Hemis Rashtriya Udyan: लद्दाख के ऊँचे पहाड़ों में एक बहुत ही खास जगह है – हेमिस नेशनल पार्क (Hemis National Park)। यह भारत के सबसे बड़े और लोकप्रिय पार्कों में से एक प्रसिद्ध पार्क है, जो करीब 4,400 वर्ग किलोमीटर में फैला है! यह जगह हिम तेंदुओं (Snow Leopard) के आवास के रूप में प्रसिद्ध है, यहां लोग हिम तेंदुओं को देखने के लिए विभिन्न जगहों से आते हैं। जिन्हें कहीं कहीं और देख पाना बहुत मुश्किल होता है! यहाँ के ऊँचे-नीचे पहाड़ और गहरी घाटियाँ, जो सिंधु नदी के पास हैं, देखने में बहुत सुंदर लगती हैं. जानवरों के अलावा, इस पार्क में एक पुराना और मशहूर हेमिस मठ (Hemis Monastery) भी है, जहाँ आप लद्दाख की संस्कृति को महसूस कर सकते हैं। अगर आपको पहाड़ और अनोखे जानवर पसंद हैं, तो हेमिस नेशनल पार्क आपके लिए एक रोमांचक हॉलिडे स्पॉट साबित होगा। इस ब्लॉग में हम हेमिस राष्ट्रीय उद्यान (Hemis Rashtriya Udyan) के बारे में विस्तार से जानेंगे।
विषय | जानकारी |
नाम | हेमिस राष्ट्रीय उद्यान (Hemis National Park) |
क्षेत्रफल | लगभग 4,400 वर्ग किलोमीटर |
कहाँ है? | लेह ज़िला, लद्दाख (भारत), लेह शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर |
कब बना? | साल 1981 में |
किसने बनाया? | भारत सरकार ने वन्यजीवों की रक्षा के लिए इसे बनाया |
राष्ट्रीय उद्यान कब बना? | 1981 में ही इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया |
विशेषता | – हिम तेंदुआ यहाँ पाया जाता है (यह बहुत ही दुर्लभ जानवर है). – यह भारत का सबसे ऊँचाई पर स्थित राष्ट्रीय उद्यान है। – यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान भी है। |
इतिहास | पहले कुछ घाटियाँ (जैसे रुम्बक घाटी) ही शामिल थीं, फिर इसे धीरे-धीरे बड़ा किया गया |
अन्य आकर्षण केंद्र | हेमिस मठ (Hemis Monastery), गंदा ला दर्रा (Ganda La) |
घूमने का सही समय | – जून से अक्टूबर: ट्रैकिंग और घूमने के लिए अच्छा समय – फरवरी से मार्च: हिम तेंदुआ देखने का सबसे अच्छा समय |
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान किसके लिए प्रसिद्ध है?
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान की वैश्विक पहचान मुख्य रूप से हिम तेंदुए के संरक्षण के लिए है। यह पार्क पृथ्वी पर इन मायावी प्राणियों की सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक माना जाता है, जो इसे वन्यजीव उत्साही और शोधकर्ताओं के लिए एक अद्वितीय स्थल बनाता है। हिम तेंदुओं को उनके प्राकृतिक आवास में देखने की दुर्लभ संभावना हर साल दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करती है।
इसके अतिरिक्त, हेमिस भारत का सबसे बड़ा उच्च ऊंचाई वाला राष्ट्रीय उद्यान है, जो हिमालय के उत्तर में स्थित है और लगभग 4,400 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। इसका अनूठा परिदृश्य, जिसमें ऊँचे-ऊँचे पथरीले पहाड़, गहरी खाइयाँ और विस्तृत अल्पाइन घास के मैदान शामिल हैं, इसे अन्य राष्ट्रीय उद्यानों से अलग करता है।
यह उद्यान न केवल हिम तेंदुओं का गढ़ नहीं है, बल्कि यह कई अन्य दुर्लभ और लुप्तप्राय वन्यजीव प्रजातियों का भी महत्वपूर्ण आश्रय स्थल है। यहाँ तिब्बती भेड़िये, यूरेशियाई भूरे भालू, लाल लोमड़ी, और तिब्बती अर्गाली (एक प्रकार की जंगली भेड़) जैसे शिकारी और शाकाहारी जानवर सह-अस्तित्व में रहते हैं।
पक्षी प्रेमियों के लिए भी हेमिस एक खजाना है, जहाँ सुनहरा बाज़, हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध, और लैमरगियर जैसे शानदार शिकारी पक्षियों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की छोटी अल्पाइन चिड़ियाँ भी देखी जा सकती हैं। साहसिक पर्यटकों के लिए, पार्क चुनौतीपूर्ण लेकिन पुरस्कृत ट्रेकिंग मार्ग प्रदान करता है, जिनमें मार्खा घाटी का प्रसिद्ध ट्रेक शामिल है, जो आगंतुकों को शानदार दृश्यों और स्थानीय संस्कृति से रूबरू कराता है।
बताना चाहेंगे कि पार्क के भीतर स्थित ऐतिहासिक हेमिस मठ, जो 11वीं शताब्दी का है, एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र है और हर साल आयोजित होने वाले जीवंत हेमिस त्योहार का केंद्र बिंदु है, जो लद्दाखी संस्कृति और बौद्ध धर्म की जीवंतता को दर्शाता है।
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान कहाँ स्थित है?
