे प्रसिद्ध डॉक्टर्स

विदेश के कुछ सबसे प्रसिद्ध और जाने मानें डॉक्टर्स के नाम कुछ इस प्रकार हैं :-

  • Dr William A. Abdu, M.D, M.S.
  • Dr Myles. B. Abbott, M.D.
  • Dr Fouad. M. Abbas, M.D.
  • Dr Khalid Abbed, M.D.
  • Dr Naresh Trehan
  • Dr Arthur Reese Abright, M.D.
  • Dr Corrie T.M Anderson, M.D.
  • Dr Mark. F. Aaron, M.D.
  • Dr Sudhansu Bhattacharyya, MBBS, MS, MCH
  • Dr Mona. M. Abaza, M.D

भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध डॉक्टर्स

भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध और जाने मानें डॉक्टर्स के नाम कुछ इस प्रकार हैं :-

  • डॉ विशाल दत्त गौड़
  • डॉ अरविन्द कुमार
  • डॉ शिवानी सचदेव गौड़
  • डॉ गौतम बंगा
  • डॉ नारायणन एन.के
  • डॉ वी. कामेश्वर श्री नागेश
  • डॉ ए. सरथ रेड्डी
  • डॉ साई लष्मी डायना
  • डॉ इंदिरा रेड्डी समाला
  • डॉ जी. श्रीनिवास रेड्डी

FAQs

डॉक्टर बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करें?

सबसे पहले 10th पास करने के बाद 12th में विज्ञान से बायोलॉजी सब्जेक्ट (PCB) का चुनाव करे.
मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम -NEET की तैयारी करें.
NEET एंट्रेंस एग्जाम के लिए आवेदन करें, और अच्छे मार्क्स से पास करें.
मेडिकल का कोर्स पूरा करे और अच्छे मार्क्स से पास करे.

डॉक्टर बनने में कितना पैसा लगता है?

सरकारी मेडिकल कॉलेज में भी फीस अलग-अलग होती है। पर सरकारी मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर बनने के लिए आपको औसतन ₹500000 से लेकर ₹1000000 तक FESS PAY करनी होती है।

कम पैसे में डॉक्टर कैसे बने?

अगर आपको मेडिकल कोर्स कम पैसो में करना है, तो आपको पहले ऑल इंडिया प्री मेडिकल एंट्रेस एग्जाम (एआईपीएमटी) क्वालिफाई करना होगा। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज– (JLN), अजमेर की फीस – ₹4900 प्रतिवर्ष है। इनमें से किसी भी कॉलेज में दाखिला मिल जाने पर आप बहुत ही आसानी से कम खर्च में अपना मेडिकल कोर्स पूरा कर सकेंगे।

NEET की पढ़ाई में कितना पैसा लगता है?

देश भर के 42 डीम्ड विश्वविद्यालयों में कुल 6204 एमबीबीएस (MBBS) सीटें (मैनेजमेंट और एनआरआई कोटा) उपलब्ध हैं। विभिन्न डीम्ड विश्वविद्यालयों में मैनेजमेंट कोटा के लिए वार्षिक एमबीबीएस कोर्स फीस आमतौर पर काफी अधिक होती है और यह 2,11,000/- रु. से 2250,000/- रु.

MBBS कितने साल का होता है?

एमबीबीएस मेडिकल की फील्ड में एक बैचलर डिग्री का कोर्स है। कोर्स को सफलतापूर्वक करने के बाद आप अपने नाम के आगे डॉ. का प्रयोग कर सकते हैं। इस कोर्स को करने के लिए छात्रों को 5.5 वर्ष का समय लगता है।

डॉक्टर का सबसे छोटा कोर्स कौन सा है?

डॉक्टर की सबसे छोटी डिग्री एमबीबीएस होती है।

डॉक्टर के लिए कौन सी डिग्री सबसे अच्छी है?

एमबीबीएस भारत में सबसे अच्छे मेडिकल पाठ्यक्रमों में से एक है । हालाँकि, अन्य मेडिकल पाठ्यक्रमों में बीडीएस, बीएससी नर्सिंग, बीएएमएस और अन्य पाठ्यक्रम शामिल हैं।

भारत में डॉक्टर बनने में कितने साल लगते हैं?

एमबीबीएस को पूरा करने में 5.5 साल लगते हैं, फिर अगर आप अपनी स्नातकोत्तर पढ़ाई करते हैं, तो उसमें 3 साल और लगते हैं।

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