Essay on MS Dhoni in Hindi: जब भी भारतीय क्रिकेट के महान कप्तानों और मैच जिताने वाले खिलाड़ियों की बात आती है, तो एक नाम सबसे ऊपर आता है – महेंद्र सिंह धोनी। उन्हें उनके शांत स्वभाव और लीडरशिप क्वालिटी के लिए लोगों से बहुत प्यार मिलता है। महेंद्र सिंह धोनी, जिन्हें ‘कैप्टन कूल’ के नाम से जाना जाता है, भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल और प्रेरणादायक कप्तानों में से एक हैं। उनका जीवन संघर्ष, समर्पण और सफलता की मिसाल है, जो हर उम्र के पाठकों के लिए प्रेरणास्पद है। उनके शानदार नेतृत्व में ही भारत ने 2007 का पहला टी20 विश्व कप और 2011 का वनडे विश्व कप अपने नाम किया, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे गौरवशाली पल थे। इस ब्लॉग में, हम छात्रों के साथ एम.एस. धोनी पर 150, 350 और 500 शब्दों के निबंध (Essay on MS Dhoni in Hindi) साँझा करेंगे और उनके जीवन और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
एम.एस. धोनी पर निबंध 100 शब्दों में
महेंद्र सिंह धोनी, जिन्हें हम प्यार से ‘थला’ कहते हैं, उनका यह नाम है इसलिए पड़ा क्योंकि यह नाम उनके चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) फैंस ने उनके लिए रखा है। बता दें कि तमिल में ‘थला’ का मतलब ‘बॉस’ या ‘नेता’ होता है, जो दिखाता है कि चेन्नई के लोग उन्हें कितना मानते हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई रांची के डीएवी जवाहर विद्या मंदिर से की थी। धोनी को फुटबॉल बहुत पसंद था और वह गोलकीपर बनना चाहते थे। उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। बाद में वे भारतीय रेलवे में टिकट कलेक्टर भी बने, पर उनका सपना क्रिकेटर बनने का था, जिसे उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से पूरा किया।
एम.एस. धोनी पर निबंध 200 शब्दों में
महेंद्र सिंह धोनी, जिन्हें दुनिया के विभिन्न हिस्सों में “कैप्टन कूल” के रूप में जाना जाता है। बता दें कि भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रभावशाली और सफल लोगों में से एक हैं। उनका जन्म 7 जुलाई 1981 को झारखंड के रांची में हुआ था। उनके पिता का नाम पान सिंह धोनी और माँ का नाम देवकी देवी है। धोनी का एक बड़ा भाई नरेंद्र और एक बड़ी बहन जयंती हैं। उन्होंने अपनी शैक्षिक कक्षाएँ रांची के डीएवी जवाहर विद्या मंदिर से पूरी कीं और 12वीं कक्षा तक गए।
बचपन से ही धोनी को खेलों से बहुत प्यार था। स्कूल में वे बैडमिंटन, फुटबॉल और क्रिकेट जैसे कई खेलों में हिस्सा लेते थे। वे खासकर फुटबॉल टीम के लिए गोलकीपर के रूप में खेलते थे। उनकी बेहतरीन गोलकीपिंग देखकर उनके कोच केशव रंजन बनर्जी ने उन्हें क्रिकेट में आने की सलाह दी और स्कूल टीम के लिए चुना।
1995-98 के दौरान, धोनी ने कमांडो क्रिकेट क्लब में शानदार विकेटकीपिंग दिखाई, जिसके चलते उन्हें 1997-98 सत्र के लिए वीनू मांकड़ ट्रॉफी अंडर-16 चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिला, जहाँ उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। स्कूल के बाद, धोनी ने पूरी तरह क्रिकेट पर ध्यान दिया। 1998 तक, वे स्कूल और क्लब क्रिकेट खेलते रहे। उनके छक्कों से प्रभावित होकर देवल सहाय उन्हें हर बार 50 रुपये का इनाम भी देते थे, जिन्होंने उन्हें सीसीएल के लिए चुना था।