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान भारत के उत्तरी केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पूर्वी भाग में स्थित है। यह ऐतिहासिक शहर लेह से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर सिंधु और ज़ांस्कर नदियों के संगम के पास फैला हुआ है। इसकी अवस्थिति इसे हिमालय के ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र का हिस्सा बनाती है, जिसकी विशेषता शुष्क और ठंडा जलवायु है। हेमिस राष्ट्रीय पार्क (Hemis National Park) की सीमाएं उत्तर में सिंधु नदी और दक्षिण में ज़ांस्कर पर्वतमाला तक फैली हुई हैं, जिसमें कई महत्वपूर्ण घाटियाँ जैसे मार्खा, रुंबक और चुल्लींग शामिल हैं। इस रणनीतिक स्थिति के कारण, हेमिस न केवल एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिक क्षेत्र है बल्कि सांस्कृतिक और भू-राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास क्या है?
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान की नींव 1981 में रखी गई थी, जिसका प्राथमिक उद्देश्य लद्दाख के अद्वितीय उच्च-ऊंचाई वाले पारिस्थितिकी तंत्र और विशेष रूप से लुप्तप्राय हिम तेंदुए का संरक्षण करना था। शुरुआती दौर में, हेमिस राष्ट्रीय पार्क (Hemis National Park) का क्षेत्रफल लगभग 600 वर्ग किलोमीटर था और इसमें रुंबक और मार्खा नदी के जलग्रहण क्षेत्र शामिल थे, जो महत्वपूर्ण वन्यजीव आवास थे।
बाद में, इस क्षेत्र की पारिस्थितिक संवेदनशीलता और जैव विविधता के महत्व को देखते हुए, 1988 और 1990 में आसपास के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल करके पार्क का विस्तार किया गया। इस विस्तार के परिणामस्वरूप, हेमिस राष्ट्रीय उद्यान लगभग 4,400 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैल गया, जिससे यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान बन गया। पार्क का नाम इसके भीतर स्थित सदियों पुराने हेमिस मठ के सम्मान में रखा गया, जो 11वीं शताब्दी का है और लद्दाख के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली बौद्ध मठों में से एक है, जो बौद्ध धर्म के द्रुक्पा वंश से संबंधित है। इस प्रकार, पार्क का इतिहास न केवल वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को दर्शाता है बल्कि इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से भी गहराई से जुड़ा हुआ है।
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान में कौन-कौन से जीव-जंतु और वनस्पति हैं?
