Poem on Water in Hindi: जल जीवन का सार है। पानी प्रकृति की लय और हमारे अस्तित्व की आत्मा है। पानी…शांत झील की कोमल लहरों से लेकर समुद्र की लहरों की शक्तिशाली गर्जना तक सुंदरता, शक्ति और ज्ञान की भाषा में बोलता है। जल धरती को पोषण देता है और हमारी प्यास बुझाता है। जल ही जीवन है और यह अनमोल है। आपको बता दें कि पानी की महत्वता को अनगिनत कवियों ने कविताओं में पिरोया है क्योंकि उनका मकसद पानी की शुद्धता के बारे में बताने और हमारे जीवन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका हम तक पहुंचाने के लिए था। इसलिए इस ब्लाॅग में आपके लिए महान कवियों की पानी पर कविताएं (Pani par Kavita) दी जा रही हैं जो आपको जल के बेजोड़ महत्व की याद दिलाएंगी।
पानी पर कविताएं (Pani par Kavita) | कवि का नाम |
जल की संगीतमय धारा | सुमित्रानंदन पंत |
पानी रे पानी तेरा रंग कैसा | हरिवंश राय बच्चन |
नदियों का कलरव | मैथिलीशरण गुप्त |
जल ही जीवन है | सुभद्रा कुमारी चौहान |
सागर की पुकार | रामधारी सिंह दिनकर |
सरिता की धारा में श्याम | मीराबाई |
पानी पर कविताएं (Pani par Kavita)
पानी पर प्रसिद्ध कविओं की कविताएं इस प्रकार हैं-
1- जल से जीवन पलता है,
हर जीव जल में चलता है।
बिन जल सूखी धरती होगी,
हरियाली भी मरती होगी।
इस जल को व्यर्थ न जाने दो,
हर बूँद बचाने का व्रत लो।
– सुभद्रा कुमारी चौहान
2- पानी ही जीवन का सार,
बिन इसके सूना संसार।
सागर लहरें उठाए,
नदियाँ कल-कल गाए।
यह झरनों का मीठा जल,
धरती को रखे निर्मल।
– रामधारी सिंह दिनकर
3- देखो पानी का यह रूप,
कभी शांत, कभी तीव्र रूप।
बादल बनकर बरसता,
नदी बनकर बहता।
मानव इसको सहेज न पाया,
वर्षा में फिर अकाल आया।
– मैथिलीशरण गुप्त
4- पहाड़ों से फूटती धाराएँ,
संगीतमय सुरों में गाएँ।
निर्मल, पावन, स्वच्छ सलिल,
धरती पर बरसाएँ नील।
नदियों का यह अमृत जल,
हर जीवन को करता सफल।
– सुमित्रानंदन पंत
5- पानी रे पानी तेरा रंग कैसा,
जिसमें मिला दो लगे उस जैसा।
चमकता है मोती सा,
फिर भी रहता है रेशम जैसा।
सबको जीवन देने वाला,
खुद रूप रंग से न्यारा।
– हरिवंश राय बच्चन
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प्रसिद्ध कवि की पानी पर कविता (Pani par Kavita)
प्रसिद्ध कवि की पानी पर कविता (Pani par Kavita) इस प्रकार है:
पानी के बिना जीवन नहीं संभव,
सभी जीवन को यही संदेश है।
कहीं नदियाँ, कहीं झीलें हैं,
पानी है तो जीवन संजीवित है।
माँ के आँचल जैसी निर्मल,
धाराओं में बहती जो नदी,
वह जीवन की रसधार है,
सद्भावना की जो मधुर बिन्दी।
आसमान में बिजली का अंगारा,
पानी की बहती धार है,
न्याय का वह पवित्र स्थान है,
पानी जीवन का आधार है।
सभी जीवन का बोध है यहाँ,
पानी जीवन की राह है।
आगे बढ़ते जाओ तुम,
पानी ही जीवन का साथ है।
-सुमित्रानंदन पंत।
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