Dachigam Rashtriya Udyan: दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान श्रीनगर में स्थित है। यह उद्यान कश्मीर से लगभग 22 किमी दूर पश्चिमी हिमालय के ज़बरवन रेंज में आता है। यह उद्यान 141 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। स्थानीय भाषा में दाचीगाम शब्द का अर्थ होता है दस गाँव। दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान को बनाने के लिए 10 गाँवों को स्थानांतरित किया गया था, उन्हीं 10 गाँवों की याद में इस उद्यान को बनाया गया है। दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान मुख्य रूप से हंगुल या कश्मीर हरिण के लिए जाना जाता है। इस उद्यान में अन्य कई जानवर भी देखे जा सकते हैं। इस ब्लॉग में दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के बारे में (Dachigam Rashtriya Udyan) विस्तार से जानकारी दी गई है जो इस उद्यान के बारे में आपकी मदद करेगी।
This Blog Includes:
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के बारे में
- दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर जिले से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- यह उद्यान मुख्य रूप से हंगुल (कश्मीर हरिण) के लिए प्रसिद्ध है, जो एल्क की एक उप-प्रजाति है और केवल कश्मीर घाटी में पाई जाती है।
- इसे वर्ष 1951 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था और वर्ष 1981 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त हुआ।
- इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 141 वर्ग किलोमीटर है।
- यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख स्तनधारी जीवों में हिमालयन भूरा भालू, हिमालयन काला भालू, कस्तूरी मृग, हिमालयन सीरो, पीले गले का नेवला, सियार आदि शामिल हैं।
- पक्षियों की प्रमुख प्रजातियों में हिमालयन मोनाल, काली बुलबुल, दाढ़ी वाला गिद्ध, बकवादी और दालचीनी गौरैया प्रमुख हैं।
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान किसके लिए प्रसिद्ध है?
दाचीगाम नेशनल पार्क, जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर जिले में स्थित है और यह निम्नलिखित विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है:
- यह उद्यान मुख्य रूप से हांगुल (कश्मीर स्टैग) के लिए प्रसिद्ध है, जो एक विलुप्तप्राय हिरण प्रजाति है और केवल कश्मीर घाटी में ही पाई जाती है।
- हांगुल को जम्मू-कश्मीर का राज्य पशु घोषित किया गया है।
- दाचीगाम नेशनल पार्क की प्रसिद्धि इसकी जैव विविधता के लिए भी है।
- यहाँ तेंदुआ, हिमालयी काला भालू, लाल लोमड़ी, कस्तूरी मृग जैसे दुर्लभ जानवर देखे जा सकते हैं।
- यह उद्यान हिमालयी मोनाल, ट्रैगोपन, गिद्ध जैसे पक्षियों की उपस्थिति के कारण पक्षी प्रेमियों के बीच भी प्रसिद्ध है।
- दाचीगाम की प्राकृतिक सुंदरता – घने जंगल, पर्वतीय इलाके, और जल स्रोत – इसे पर्यटन और वन्यजीव संरक्षण दोनों के लिए चर्चित बनाते हैं।
- यह जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है।
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास
- पूर्व काल में, दाचीगाम क्षेत्र कश्मीर के महाराजा का विशेष शिकारगाह हुआ करता था।
- 1910 में इसे एक संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया, जिसका उद्देश्य था श्रीनगर शहर को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
- भारत में जम्मू-कश्मीर के विलय के बाद, इस क्षेत्र की जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर की राज्य सरकार को सौंप दी गई।
- आरंभिक वर्षों में दाचीगाम की देखरेख विभिन्न विभागों जैसे —
- मत्स्य विभाग
- तवाजा मनोरंजन विभाग
- वन विभाग
द्वारा की जाती रही।
- मत्स्य विभाग
- 1951 में, इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया।
- 1981 में, इसे राष्ट्रीय उद्यान (National Park) का दर्जा प्रदान किया गया।
- महाराजा ने यहाँ ओक और हॉर्स चेस्टनट जैसे वृक्षों की प्रजातियाँ रोपी थीं, जिन्हें जंगली जानवर पसंद करते थे।
- प्रारंभ में इस क्षेत्र में जंगली सूअर भी लाए गए थे, लेकिन अब वे पूरी तरह विलुप्त हो चुके हैं।
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में वनस्पति और जीव
दाचीगाम नेशनल पार्क (Dachigam Rashtriya Udyan) में वनस्पति और जीवों की कई प्रजातियां देखने को मिलती है जोकि निम्न प्रकार से है:
प्रमुख वृक्ष:
- देवदार
- चीड़
- बर्च
- मेपल
- ओक
प्रमुख पशु:
- हांगुल – सबसे प्रसिद्ध और दुर्लभ हिरण प्रजाति।
- हिमालयी काला भालू
- तेंदुआ
- हिम तेंदुआ- बहुत दुर्लभ।
- लाल लोमड़ी
- जंगली बिल्ली
पक्षी प्रजातियाँ:
- हिमालयी मोनाल
- ट्रैगोपान
- ब्लड फेजेंट
- गोल्डन ईगल
- उल्लू, गिद्ध और अन्य पर्वतीय पक्षी
दाचीगाम नेशनल पार्क के प्रमुख आकर्षण क्या हैं?
