पॉलिटेक्निक कोर्स क्या है, बेस्ट कॉलेज, जॉब और सैलरी

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पॉलिटेक्निक कोर्स

पॉलिटेक्निक कोर्स की माँग बहुत तेजी से स्टूड़ेट्स के बीच बढ़ी है। इसका मुख्य कारण करियर ओरिएंटेड के साथ कम समय में स्टूड़ेट्स अपने पसंंद के विषय में इसको कर पाते है। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उस विशेष क्षेत्र में प्रैक्टिकल स्किल्स प्रदान करना होता है, जिसकी जरूरत नौकरी में होती है। इसके अलावा इन कार्यक्रमों का अनिवार्य फोकस थ्योरेटिकल पढ़ाई से शुरू करते हुए उस ज्ञान का इस्तेमाल प्रैक्टिकल एप्लीकेशन में करने का होता है, ताकि इंडस्ट्री की मांग के अनुसार ग्रेजुएट्स तैयार किये जा सकें। इस ब्लॉग के जरिए हम दुनिया भर में मौजूद विभिन्न पॉलिटेक्निक कोर्स के बारे में और विशेष स्पेशलाइस्ड नॉलेज के बारे में जानेंगे जो छात्रों को अपनी पसंद के विषय में अपार एक्सपोज़र पाने में सहायता प्रदान करते हैं।

This Blog Includes:
  1. पॉलिटेक्निक कोर्स क्या होते हैं?
  2. पॉलिटेक्निक कोर्स क्यों करें?
  3. पॉलिटेक्निक और बी.टेक में क्या अंतर है?
  4. पॉलिटेक्निक कोर्स के कितने प्रकार होते हैं?
  5. पॉलिटेक्निक कोर्स की सम्पूर्ण लिस्ट
    1. डिप्लोमा इन कंप्यूटर प्रोग्रामिंग
    2. मार्केटिंग मैनेजमेंट में ग्रेजुएट सर्टिफिकेट
    3. डिप्लोमा इन पेट्रोलियम इंजीनियरिंग
    4. डिप्लोमा इन बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन
    5. डिप्लोमा इन एस्टेट मैनेजमेंट
    6. डिप्लोमा इन एनीमेशन आर्ट एंड डिज़ाइन
    7. डिप्लोमा इन हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट
    8. डिप्लोमा ऑफ़ एकाउंटिंग
    9. डिप्लोमा ऑफ़ अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन
  6. विदेश में पॉलिटेक्निक की टॉप यूनिवर्सिटीज
  7. भारत में पॉलिटेक्निक कोर्सेज के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज
  8. पॉलिटेक्निक कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए योग्यता
  9. पॉलिटेक्निक कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया
  10. पॉलिटेक्निक कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट
  11. पॉलिटेक्निक करने के बाद जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी
  12. FAQ

पॉलिटेक्निक कोर्स क्या होते हैं?

पॉलिटेक्निक, एक टेक्निकल कोर्स है जो डिप्लोमा कोर्स होता है। यह एक काफी पॉपुलर कोर्स है जिसे 10th या 12th पास करने के बाद में कर सकते हैं। पॉलिटेक्निक का मतलब ही होता है इंजीनियरिंग मे डिप्लोमा (Diploma in Engineering) होता है। इस कोर्स के अंतर्गत कई ब्रांच की पढ़ाई कराई जाती है। यह जूनियर लेवल इंजीनियर को तैयार करने का एक तरीका है। बीटेक करने वाले लोग डिग्री हासिल करते हैं वही पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा की पढ़ाई करने वाले छात्रों को डिप्लोमा का सर्टिफिकेट दिया जाता है। जिसके बाद उन्हें जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त करके नौकरी दी जाती है।

पॉलिटेक्निक कोर्स क्यों करें?

पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा करने के वैसे तो स्टूड़ेट्स को कई फायदे होते है जो आगे चलकर उनके करियर में उनको काफी मदद भी करते हैंं। ऐसे ही कुछ लाभ नीचे दिए गए हैं।

  • इसे करने के बाद आपको एक टेक्निकल सर्टिफिकेट हासिल होता है।
  • पॉलिटेक्निक के आधार पर आपको तुरंत जॉब भी मिल जाती है।
  • इसके बाद आप जूनियर इंजीनियर बन जाते हैं और जूनियर इंजीनियर के पद के लिए अप्लाई कर सकते हैं इसके अलावा, लोको पायलट टेक्निकल असिस्टेंट, और बहुत सारे सरकारी पदों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
  • यह इंटरमीडिएट के बराबर की मान्यता प्राप्त होता है।
  • अगर आप डिप्लोमा की पढ़ाई अच्छे ढंग से करते हैं, तो आपकी समझदारी इंटरमीडिएट किए हुए छात्र से ज्यादा होती है और इसके अलावा ज्ञान भी ज्यादा होता है।
  • साधारण रूप से इंटरमीडिएट करने वाले छात्र जिस सरकारी जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं उसी जॉब के लिए डिप्लोमा छात्र अप्लाई कर सकते हैं।
  • बीटेक करने के लिए जाते हैं तब से सीधे सेकंड ईयर में एडमिशन मिल जाता है।
  • इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कामयाब होने के लिए एक सही रास्ता है।
  • जब आप डिप्लोमा करके इंजीनियरिंग करने के लिए जाते हैं तो आपको काफी आसान होता है।

पॉलिटेक्निक और बी.टेक में क्या अंतर है?

आपको पॉलिटेक्निक और बी.टेक के बीच के अंतर को जरूर जान लेना चाहिए, क्योंकि इसी के आधार पर आप पॉलिटेक्निक कोर्स और बी.टेक के बारे में जान पाएंगे। साथ ही इसी के आधार पर आप अपने लिए करियर के बेहतर विकल्पों को चुन सकते हैं। पॉलिटेक्निक और बी.टेक के बीच के अंतर को निम्नलिखित बिंदुओं से समझ सकते हैं-

  • पॉलिटेक्निक और बी.टेक के बीच एक मूल अंतर यह है कि पॉलिटेक्निक एक डिप्लोमा कोर्स है, जबकि बी.टेक एक डिग्री कोर्स है।
  • पॉलिटेक्निक कोर्स आम तौर पर केवल तीन साल के लिए होता हैं, जबकि बी.टेक का डिग्री प्रोग्राम चार साल का होता है।
  • शुल्क संरचना यानि कि फी स्ट्रक्चर के रूप में देखा जाए तो पॉलिटेक्निक कोर्स की तुलना में बी.टेक एक उच्च शुल्क वाला यानि कि हाई फी स्ट्रक्चर वाला प्रोग्राम है।

पॉलिटेक्निक कोर्स के कितने प्रकार होते हैं?

भारत में, पॉलिटेक्निक कॉलेजों को नौकरी उन्मुख डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए जाना जाता है। इन डिप्लोमा कोर्स को दो प्रकारों में बांटा गया है:

  • तकनीकी डिप्लोमा प्रोग्राम (डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग)
  • गैर-तकनीकी डिप्लोमा प्रोग्राम

पॉलिटेक्निक कोर्स की सम्पूर्ण लिस्ट

दुनियाभर के विश्वविद्यालयों और संस्थानों में पढ़ाए जाने वाले कुछ पॉलिटेक्निक कोर्स  की सूची निम्नलिखित हैं। इस सूची में हमने उन विभिन्न कोर्सेज को शामिल किया है, जो शॉर्ट टर्म एजुकेशनल प्रोग्राम करने वालों के बीच लोकप्रिय है।

डिप्लोमा इन कंप्यूटर प्रोग्रामिंग

ये 2 वर्षीय डिप्लोमा प्रोग्राम कुछ कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज पर फोकस करता है जो कम्प्यूटेशनल डिवाइस में ऑपरेटिंग सिस्टम और कुछ एप्लीकेशन के सुचारू रूप से चलने में मदद करता है। ये कोर्स java, C#, .NET, Oracle और SQL जैसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का ज्ञान और मोबाइल तथा कंप्यूटर उपकरणों में हाल में हुई तकनीकी प्रगति पर विशेष जोड़ देते हुए छात्रों को सिखाता है।