एम.एस. धोनी पर निबंध 500 शब्दों में
500 शब्दों में एम.एस. धोनी पर निबंध (Essay on MS Dhoni in Hindi) इस प्रकार है –
प्रस्तावना
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कुछ ही नाम ऐसे हैं जो महेंद्र सिंह धोनी जितनी चमक रखते हैं। महेंद्र सिंह धोनी 7 नंबर वाली जर्सी में नजर आते थे, लोग इसे उनका लकी नंबर मानते हैं। ‘कैप्टन कूल’ के नाम से मशहूर धोनी ने न केवल अपनी शांत कप्तानी से देश को कई ऐतिहासिक जीतें दिलाईं, बल्कि अपने अनूठे खेल और ‘हेलिकॉप्टर शॉट’ से करोड़ों दिलों पर राज भी किया।
एम.एस. धोनी का प्रारंभिक जीवन
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को झारखंड के रांची शहर में हुआ था। बचपन से ही धोनी को खेलों के प्रति गहरा लगाव था। वे स्कूल के दिनों में सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, बल्कि बैडमिंटन और फुटबॉल जैसे खेलों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। फुटबॉल में वे अपनी टीम के लिए गोलकीपर के रूप में खेलते थे। उनकी इस बेहतरीन गोलकीपिंग क्षमता को देखकर, उनके स्कूल के कोच केशव रंजन बनर्जी ने उन्हें क्रिकेट में विकेटकीपिंग करने की सलाह दी और उन्हें स्कूल की क्रिकेट टीम में शामिल किया।
एम.एस. धोनी के क्रिकेट करियर की शुरुआत
कोच की सलाह पर धोनी ने क्रिकेट में अपनी प्रतिभा दिखानी शुरू की। 1995 से 1998 के दौरान, उन्होंने कमांडो क्रिकेट क्लब के लिए खेलते हुए अपनी विकेटकीपिंग का लोहा मनवाया। उनके इस शानदार प्रदर्शन को देखते हुए, उन्हें 1997-98 सत्र के लिए प्रतिष्ठित वीनू मांकड़ ट्रॉफी अंडर-16 चैंपियनशिप के लिए चुना गया।
रांची में शीश महल टूर्नामेंट के दौरान, उनके लंबे छक्कों से प्रभावित होकर देवल सहाय उन्हें हर छक्के पर 50 रुपये का इनाम देते थे। देवल सहाय ने ही धोनी को सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड (CCL) के लिए चुना था, जहाँ से उनका क्रिकेट का सफर शुरू हुआ।
एम.एस. धोनी की कप्तानी और महान उपलब्धियाँ
धोनी की कप्तानी एक नई मिसाल थी। उन्होंने 2007 में भारतीय टी20 टीम की कप्तानी संभाली और अपने पहले ही बड़े टूर्नामेंट, 2007 के आईसीसी टी20 विश्व कप में भारत को चैंपियन बनाया। इसके बाद, उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने 2011 में 28 साल बाद वनडे विश्व कप का खिताब जीता, जिसका फाइनल शॉट आज भी हर भारतीय क्रिकेट प्रशंसक को याद है।
वर्ष 2013 में, उन्होंने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती, जिससे वे आईसीसी के तीनों बड़े खिताब जीतने वाले दुनिया के एकमात्र कप्तान बन गए। उनकी शांत कप्तानी, मुश्किल परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रखने की क्षमता और अपने खिलाड़ियों पर भरोसा करने का तरीका उन्हें ‘कैप्टन कूल’ बनाता था।
एम.एस. धोनी का व्यक्तिगत जीवन और पुरस्कार
क्रिकेट के मैदान पर अपनी उपलब्धियों के अलावा, धोनी का व्यक्तिगत जीवन भी प्रेरणादायक है। 4 जुलाई 2010 को उन्होंने साक्षी रावत से शादी की, जिनसे उन्हें एक बेटी हुई जिसका नाम जीवा है।