वनस्पति:
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान एक उच्च ऊंचाई वाला क्षेत्र होने के कारण, यहाँ की वनस्पति मुख्य रूप से अल्पाइन और स्टेपी प्रकार की है, जो शुष्क और ठंडी परिस्थितियों के अनुकूल है। निचले इलाकों में, सिंधु नदी के किनारे और अपेक्षाकृत गर्म क्षेत्रों में जूनिपर, बर्च और पॉपुलर के विरल और सूखे जंगल पाए जाते हैं। जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती जाती है, वनस्पति विरल होती जाती है और झाड़ियाँ और घासें प्रमुख हो जाती हैं। ऊपरी पहाड़ी ढलानों पर, जहाँ नमी थोड़ी अधिक होती है, विभिन्न प्रकार की रंगीन अल्पाइन फूल वाली वनस्पतियाँ जैसे एनीमोन, जेंटियाना, थेलिक्रुम, लॉयडिया, वेरोनिका और डेल्फिनियम बहुतायत में उगती हैं। इसके अतिरिक्त, यहाँ कैरेक्स और कोब्रेसिया जैसी अल्पाइन घासें और विभिन्न प्रकार की कठोर झाड़ियाँ भी पाई जाती हैं जो उच्च ऊंचाई की कठोर परिस्थितियों का सामना कर सकती हैं। यह क्षेत्र कई औषधीय पौधों से भी समृद्ध है, जिनका उपयोग स्थानीय लद्दाखी समुदाय पारंपरिक चिकित्सा में करते हैं।
जीव-जंतु:
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान कई दुर्लभ और लुप्तप्राय वन्यजीव प्रजातियों का महत्वपूर्ण घर है, जो उच्च हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए विशिष्ट हैं। स्तनधारियों में, हिम तेंदुआ निस्संदेह सबसे प्रतिष्ठित निवासी है, और पार्क को दुनिया में इसकी सबसे सुरक्षित गढ़ों में से एक माना जाता है। अन्य महत्वपूर्ण स्तनधारियों में तिब्बती भेड़िया, जो इस क्षेत्र का एक शीर्ष शिकारी है, यूरेशियाई भूरा भालू, जो अक्सर उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में देखा जाता है, लाल लोमड़ी, और तिब्बती अर्गाली (महान तिब्बती भेड़), जो अपनी शानदार सींगों के लिए जानी जाती है, शामिल हैं। इसके अलावा, यहाँ नीली भेड़ (भरल), जो हिम तेंदुए का एक महत्वपूर्ण शिकार प्रजाति है, लद्दाख यूरियल (शपू), जो केवल लद्दाख में पाया जाता है, हिमालयी मार्मोट, पहाड़ी नेवला और छोटे हिमालयी माउस हरे भी पाए जाते हैं।
पक्षी प्रेमियों के लिए, हेमिस लगभग 73 पक्षी प्रजातियों का घर है, जिनमें कई शिकारी पक्षी शामिल हैं जैसे शानदार सुनहरा बाज़, विशाल हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध, और अद्वितीय लैमरगियर गिद्ध (दाढ़ी वाला गिद्ध)। अन्य उल्लेखनीय पक्षियों में हिमालयी स्नोकॉक, विभिन्न प्रकार के छोटे पर्वतीय पक्षी जैसे रॉबिन एक्सेंटर, ग्रेट ग्रे श्राइक, और रंगीन फिंच और वार्बलर शामिल हैं। उच्च ऊंचाई और शुष्क परिस्थितियों के कारण, पार्क में सरीसृप और उभयचर प्रजातियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है, लेकिन कुछ अनुकूलित प्रजातियाँ यहाँ जीवित रहती हैं।
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान में प्रमुख आकर्षण क्या हैं?
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान (Hemis Rashtriya Udyan) पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए कई अद्वितीय आकर्षण प्रदान करता है:
- हिम तेंदुआ: सर्दियों के महीनों (दिसंबर से मार्च) के दौरान, जब हिम तेंदुए शिकार की तलाश में निचले इलाकों में उतरते हैं, तो उन्हें देखने की संभावना सबसे अधिक होती है। इसके लिए विशेष ट्रैकिंग और वन्यजीव गाइड की आवश्यकता होती है।
- ट्रेकिंग: पार्क ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए शानदार अवसर प्रदान करता है। मार्खा वैली ट्रेक सबसे लोकप्रिय मार्गों में से एक है, जो सुंदर गांवों, ऊँचे दर्रों और शानदार परिदृश्यों से होकर गुजरता है। स्पितुक से स्टॉक तक गांडा ला पास के माध्यम से ट्रेक भी एक चुनौतीपूर्ण और पुरस्कृत अनुभव है।
