Chaturbhuj Ke Prakar: प्रिय विद्यार्थियों चतुर्भुज (Quadrilateral) एक चार भुजाओं वाली आकृति होती है। इसकी चार भुजाएँ, चार कोण और चार शिखर होते हैं। बता दें कि चतुर्भुज कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने गुण और विशेषताएँ होती हैं। सभी अलग-अलग प्रकार के चतुर्भुजों के आकार और गुण बहुत अलग होते हैं जो हमें इन चतुर्भुजों को पहचानने में मदद करते हैं। वहीं किसी भी साधारण (और समतलीय) चतुर्भुज के आंतरिक कोणों का योग हमेशा 360° होता है।
इन विभिन्न प्रकार के चतुर्भुजों को समझने से हमें ज्यामिति के मूल सिद्धांतों को समझने में मदद मिलती है। इसके साथ ही हमें त्रिकोणमिति और कैलकुलस जैसे गणित के एडवांस्ड टॉपिक्स को समझने में आसानी होती है। इस लेख में विद्यार्थियों के लिए चतुर्भुज के प्रकार और परिभाषा (Chaturbhuj Ke Prakar, Quadrilateral in Hindi) की विस्तृत जानकारी दी गई है।
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चतुर्भुज की परिभाषा – Quadrilateral in Hindi
एक चतुर्भुज एक बहुभुज होता है जिसमें चार भुजाएँ, चार शिखर और चार कोण होते हैं। यह चार सीधी रेखाओं से बनी एक बंद आकृति होती है। किसी भी साधारण चतुर्भुज के अंदरूनी कोणों का योग हमेशा 360° होता है। आसान भाषा में कहें तो चार रेखाखंडों से मिलकर बनी हुई बंद आकृति को चतुर्भुज (Quadrilateral) कहते हैं।
चतुर्भुज के प्रकार – Chaturbhuj Ke Prakar
प्रिय विद्यार्थियों चतुर्भुज के मुख्यतः छह प्रकार होते हैं, जिनके बारे में नीचे दिए गए बिंदुओं में बताया गया हैं:-
1. समलंब (Trapezoid) – यह एक ऐसा चतुर्भुज होता है जिसमें सम्मुख भुजाओं की एक जोड़ी समांतर होती है।
2. समांतर चतुर्भुज (Parallelogram) – समांतर चतुर्भुज एक विशेष प्रकार का चतुर्भुज है जिसकी सम्मुख भुजाएँ बराबर एवं समांतर होती हैं।
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/ \ समांतर चतुर्भुज
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3. आयत (Rectangle) – आयत एक चतुर्भुज है जिसमें बराबर और समानांतर भुजाओं के दो जोड़े होते हैं, जिनके सभी आंतरिक कोण समकोण होते हैं, यानी 90°।
4. समचतुर्भुज (Rhombus) – एक चतुर्भुज जिसकी सभी भुजाएँ बराबर और सम्मुख भुजाएँ समांतर हों, समचतुर्भुज कहलाता है।
5. वर्ग (Square) – एक चतुर्भुज जिसकी सभी भुजाएँ बराबर और सम्मुख भुजाएँ समांतर हों तथा सभी आंतरिक कोण 90° के बराबर हों, वर्ग कहलाता है।
6. पतंग (Kite) – पतंग एक चतुर्भुज है जिसमें आसन्न भुजाओं के दो जोड़े होते हैं जो लंबाई में बराबर होते हैं।
विभिन्न प्रकार के चतुर्भुजों के गुण
विभिन्न प्रकार के चतुर्भुजों के गुण निम्नलिखित हैं;-
- समलंब – समलंब एक ऐसा चतुर्भुज होता है जिसमें भुजाओं का एक युग्म समांतर होता है।
- पतंग – यह विशिष्ट प्रकार का एक चतुर्भुज है। प्रत्येक आकृति में एक जैसे चिन्ह बराबर भुजाओं को दर्शाते हैं। इसके विकर्ण एक-दूसरे पर लंब होते हैं। एक विकर्ण दूसरे विकर्ण को समद्विभाजित करता है। उदाहरण AB=AD और BC=CD
- समांतर चतुर्भुज – समांतर चतुर्भुज एक चतुर्भुज ही है। इसका संबंध समांतर रेखाओं से है। बता दें कि एक समांतर चतुर्भुज में चार भुजाएँ और चार कोण होते हैं। इनमें से कुछ बराबर माप के होते हैं। इसके सम्मुख कोण बराबर होते हैं। इसमें एक विकर्ण दूसरे विकर्ण को समद्विभाजित करते हैं।