भारत सरकार ने उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों जैसे – खेल के सर्वोच्च सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न (2007) और देश के तीसरे और चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण (2018) और पद्म श्री (2009) से सम्मानित किया है। इसके अलावा, उन्हें आईसीसी ओडीआई प्लेयर ऑफ द ईयर (2008, 2009) और कई अन्य पुरस्कार भी मिले हैं।
निष्कर्ष
एम.एस. धोनी सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों के लिए एक मिसाल हैं। रांची से निकलकर भारतीय क्रिकेट के शिखर तक का उनका सफर हमें बताता है कि कड़ी मेहनत, शांत स्वभाव और पक्के इरादे से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
एम.एस. धोनी पर 10 लाइन
एम.एस. धोनी पर 10 लाइन इस प्रकार हैं:
- महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची, झारखंड में हुआ।
- उनके पिता का नाम पान सिंह धोनी और माता का नाम देवकी देवी है। उनके एक भाई और एक बहन भी हैं।
- बचपन में धोनी को फुटबॉल खेलना बहुत पसंद था, और वे अपनी स्कूल टीम के लिए गोलकीपर थे।
- उनके फुटबॉल कोच ने उनकी अच्छी गोलकीपिंग देखकर उन्हें क्रिकेट में विकेटकीपिंग करने की सलाह दी।
- क्रिकेट में बड़े खिलाड़ी बनने से पहले, धोनी ने कुछ समय के लिए रेलवे में टिकट कलेक्टर का काम भी किया था।
- उन्हें शांत स्वभाव और मुश्किल हालात में भी सही फैसले लेने की वजह से “कैप्टन कूल” कहते हैं।
- धोनी की कप्तानी में भारत ने 2007 का टी20 वर्ल्ड कप, 2011 का वनडे वर्ल्ड कप और 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी जीती।
- वे अपनी आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को भी कई बार चैंपियन बना चुके हैं, इसलिए चेन्नई में उन्हें ‘थला’ कहते हैं।
- धोनी अपने खास ‘हेलिकॉप्टर शॉट’ के लिए बहुत मशहूर हैं।
- धोनी का सफर दिखाता है कि अगर आप कड़ी मेहनत करें और ठान लें, तो कोई भी सपना पूरा कर सकते हैं।
एम.एस. धोनी पर निबंध कैसे लिखें?
एम.एस. धोनी पर निबंध (Essay on MS Dhoni in Hindi) लिखने के लिए छात्र ये तरीका अपना सकते हैं:
- सबसे पहले आप एम.एस. धोनी पर रिसर्च करिये।
- फिर परिचय में लिखें कि धोनी कौन हैं और वे क्यों इतने मशहूर हैं।
- फिर उनके शुरुआती जीवन, उनके बचपन और क्रिकेट में आने के सफर को संक्षेप में लिखें।
- उसके बाद उनके क्रिकेट करियर और उनकी कप्तानी की बड़ी जीतों (जैसे वर्ल्ड कप) और खेलने की शैली पर लिखें।
- उनके व्यक्तित्व के बारे में लिखें जैसे, उनके शांत स्वभाव और एक प्रेरणा के रूप में उनके प्रभाव को बताएं।
- आखिरी में निष्कर्ष में उनके योगदान लिखकर समाप्त करें।
FAQs
धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची, बिहार (अब झारखंड) में हुआ था। उनके पिता पान सिंह हैं और माता देवकी देवी। उनकी एक बहन और एक भाई हैं – जयंती गुप्ता और नरेंद्र सिंह धोनी।
केशव बनर्जी को धोनी का पहला गुरू कहा जाता है।
धोनी के एक भाई भी हैं, जिनका नाम नरेंद्र सिंह धोनी है।
“थाला” का शाब्दिक अर्थ तमिल भाषा में “नेता” या “प्रमुख” होता है।
महेंद्र सिंह धोनी ने रांची के जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली से 12वीं तक की पढ़ाई की है।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ल्वाली गांव में महेंद्र सिंह धोनी का पैतृक गांव है।
धोनी के नाम आईपीएल में 264 छक्के हैं।
धोनी 7 नंबर की जर्सी पहनते हैं।
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