CV Raman Speech in Hindi 2025: ‘नोबेल पुरस्कार विजेता’ सीवी रमन पर भाषण

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CV Raman Speech in Hindi (1)

CV Raman Speech in Hindi: सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन को सीवी रमन के नाम से भी जाना जाता है। सीवी रमन एक महान भारतीय फिजिसिस्ट थे। उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में ऑप्टिक्स और प्रकाश के व्यवहार से संबंधित अनुसंधान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। सीवी रमन का जन्म 7 नवंबर, 1888 को भारत के तिरुचिरापल्ली में हुआ था। सर सीवी रमन को 1928 में रमन इफैक्ट की खोज के लिए जाना जाता है। रमन इफैक्ट की खोज के लिए उन्हें 1930 में फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सीवी रमन एक व्यक्ति थे जिनके बारे में सभी को जानकारी होने चाहिए। छात्रों को कई बार CV Raman Speech in Hindi तैयार करने के लिए दिया जाता है। इस ब्लॉग में सीवी रमन पर भाषण के कुछ सैंपल दिए गए हैं। 

सीवी रमन पर 100 शब्दों में भाषण

100 शब्दों में CV Raman Speech in Hindi इस प्रकार है:

आप सभी को सुप्रभात। आज… मुझे डॉ. सीवी रमन के बारे में बात करने का सौभाग्य मिला है। वे एक प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी और विज्ञान में भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। सीवी रमन का जन्म 7 नवंबर 1888 को हुआ था। उन्होंने वर्ष 1928 के रमन इफेक्ट की खोज की थी। उन्होंने रमन प्रभाव के माध्यम से बताया कि किसी माध्यम से गुज़रने पर प्रकाश कैसे बिखरता है। उनकी इस खोज ने विज्ञान में क्रांति ला दी थी। इसके लिए उन्हें वर्ष 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला था। सीवी रमन ने रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की थी। उन्होंने लाखों वैज्ञानिकों को अपने जीवन से प्रभावित किया है। उनके द्वारा खोजे गए रमन प्रभाव को सम्मान देने के लिए हर साल 28 फ़रवरी को राष्ट्रिय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। आइए दुनिया में सकारात्मक योगदान देने के लिए उनके पदचिन्हों पर चलने का प्रयास करें। धन्यवाद।

यह भी पढ़ें: सीवी रमन पर निबंध 

सीवी रमन पर 200 शब्दों में भाषण

200 शब्दों में CV Raman Speech in Hindi इस प्रकार है:

माननीय प्रधानाध्यापक महोदय, शिक्षक गण और मेरे सभी मित्रों को मेरा सुप्रभात। आप में आप सभी के सामने महान वैज्ञानिक सीवी रमन के बारे में बात करने जा रहा हूं। सीवी रमन भारत में हुए सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक हैं। उन्हें रमन इफैक्ट की क्रांतिकारी खोज के लिए जाना जाता है। सीवी समान का जन्म 7 नवंबर 1888 को भारत के तिरुचिरापल्ली में हुआ था। सीवी रमन ने अपना जीवन प्रकाश और पदार्थ के रहस्यों को जानने के लिए समर्पित कर दिया था। साल 1928 में कोलकाता में इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस में काम करते हुए उन्होंने रमन प्रभाव की खोज की थी। उन्होंने एक ऐसा इवेंट देखा जहां प्रकाश, पदार्थ के साथ इंटरेक्शन करते समय बिखर जाता है। प्रकाश अपनी वेव लेंथ बदल देता है। सीवी रमन के द्वारा इसकी खोज के कारण इसे रमन इफेक्ट के नाम से जाना जाता है। 

सीवी रमन की खोज को ग्लोबल रिकॉग्निशन मिली जिसके बाद उन्हें साल 1930 में फिजिक्स में नोबेल प्राइज मिला था। सीवी रमन ने रमन इफेक्ट के साथ ऑप्टिक्स में भी लीडिंग रिसर्च की थी। उन्होंने बिहेवियर ऑफ़ लाइट और मीडिया के साथ इसके इंटरेक्शन की खोज की थी। इसके अलावा, एकाउस्टिक्स में उनके योगदान ने मैटेरियल्स में साउंड प्रोपेगेशन और वाइब्रेशन के बारे में हमारी समझ को बढ़ाया दिया था। क्रिस्टलोग्राफी में उनके इंट्रेस्ट के कारण स्ट्रक्चरल साइंस के फील्ड में वैल्युएबल इनसाइट प्राप्त हुई। सी.वी. रमन द्वारा खोजे गए “रमन प्रभाव” की याद में राष्ट्रिय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। सीवी रमन इस दुनिया में एक अभुपूर्व वैज्ञानिक उत्कृष्टता का एक प्रतीक बने हुए हैं। मेरे द्वारा दिए गए इस भाषण को सुनने के लिए धन्यवाद। 

सीवी रमन पर 300 शब्दों में भाषण

300 शब्दों में CV Raman Speech in Hindi यहां दी गई है:

स्पीच की शुरुआत में

आप सभी को नमस्कार… प्रधानाध्यापक महोदय, सभी शिक्षकों और मित्रों आज मुझे भारत के अब तक के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक डॉ. सीवी रमन के बारे में बात करते हुए बहुत खुशी हो रही है। आज हम एक ऐसे व्यक्ति के जीवन के बारे में जानेंगे, जिसने भारत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई और लाखों लोगों को विज्ञान और शोध के लिए प्रेरित भी किया है। उनकी अभूतपूर्व खोज, को रमन प्रभाव के नाम से जाना जाता है। सीवी रमन की इस खोज ने प्रकाश के व्यवहार को समझने के हमारे तरीके को बदल दिया है। इसके लिए उन्हें 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला था। 

स्पीच में क्या बोलें?

