UPSC 2023 : UPSC मेंस एग्जाम के लिए मुद्रास्फीति (Inflation) टॉपिक पर महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स

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UPSC Inflation in Hindi

प्रमुख सुर्खियां 

  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अप्रैल 2023 में 2.92 तक पहुंच गया।  
  • खाने पीने की चीज़ों के दाम 1.38% तक बढ़ गए। 
  • बिजली और ईंधन के दाम मई 2023 में 2.56% की बढ़त दर्ज़ की गई।  

मुद्रास्फीति क्या है? 

  • जब मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन के स्थिति पैदा हो जाती है तब वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में इज़ाफ़ा हो जाता है।  वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में आई इस बढ़त को मुद्रास्फीति कहते  हैं।  
  • बहुत अधिक मुद्रास्फीति अर्थव्यवस्था के लिए घातक होती है।  2 से 3 प्रतिशत की दर तक मुद्रास्फीति होना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा माना जाता है।  

मुद्रास्फीति के प्रकार 

मुद्रास्फीति मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है : 

मांग जनित मुद्रास्फीति : अगर वस्तुओं की मांग बढ़ने के कारण वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होती है तो उसे मांग जनित मुद्रस्फीति (Demand Pull Inflation) के रूप में जाना जाता है। 

लागत जनित मुद्रास्फीति : यदि उत्पादन के कारकों जैसे भूमि, श्रम कच्चा माल आदि के दामों में वृद्धि होती है और उसके कारण से वस्तुओं की मांग में वृद्धि हो जाती है तो उसे लागत जनित मुद्रास्फीति (Cost Push Inflation) कहते हैं।  

मुद्रास्फीति को कम करने के उपाय 

मुद्रास्फीति को कम करने के उपाय इस प्रकार हैं : 

  • सरकार खाद्य पदार्थों की कीमतों पर काबू पाने के लिए बजट में उनके लिए आवंटन करती है।  
  • जीवनव्यापी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में करने के लिए सरकार इन्हें अधिकृत कर लेती है।  
  • वस्तुओं की कीमतों को कम करने के लिए उत्पादन में बढ़ोतरी की जाती है।  

मुद्रास्फीति से प्रभावित होने वाले वर्ग 

मुद्रास्फीति का प्रभाव मुख्य रूप से इन वर्गों पर पड़ता है : 

  • निवेशक 
  • निश्चित आय वर्ग 
  • ऋण लेने एवं देने वाले 
  • किसान 
  • बचत 
  • भुगतान सन्तुलन 
  • कर 
  • उत्पादक 

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