दाचीगाम नेशनल पार्क, जम्मू और कश्मीर में स्थित एक अद्भुत वन्यजीव स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, दुर्लभ प्रजातियों और विविध जलवायु के लिए प्रसिद्ध है। इसके प्रमुख आकर्षण निम्नलिखित हैं:
- हांगुल का प्राकृतिक आवास: दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान का सबसे बड़ा आकर्षण हांगुल है, जिसे कश्मीरी स्टैग भी कहा जाता है। यह विलुप्तप्राय हिरण की एक दुर्लभ प्रजाति है, जिसका संरक्षण यहीं किया जाता है।
- प्राकृतिक सुंदरता: बर्फ से ढके पहाड़, घने जंगल, नदी की कल-कल ध्वनि और हरे-भरे घास के मैदान इस उद्यान को अत्यंत मनमोहक बनाते हैं।
- विविध वन्यजीवन: उद्यान में हिम तेंदुआ, तेंदुआ, काला भालू, लाल लोमड़ी, जंगली बिल्ली जैसे दुर्लभ और आकर्षक वन्यजीव देखने को मिलते हैं।
- पक्षियों की विविधता: हिमालयी मोनाल, ब्लड फेज़ेंट, ट्रैगोपान जैसे रंग-बिरंगे पर्वतीय पक्षी पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं।
- ऊँचाई में विविधता: यह राष्ट्रीय उद्यान 1700 मीटर से लेकर 4300 मीटर तक की ऊँचाई में फैला हुआ है, जिसके कारण यहाँ की वनस्पति और जलवायु में विशेष विविधता देखने को मिलती है।
- औषधीय वनस्पतियाँ: यहाँ कई औषधीय पौधे पाए जाते हैं, जिनका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में किया जाता है।
- प्राकृतिक जलस्रोत: झेलम नदी की सहायक धाराएँ और झीलें यहाँ के आकर्षण को और भी बढ़ा देती हैं। ये जलस्रोत न केवल दृश्य रूप से आकर्षक हैं बल्कि पारिस्थितिकी दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।
- प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग: ट्रेकिंग, बर्ड वॉचिंग और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान एक आदर्श गंतव्य है।
FAQs
दाचीगाम नेशनल पार्क हंगुल या कश्मीरी हिरण के लिए प्रसिद्ध है। यह उद्यान हंगुल या कश्मीरी हिरण के घर के रूप में जाना जाता है। दाचीगाम की स्थापना शुरू में श्रीनगर शहर को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए की गई थी। 1910 से संरक्षित क्षेत्र, इसे 1981 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में मुख्य रूप से हांगुल (कश्मीरी स्टैग) पाया जाता है, जो एक दुर्लभ और विलुप्तप्राय हिरण है। इसके अलावा तेंदुआ और काला भालू भी मिलते हैं।
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान कश्मीर के श्रीनगर जिले में श्रीनगर शहर से 22 किलोमीटर (14 मील) दूर डल झील के पूर्वी किनारे पर स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह लगभग 141 वर्ग किलोमीटर (54 वर्ग मील) के क्षेत्र में फैला हुआ है।
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के पास झेलम नदी (Jhelum River) बहती है। यह नदी कश्मीर घाटी की प्रमुख नदी है और उद्यान के पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पार्क के अंदरूनी हिस्से में मार्सर झील है, जहाँ से दगवान नदी बहती है। यह नदी निचले क्षेत्र तक और उसके पार बहती है।
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में हांगुल (कश्मीरी स्टैग) नामक दुर्लभ हिरण को विशेष रूप से संरक्षित किया गया है।
दाचीगाम नेशनल पार्क की वनस्पति में देवदार, चीड़, बर्च, मेपल और ओक जैसे वृक्ष शामिल हैं। यहाँ घास के मैदान, झाड़ियाँ और औषधीय पौधे भी पाए जाते हैं।
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान पक्षी प्रेमियों के लिए भी स्वर्ग है और यह अनेक पक्षी प्रजातियों का घर है, जैसे दालचीनी गौरैया, काली बुलबुल, हिमालयन मोनाल, गोल्डन ओरियोल और कई अन्य।
दाचीगाम नेशनल पार्क पश्चिमी हिमालय की ज़बरवान रेंज में स्थित है, जो श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर से लगभग 22 किमी दूर है।
जम्मू और कश्मीर में स्थित दाचीगाम नेशनल पार्क हंगुल हिरणों की आबादी के लिए जाना जाता है, लेकिन यह हिम तेंदुओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण निवास स्थान है।
दाचीगाम जम्मू और कश्मीर में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह बायोस्फीयर रिजर्व नहीं है।
संबंधित आर्टिकल
- कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान
- केवलादेव नेशनल पार्क
- मानस राष्ट्रीय उद्यान
- सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान
- द ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क
उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान (Dachigam Rashtriya Udyan) की जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC से जुड़े ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।