चंद्रशेखर वेंकट रमन 7 नवंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर में जन्मे थे। उनके पिता चंद्रशेखरन रामनाथन अय्यर गणित और फिजिक्स के शिक्षक थे। सीवी रमन के जन्म के समय, परिवार आर्थिक रूप से अस्थिर था। परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरने के बाद उनका परिवार विशाखापट्टनम आ गया। बहुत छोटी उम्र से सीवी रमन का हमेशा से ही विज्ञान की ओर विशेष झुकाव रहा था। इसी कारण से वे एक परिणामस्वरूप वह एक वैज्ञानिक बने थे।

बहुत ही कम उम्र में रमन को पढ़ने का महत्व समझ में आ गया था। वह अपने दोस्तों से गणित और फिजिक्स की किताबें अक्सर उधार ले लिया करते थे। कॉलेज में रमन अपनी पढ़ाई के दौरान, शैक्षणिक उत्कृष्टता उनकी विशेषता बन गई। इस वजह से ही सीवी रमन को आज़ादी के बाद भारत के पहले राष्ट्रीय प्रोफेसर के रूप में भी चुना गया था।

रमन ने 1903 में प्रेसीडेंसी कॉलेज में अपनी बैचलर्स की डिग्री और वर्ष 1907 में, प्रेसीडेंसी कॉलेज से मास्टर्स डिग्री हासिल की थी। वर्ष 1917 में, वे कलकत्ता यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर बने और इसके बाद 1928 में उन्होंने रमन प्रभाव की खोज की थी। वर्ष 1929 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस की अध्यक्षता की थी और इसी साल इस उन्हें साल 1929 में नाइटहुड दिया गया था। साल 1930 में प्रकाश के प्रकीर्णन और रमण प्रभाव की खोज के लिए उन्हें भौतिकी के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार मिला था। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस सर सी.वी. रमन की महान खोज रमन प्रभाव की याद में मनाया जाता है। वर्ष 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था और वर्ष 1957 में लेनिन शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

स्पीच के अंत में

डॉ. सीवी रमन का जीवन एक प्रेरक अनुस्मारक है। उनका काम आज भी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र को आकार दे रहा है। छात्र और युवा विद्यार्थी ज्ञान के प्रति उनके समर्पण और जुनून से प्रेरणा ले सकते हैं। मैं हम सभी को डॉ. सीवी रमन की तरह ही जिज्ञासा और दृढ़ता को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ। उनकी विरासत न केवल हमारे अतीत का हिस्सा है, बल्कि भविष्य के लिए एक मार्गदर्शक है। मेरे इस भाषण को सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद।

यह भी पढ़ें- CV Raman biography in Hindi – सीवी रमन, जिनकी खोज ने देश का बढ़ाया मान!

सीवी रमन पर भाषण तैयार करने के टिप्स

सीवी रमन पर भाषण तैयार करने के टिप्स इस प्रकार हैं:

  • अपने भाषण में सीवी रमन के जन्म, शिक्षा, उपलब्धियाँ और योगदान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी शामिल करें। 
  • रमन प्रभाव पर उनके नोबेल पुरस्कार और रमन अनुसंधान संस्थान की स्थापना पर ध्यान केंद्रित करें।  
  • विज्ञान के प्रति जुनून और कैसे उनकी खोजों ने आज भी दुनिया को प्रभावित किया है, इसका उल्लेख करें।  
  • उनके प्रारंभिक जीवन, रमन प्रभाव की खोज, करियर और भारत के वैज्ञानिक विकास में योगदान के बारे में बात करें।
  • महत्वपूर्ण विवरणों को उजागर करने के लिए विराम या स्वर में थोड़े बदलाव का उपयोग करें। 
  • अपने भाषण की योजना इस तरह बनाएं कि वह आपको दिए गए समय के भीतर फिट हो जाए।  
  • यह सुनिश्चित करने के लिए अभ्यास करें कि आप आवंटित समय के भीतर समाप्त करें।
  • हमेशा कृतज्ञता के साथ समाप्त करें जैसे कि “सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद!”

