Essay on Pelican in Hindi: एक बड़ा जल पक्षी ‘पेलिकन’ पर निबंध

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Essay on Pelican in Hindi

Essay on Pelican in Hindi: पेलिकन एक बहुत ही खास और दिलचस्प जल पक्षी है, जिसे उसकी लंबी चोंच और बड़ी थैली के लिए जाना जाता है। यह थैली उसे मछली पकड़ने में मदद करती है, जो उसका पसंदीदा खाना है। पेलिकन आमतौर पर झीलों, समुद्रों और नदियों के पास पाए जाते हैं और हमेशा झुंड में रहना पसंद करते हैं। इन झुंडों को “कॉलोनी” कहा जाता है, जिसमें कभी-कभी सैकड़ों पेलिकन एक साथ देखे जा सकते हैं। 

स्कूलों में पक्षियों पर जानकारी बढ़ाने और निबंध लेखन का अभ्यास कराने के लिए पेलिकन पर निबंध लिखवाया जाता है। इस ब्लॉग में आपको पेलिकन पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध दिया गया है, जिससे छात्र आसानी से इस विषय को समझ सकें और अच्छे अंक ला सकें। 

पेलिकन पर निबंध 100 शब्दों में 

पेलिकन पर निबंध (Essay on Pelican in Hindi) 100 शब्दों में इस प्रकार है:

पेलिकन एक बड़ा जल पक्षी है, जिसकी चोंच लंबी और नीचे एक बड़ी थैली होती है। यह थैली मछलियाँ पकड़ने और जमा करने के काम आती है। पेलिकन ज्यादातर झीलों, नदियों और समुद्री किनारों पर पाए जाते हैं। यह पक्षी झुंड में रहते हैं और एक साथ शिकार करते हैं। पेलिकन मुख्य रूप से मछली खाते हैं, लेकिन छोटे जीव-जंतु भी खा लेते हैं। यह बहुत अच्छे तैराक और उड़ने वाले पक्षी होते हैं। पेलिकन हमें प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। यह पक्षी सौंदर्य और सहयोग का प्रतीक माने जाते हैं। हमें इनकी रक्षा करनी चाहिए।

पेलिकन पर निबंध 200 शब्दों में

पेलिकन पर निबंध (Essay on Pelican in Hindi) 200 शब्दों में इस प्रकार है:

पेलिकन एक विशाल जल पक्षी है, जो Pelecanidae परिवार से संबंधित है। यह पक्षी अपनी लंबी चोंच और गले में स्थित लचीली थैली (gular pouch) के लिए विशेष रूप से जाना जाता है, जिसका प्रयोग यह मछलियाँ पकड़ने और पानी निकालने के लिए करता है। यह थैली एक प्रकार के स्कूप की तरह काम करती है।

दुनिया भर में पेलिकन की आठ प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं – डैलमेशियन पेलिकन, ग्रेट व्हाइट पेलिकन और ब्राउन पेलिकन। सफेद पेलिकन आमतौर पर झीलों और नदियों के पास रहते हैं, जबकि भूरे पेलिकन समुद्र तटों पर पाए जाते हैं। ये पक्षी झुंडों में रहते हैं और सामूहिक रूप से शिकार करते हैं।

एक वयस्क पेलिकन की लंबाई लगभग 180 सेंटीमीटर तक और पंखों का फैलाव 9 फीट तक हो सकता है। इनका वजन 13 किलोग्राम तक पहुंच सकता है। इनके पैर जालदार होते हैं जो इन्हें उत्कृष्ट तैराक बनाते हैं। हालांकि, इनके छोटे पैर जमीन पर सीमित गति प्रदान करते हैं।

भूरे पेलिकन खास शैली में शिकार करते हैं – वे उड़ान से सीधे पानी में गोता लगाकर मछलियाँ पकड़ते हैं। पेलिकन सामाजिक पक्षी हैं और प्रजनन काल में द्वीपों पर हजारों की संख्या में कॉलोनियाँ बनाते हैं। इनका संरक्षण आवश्यक है क्योंकि कई प्रजातियाँ जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण से प्रभावित हो रही हैं।

पेलिकन पर निबंध 500 शब्दों में

पेलिकन पर निबंध (Essay on Pelican in Hindi) 500 शब्दों में इस प्रकार है:

प्रस्तावना

पेलिकन एक विशाल जल पक्षी है। यह अपनी लंबी चोंच और बड़ी गले की थैली के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसका वैज्ञानिक नाम Pelecanus है। पेलिकन की बनावट बहुत खास होती है। इनमें कई विशेषताएं होती हैं, जैसे कि ये अच्छे तैराक और लंबी दूरी तक उड़ान भरने में सक्षम होते हैं। पेलिकन झीलों, नदियों और समुद्री तटों के पास झुंडों में रहते हैं। धरती पर पेलिकन की कई अलग-अलग प्रजातियाँ मौजूद हैं।