- समचतुर्भुज – यह एक ऐसा चतुर्भुज होता है जिसकी सभी भुजाएँ बराबर माप की होती हैं। इसमें समांतर चतुर्भुज के सभी गुण होते हैं। इसके विकर्ण परस्पर लंब समद्विभाजित होते हैं।
- आयत – यह एक ऐसा समांतर चतुर्भुज होता है जिसमें प्रत्येक कोण समकोण होता है। इसमें समांतर चतुर्भुज के सभी गुण होते हैं। इसके विकर्ण बराबर माप के होते हैं।
- वर्ग – यह एक ऐसा आयत होता है जिसकी सभी भुजाएं बराबर होती हैं। इसमें समांतर चतुर्भुज, समचतुर्भुज तथा आयत सभी के गुण होते हैं।
विभिन्न प्रकार के चतुर्भुजों की विशेषताएँ
नीचे दी गई टेबल में विभिन्न चतुर्भुजों की विशेषताएँ (Chaturbhuj Ke Prakar) बताई गई हैं:-
चतुर्भुज के प्रकार | भुजाएँ | कोण | विकर्ण | सममिति |
समलंब | समांतर भुजाओं की एक जोड़ी होती है। | केवल प्रत्येक असमांतर भुजा के समीपवर्ती कोण ही संपूरक होते हैं। | विकर्ण सामान्यतः बराबर नहीं होते हैं और एक दूसरे को 90° पर समद्विभाजित नहीं करते हैं। | कुछ समद्विबाहु होने पर एक सममित रेखा होती है; कोई घूर्णन सममिति नहीं होती। |
पतंग | आसन्न भुजाओं के दो जोड़े बराबर होते हैं। | बराबर विपरीत कोणों का एक जोड़ होता है। | एक विकर्ण दूसरे को समद्विभाजित करता है; विकर्ण लंबवत होते हैं। | विकर्ण से होकर गुजरने वाली एक सममिति रेखा; कोई घूर्णन सममिति नहीं होती। |
समांतर चतुर्भुज | विपरीत भुजाएँ बराबर होती है। | विपरीत कोण बराबर होते हैं। | विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं लेकिन बराबर नहीं होते। | कोई रेखा सममिति नहीं; 180° की घूर्णन सममिति होती है। |
समचतुर्भुज | चारों भुजाएँ बराबर होती है। | विपरीत कोण बराबर होते हैं। | विकर्ण एक दूसरे को 90° पर समद्विभाजित करते हैं तथा बराबर नहीं होते। | सममिति की दो रेखाएँ; 90° पर कोई घूर्णन सममिति नहीं होती। (केवल 180°) |
आयत | विपरीत भुजाएँ बराबर होती है। | सभी कोण 90° के होते हैं। | विकर्ण बराबर होते हैं लेकिन एक दूसरे को 90° पर समद्विभाजित नहीं करते। | सममिति की दो रेखाएँ; 180° की घूर्णन सममिति में होती हैं। |
वर्ग | चारों भुजाएँ बराबर होती है। | सभी कोण 90° के होते हैं। | विकर्ण बराबर होते हैं और एक दूसरे को 90° पर समद्विभाजित करते हैं। | सममिति की चार रेखाएँ; 90° की घूर्णन सममिति में होती हैं। |
FAQs
चतुर्भुज मुख्यतः छह प्रकार के होते हैं; समलंब, पतंग, समांतर चतुर्भुज, समचतुर्भुज, आयत और वर्ग।
समचतुर्भुज वह चतुर्भुज होता है जिसकी सभी भुजाएँ बराबर होती हैं और विपरीत कोण आपस में बराबर होते हैं।
वर्ग में सभी भुजाएँ बराबर होती हैं जबकि आयत में केवल विपरीत भुजाएँ बराबर होती हैं। दोनों में सभी कोण 90° होते हैं।
चार सरल रेखाओं से घिरी बंद आकृति को चतुर्भुज (Quadrilateral) कहते हैं।
चतुर्भुज में कुल 4 कोण होते हैं।
जिसमें दो-दो आस-पास की भुजाएँ बराबर होती हैं और एक विकर्ण दूसरे को समकोण पर काटता है, उसे पतंग कहते हैं।
चतुर्भुज के सभी कोणों का योगफल 360° होता है।
ट्रैपेज़ियम (Trapezium) एक चतुर्भुज होता है जिसमें सम्मुख भुजाओं का कम से कम एक युग्म समानांतर होता है।
आशा है कि आपको इस लेख में चतुर्भुज के प्रकार और परिभाषा (Chaturbhuj Ke Prakar, Quadrilateral in Hindi) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही सामान्य ज्ञान से संबंधित अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।