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सीवी रमन से जुड़े रोचक तथ्य

सीवी रमन (CV Raman Speech in Hindi 2024) से जुड़े रोचक तथ्य इस प्रकार हैं:

  • सीवी रमन के पिता मैथ्स और फिजिक्स के विषयों के लेक्चरर थे। उनके पिता के इस बैकग्राउंड ने सुनिश्चित किया कि वह कम उम्र से ही एकेडमिक एनवायरमेंट में डूबे रहे।
  • सीवी रमन ने नोबेल-विजेता प्रयोग में साथ में कार्य करने वाले केएस कृष्णन के साथ सहयोग किया। सीवी रमन से साथ में चलते प्रोफेशनल डिफरेंसेज के कारण कृष्णन अपना नोबेल पुरस्कार उनके साथ साझा नहीं किया। इसके बावजूद, अपने नोबेल एक्सेप्टेंस स्पीच में साइंटिस्ट ने कृष्णन के योगदान पर ज़ोर दिया।
  • सीवी रमन साइंस में नोबेल प्राइज प्राप्त वाले पहले एशियन और नॉन-कोकेशियान व्यक्ति बन गए।
  • एक बार, रमन से उनके क्रांतिकारी ऑप्टिकल थ्योरी के पीछे की प्रेरणा के बारे में पूछा गया था।  उन्होंने उत्तर देते हुए कहा कि 1921 में यूरोप जाते समय उन्होंने जो “मेडिटेरिनियन सी की अद्भुत ब्लू ओपेलेंस” देखी, उसने उन्हें अपने कार्य एक लिए इंस्पायर किया।
  • ऑप्टिक्स में अपनी स्पेशलाइजेशन के अलावा, सीवी रमन ने एकाउस्टिक्स में भी अपना योगदान दिया और तबला और मृदंगम जैसे भारतीय ड्रमों के हार्मोनिक प्रॉपर्टीज का पता लगाने वाले पहले व्यक्ति बने।
  • एटॉमिक न्यूक्लियस और प्रोटॉन के रिसर्चर डॉ. अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने 1929 में रॉयल सोसाइटी में अपनी प्रेसिडेंशियल स्पीच में रमन की स्पेक्ट्रोस्कोपी की प्रशंसा की, जिसने बाद में रमन को उनके योगदान की मान्यता में नाइटहुड से सम्मान प्राप्त हुआ। 
  • 1933 में, सीवी रमन ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस के पहले इंडियन डायरेक्टर के रूप में इतिहास रचा, जो कोलोनियल एरा के दौरान एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी जब सभी आईआईएस डॉयरेक्टर ब्रिटिश थे।
  • सीवी रमन की पत्नी लोकसुंदरी अम्मल ने अपने घर का नाम उस आश्रम के नाम पर पंचवटी रखा था। क्योंकि इस नाम के आश्रम में भगवान राम और सीता अपने वनवास के दौरान रहे थे।

FAQs 

प्रोफेसर सीवी रमन कौन थे और भारतीय विज्ञान में उनका क्या योगदान था?

सर चंद्रशेखर वेंकट रमन एक भारतीय भौतिक विज्ञानी थे जो प्रकाश के भौतिकी में योगदान के लिए प्रसिद्ध थे, जिसके लिए उन्हें रमन प्रभाव की खोज हेतु 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला था।

CV रमन प्रभाव क्या है?

सीवी रमन ने देखा कि जब सूर्य की किरणें किसी पारदर्शी चीज से होकर गुजरती हैं तो उसका कुछ हिस्सा विभाजित हो जाता है जिसके कारण समुद्र का रंग नीला नजर आता है। प्रकाश के रंगों के बिखरने और बंटने के इस प्रभाव को रमन इफेक्ट के नाम से जाना गया। 

सीवी रमन दिवस कब मनाया जाता है?

हर साल 28 फरवरी का दिन भारत में National Science Day के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के महान वैज्ञानिक डॉ. सीवी रमन ने “रमन प्रभाव की खोज की थी। उसी की याद में हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।

रमन का जीवन क्या संदेश देता है?

सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से हमें सदैव आगे बढ़ते रहने का संदेश मिलाता है। व्यक्ति को अपनी प्रतिभा का सदुपयोग करना चाहिए। भले ही इसके लिए रामन् की तरह सुख-सुविधाओं को छोड़ना पड़े। इच्छा शक्ति हो तो राह निकल आती है।

डीआर सीवी रमन कौन थे?

चन्द्रशेखर वेंकटरामन भारतीय भौतिक-शास्त्री थे। प्रकाश के प्रकीर्णन पर उत्कृष्ट कार्य के लिये वर्ष १९३० में उन्हें भौतिकी का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार दिया गया। उनका आविष्कार उनके ही नाम पर रामन प्रभाव के नाम से जाना जाता है।

रमन को नोबेल पुरस्कार क्यों दिया गया था?

विज्ञान अकादमी ने 1930 में सर चंद्रशेखर वेंकट रमन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया था, प्रकाश के प्रकीर्णन पर उनके काम और उनके नाम पर प्रभाव की खोज के लिए। प्रकाश का प्रसार एक प्रकाशीय घटना है, जो लंबे समय से ज्ञात है।

रमन का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

चंद्रशेखर वेंकट रमन का जन्म 7 नवंबर, 1888 को दक्षिण भारत के तिरुचिरापल्ली में हुआ था।

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आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में CV Raman Speech in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। स्पीच राइटिंग से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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