पेलिकन पक्षी का शारीरिक बनावट

पेलिकन एक बड़ा और शक्तिशाली जल पक्षी है, जिसकी लंबी चोंच के नीचे मछली पकड़ने वाली बड़ी गले की थैली (गुलर पाउच) होती है। इसके मजबूत पंखों का फैलाव 8 से 10 फीट तक होता है, जिससे यह लंबी उड़ान भर सकता है। इसका वजन 5 से 13 किलोग्राम और लंबाई 120 से 180 सेंटीमीटर तक होती है। झिल्लीदार पैर इसे कुशल तैराक बनाते हैं, जबकि तेज़ आंखें शिकार में मदद करती हैं। इसकी पूरी बनावट इसे जल और वायु दोनों में सक्षम शिकारी बनाती है।

पेलिकन का रहन सहन और भोजन

पेलिकन एक सामाजिक जल पक्षी है जो आमतौर पर झीलों, नदियों और समुद्र के किनारों पर बड़े समूहों में पाया जाता है। ये झुंड में रहकर मिलकर शिकार करते हैं। प्रजनन काल में ये द्वीपों या सुनसान तटों पर बड़े घोंसले बनाते हैं। इनका मुख्य भोजन मछली है, जिसे ये अपनी लंबी चोंच और गले की थैली से पकड़ते हैं। ब्राउन पेलिकन हवा से पानी में गोता लगाकर शिकार करता है, जबकि अन्य प्रजातियाँ उथले पानी में मछलियों को घेर कर पकड़ती हैं। इसके अलावा ये मेंढक, कीट, केकड़े और अन्य छोटे जलजीव भी खाते हैं।

पेलिकन की प्रजातियां

दुनियाभर में पेलिकन की प्रजातियां निम्न प्रकार से हैं:

  • ग्रेट व्हाइट पेलिकन: यूरोप, एशिया और अफ्रीका में पाया जाता है।
  • डैल्मेशियन पेलिकन: यह सबसे भारी उड़ने वाला पक्षी माना जाता है।
  • ब्राउन पेलिकन: अमेरिका के समुद्री तटों पर मिलता है।
  • अमेरिकन व्हाइट पेलिकन: उत्तरी अमेरिका का सफेद रंग का सुंदर पेलिकन।
  • स्पॉट-बिल्ड पेलिकन: खासकर भारत और श्रीलंका में पाया जाता है।
  • ऑस्ट्रेलियन पेलिकन: ऑस्ट्रेलिया और आसपास के क्षेत्रों में मिलता है, इसकी चोंच सबसे लंबी मानी जाती है।
  • पिंक-बैक्ड पेलिकन: अफ्रीका और दक्षिण एशिया में पाया जाता है।
  • पेरूवियन पेलिकन: दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर उपलब्ध।

पेलिकन का संरक्षण और पर्यावरणीय खतरे

आज के समय में पेलिकन पक्षियों की कुछ प्रजातियाँ जलवायु परिवर्तन, प्लास्टिक प्रदूषण, गंदे जल स्रोतों और आवास विनाश के कारण संकट में हैं। IUCN (International Union for Conservation of Nature) की रेड लिस्ट के अनुसार डैल्मेशियन पेलिकन जैसी कुछ प्रजातियाँ Near Threatened (निकट संकटग्रस्त) श्रेणी में आती हैं।

तेल रिसाव, अवैध शिकार, और मछलियों की कमी इनके अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं। जल निकायों का सूखना और मानव अतिक्रमण से इनके प्रजनन स्थल नष्ट हो रहे हैं। संरक्षण के लिए विश्व भर में कई प्रयास किए जा रहे हैं। जैसे:

  • रामसर साइट्स के अंतर्गत जलवायु महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की सुरक्षा
  • पक्षी विहारों और नेशनल पार्कों में इनके आवासों की रक्षा
  • जनजागरूकता अभियानों के माध्यम से इन पक्षियों के महत्व को समझाना

हमें चाहिए कि हम प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करें और जल स्रोतों को स्वच्छ बनाए रखें ताकि इन जैसे सुंदर पक्षियों का अस्तित्व बना रहे।

उपसंहार 

पेलिकन एक अनोखा और उपयोगी जल पक्षी है। इसकी सुंदरता शैली और सामाजिक जीवन हमें प्रकृति के संतुलन और जीव-जंतुओं की विविधता को समझने में मदद करता है। ये वास्तव में अदभुत पक्षी है। 

पेलिकन पर 10 लाइन

पेलिकन पर 10 लाइन इस प्रकार है:

  1. पेलिकन एक बड़ा और शक्तिशाली जल पक्षी है जिसकी लंबी चोंच के नीचे एक बड़ी थैली होती है।
  2. यह थैली मछली पकड़ने और पानी छानने के लिए स्कूप की तरह काम करती है।
  3. पेलिकन झीलों, नदियों और समुद्री तटों के आसपास अक्सर पाए जाते हैं।
  4. इसके झिल्लीदार पैर इसे कुशल तैराक बनाते हैं।
  5. दुनियाभर में पेलिकन की लगभग आठ प्रमुख प्रजातियाँ मौजूद हैं।
  6. इनके चौड़े और मजबूत पंख इन्हें लंबी दूरी तक उड़ने में मदद करते हैं।
  7. ये प्रायः झुंड में शिकार करते हैं और मिलकर काम करना पसंद करते हैं।
  8. प्रजनन काल में ये द्वीपों पर समूह में घोंसले बनाते हैं।
  9. ब्राउन पेलिकन अकेला ऐसा है जो मछली पकड़ने के लिए हवा से पानी में गोता लगाता है।
  10. पेलिकन हमें सहयोग, संतुलन और धैर्य का जीवन पाठ सिखाता है।

पेलिकन पर निबंध कैसे लिखें?

पेलिकन पर निबंध (Essay on Pelican in Hindi) लिखने के लिए निम्न चरणों कर पालन करें:

  • प्रस्तावना से करें शुरुआत – निबंध की शुरुआत पेलिकन के परिचय से करें, जैसे कि यह पक्षी क्या है, इसकी क्या विशेषता है, और यह क्यों अद्वितीय माना जाता है।
  • जानकारी एकत्र करें – पेलिकन की प्रजातियाँ, आकार, भोजन, आवास स्थल और रहन-सहन की जानकारी पहले से एकत्र करें ताकि निबंध में तथ्यात्मक गहराई हो।
  • शारीरिक बनावट और आदतें बताएं – पेलिकन के शरीर की रचना, उड़ान और तैराकी की क्षमता, शिकार की शैली और दैनिक आदतों का वर्णन करें।
  • पर्यावरण में भूमिका – बताएं कि पेलिकन जैसे पक्षी पारिस्थितिक संतुलन में कैसे योगदान देते हैं, जैसे मछलियों की संख्या नियंत्रण में रखना आदि।
  • व्यक्तिगत अनुभव या स्रोत जोड़ें – यदि आपने पेलिकन को कहीं देखा है (चिड़ियाघर, डॉक्युमेंट्री, पुस्तक आदि में), तो उस अनुभव का संक्षिप्त उल्लेख करें।
  • सशक्त उपसंहार दें – अंत में निबंध का सार प्रस्तुत करें और इसके माध्यम से कोई संदेश या सीख अवश्य जोड़ें, जैसे कि प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने की आवश्यकता।

FAQs

आप पेलिकन का वर्णन कैसे करेंगे?

पेलिकन एक बड़ा जल पक्षी है, जिसकी लंबी चोंच और गले की बड़ी थैली इसे विशिष्ट बनाती है। यह थैली शिकार पकड़ने और मछलियाँ निगलने से पहले पानी छानने में मदद करती है। यह पक्षी Pelecanidae कुल का सदस्य है।

पेलिकन कितनी तेज़ी से तैर सकता है?

पेलिकन कुशल तैराक होते हैं और यह लगभग 3 मील प्रति घंटे (लगभग 5 किमी/घंटा) की गति से तैर सकते हैं।

पेलिकन कैसी आवाज़ करते हैं?

वयस्क पेलिकन आमतौर पर शांत रहते हैं। जब वे पंख हिलाते हैं, तो फेफड़ों से निकलने वाली हवा से धीमी, कर्कश आवाज़ उत्पन्न होती है। बच्चे तीखी आवाज़ में भोजन माँगते हैं।

भारत में पेलिकन कहाँ प्रजनन करते हैं?

पेलिकन प्रवासी पक्षी हैं जो साइबेरिया और पूर्वी यूरोप से भारत आते हैं। भारत में ये गुजरात (कच्छ) और आंध्र प्रदेश (नेलापटू पक्षी अभयारण्य) में प्रजनन करते हैं।

पेलिकन की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

इनके पास लंबी चोंच, बड़ी गले की थैली, झिल्लीदार पैर और मजबूत पंख होते हैं। अधिकांश प्रजातियाँ हल्के रंग की होती हैं, सिवाय ब्राउन और पेरूवियन पेलिकन के।

पेलिकन कितने प्रकार के होते हैं?

दुनिया में पेलिकन की कुल 8 ज्ञात प्रजातियाँ हैं, जो झीलों, नदियों और समुद्र के किनारे समूहों में रहती हैं।

सबसे दुर्लभ पेलिकन कौन सा है?

डैल्मेशियन पेलिकन (Dalmatian Pelican) दुनिया की सबसे दुर्लभ और सबसे बड़ी पेलिकन प्रजाति मानी जाती है। इसका पंख फैलाव 9 से 11 फीट तक होता है।

पेलिकन दिन में कितनी बार भोजन करता है?

एक वयस्क पेलिकन प्रतिदिन औसतन 4 पाउंड (लगभग 1.8 किलोग्राम) तक मछली खा सकता है, जो इसके शरीर की ऊर्जा ज़रूरत को पूरा करता है।

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