- हेमिस मठ की यात्रा: 400 साल पुराना हेमिस मठ लद्दाख के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध मठों में से एक है। इसकी वास्तुकला, कलाकृतियाँ और शांत वातावरण इसे एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आकर्षण बनाते हैं।
- वार्षिक हेमिस त्योहार: हर साल जून या जुलाई में आयोजित होने वाला हेमिस त्योहार एक रंगीन और जीवंत उत्सव है, जिसमें स्थानीय लामाओं द्वारा किए गए रहस्यमय मुखौटा नृत्य (छम नृत्य) और पारंपरिक संगीत शामिल होते हैं, जो लद्दाखी संस्कृति और बौद्ध धर्म की अनूठी झलक पेश करते हैं।
- प्राकृतिक दृश्य: पार्क का ऊबड़-खाबड़ और विशाल परिदृश्य, बर्फ से ढकी चोटियाँ, गहरी घाटियाँ और रंगीन चट्टानी संरचनाएं फोटोग्राफी के शौकीनों और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने वालों के लिए अनगिनत अवसर प्रदान करती हैं।
- फोटोग्राफी: हेमिस राष्ट्रीय उद्यान दुर्लभ वन्यजीवों, विशेष रूप से हिम तेंदुओं और अन्य उच्च-पहाड़ी जीवों की तस्वीरें लेने के लिए एक उत्कृष्ट स्थान है।
- ग्रामीण पर्यटन और होमस्टे: पार्क के आसपास के छोटे और पारंपरिक लद्दाखी गांवों में होमस्टे का अनुभव करके आगंतुक स्थानीय संस्कृति, जीवनशैली और आतिथ्य को करीब से जान सकते हैं। यह स्थानीय समुदायों की अर्थव्यवस्था में भी योगदान देता है।
- शंग घाटी (Skyu-Markha): यह घाटी अपने अद्वितीय भूवैज्ञानिक संरचनाओं और पारंपरिक लद्दाखी गांवों के लिए जानी जाती है, जो ट्रेकिंग मार्गों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान में घूमने की अन्य जगह
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान (Hemis Rashtriya Udyan) में घूमने लायक कुछ और जगहें हैं:
हेमिस मठ (Hemis Monastery)
हेमिस मठ लद्दाख का एक बहुत ही खास और मशहूर बौद्ध मठ है । यह लेह शहर से लगभग 45 किलोमीटर दूर है। हर साल यहाँ दो दिन का हेमिस उत्सव मनाया जाता है, जिसमें भिक्षु रंग-बिरंगे मुखौटे पहनकर छम नृत्य करते हैं। इस दौरान बड़ी-बड़ी बौद्ध पेंटिंग (थंका) भी दिखाई जाती हैं। यह त्योहार वाकई देखने लायक होता है!
गंदा ला दर्रा (Ganda La)
गंदा ला, जिसे कांडा ला भी कहते हैं, हेमिस राष्ट्रीय उद्यान के अंदर एक ऊँचा पहाड़ी रास्ता है । यह रास्ता मार्का घाटी के गाँवों को लेह से जोड़ता है। स्थानीय लोग इसी रास्ते से आते-जाते हैं। ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए भी यह एक सुंदर और रोमांचक जगह है।
FAQs
यह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पूर्वी भाग में, लेह शहर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
हेमिस नेशनल पार्क (Hemis National Park) की स्थापना वर्ष 1981 में हुई थी।
यह विश्व स्तर पर हिम तेंदुओं की आबादी और भारत के सबसे बड़े उच्च ऊंचाई वाले राष्ट्रीय उद्यान के रूप में प्रसिद्ध है।
इसका क्षेत्रफल लगभग 4,400 वर्ग किलोमीटर है।
मई से अक्टूबर का ग्रीष्मकाल ट्रेकिंग और सामान्य वन्यजीवों को देखने के लिए अच्छा है, जबकि सर्दियों (दिसंबर से मार्च) का समय विशेष रूप से हिम तेंदुआ देखने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
यहाँ हिम तेंदुआ, तिब्बती भेड़िया, लाल लोमड़ी, तिब्बती जंगली गधा, हिमालयी नीली भेड़, और हिमालयी ग्रिफ़न जैसे दुर्लभ प्रजातियों के जीव पाए जाते हैं।
यहाँ हिमालयी मोनाल, तिब्बती हिमजंता, सुनहरा चील, स्नो कॉक और चकार जैसे पक्षी देखने को मिलते हैं।
सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा लेह है। वहाँ से सड़क मार्ग द्वारा टैक्सी या बस से हेमिस राष्ट्रीय उद्यान पहुँचा जा सकता है।
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