मार्केटिंग मैनेजमेंट में ग्रेजुएट सर्टिफिकेट

ये 1 वर्षीय स्नातक प्रमाणपत्र प्रोग्राम है जिसे उन छात्रों के लिए बनाया गया है, जो मार्केटिंग की दुनिया में गहराई तक उतरना चाहते हैं। इसका उदेश्य छात्रों को डिजिटल मार्केटिंग में विशेषज्ञता हासिल करवाना है, जो आजकल हर बिज़नस की प्रमुख ज़रुरत बन गई है। प्रोग्राम में एसईओ (SEO), मार्केटिंग एनालिसिस और सोशल मीडिया मार्केटिंग के टूल्स और टेकनीक की सूक्ष्म दृष्टि देता है।

डिप्लोमा इन पेट्रोलियम इंजीनियरिंग

ये एक 2 वर्षीय अंडरग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम है जिसे पेट्रोलियम इंडस्ट्री में करियर बनाने की चाह रखने वालों के लिए बनाया गया है। इस कोर्स को करने के बाद आप विभिन्न ड्रिपिंग टेकनीक, तेल और गैस के प्रभावी उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा के बारे में जानेंगे। ये पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में स्पेशलाइज्ड कोर्स में से एक है, इसमें छात्रों को इस क्षेत्र के वास्तविक पहलुओं को समझने में मदद करने के लिए इंटर्नशिप और अपरेंटिसशिप जैसे इंडस्ट्री ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शामिल हैं।

डिप्लोमा इन बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन

जो उभरते हुए उद्यमिता के क्षेत्र को पढ़ना चाहते हैं, ये उनके लिए बनी टॉप पॉलिटेक्निक कोर्सेज में शामिल है, ये 2 वर्षीय डिप्लोमा प्रोग्राम छात्रों को बिज़नस के डायनामिक्स के बारे में गहरी समझ देता है। आप बिज़नस की दुनिया के बारे में एक उद्यमी के नजरिये से जानेंगे और ये प्रोग्राम आपको अपने स्टार्टअप को सफल बनाने में जो अपेक्षित स्किल की जरूरत होती है, उससे लैस करेगा।

डिप्लोमा इन एस्टेट मैनेजमेंट

अगर आप मैनेजमेंट में स्पेशलाइज्ड पॉलिटेक्निक कोर्स (Polytechnic courses)  ढूँढ रहे हैं तो आपको एस्टेट मैनेजमेंट में 3 वर्षीय डिप्लोमा प्रोग्राम को जरूर आजमाना चाहिए।कोर्स में रियल स्टेट इंडस्ट्री के लीगल, फाइनेंसियल, मैनेजरियल और टेक्निकल नॉलेज को एक साथ बताया गया है। अगर आपका सुझाव रियल स्टेट की तरफ होता है तो इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप रियल स्टेट मैनेजमेंट के स्नातक की डिग्री के द्वितीय वर्ष में प्रवेश पाने के योग्य हो जाएंगे। 

डिप्लोमा इन एनीमेशन आर्ट एंड डिज़ाइन

वो जो एनीमेशन और ग्राफ़िक्स की दुनिया के दीवाने हैं, उनके लिए विजुअल आर्ट्स के स्पेशलाइस्ड क्षेत्र में अनेकों पॉलिटेक्निक कोर्स  मौजूद हैं। एनिमेशन आर्ट एंड डिज़ाइन में डिप्लोमा एक ऐसा प्रोग्राम है जो 7 तिमाहियों तक चलता है। छात्रों को ग्राफ़िक डिजाईन, डिजिटल आर्ट्स और इमेजिंग, 2D और 3D एनीमेशन और वेक्टर एनीमेशन सिखाने के लिए इस कोर्स को डिजाईन किया गया है। ये कोर्स व्यक्तियों को गेमिंग, फिल्म्स, ग्राफ़िक डिजाईन और विज्ञापन जैसे करियर क्षेत्रों में काम करने के लिए तैयार करता है। 

डिप्लोमा इन हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट

ये एक 18 महीने का कोर्स है जो हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में मैनेजरियल करियर बनाने के लिए जरूरी स्किल्स छात्रों को सिखाता है। छात्रों को, होटल मैनेजमेंट के सामान्य पहलुओं से लेकर बजट के खर्चों से निपटने के लिए जरूरी ज्ञान और ग्राहकों को कैसे संभाला जाता है, इन सबकी सूक्ष्म जानकारी देना, इस कोर्स में हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट की बहुमुखी विशेषताओं को शामिल किया गया है। 

डिप्लोमा ऑफ़ एकाउंटिंग

सर्वाधिक माँग वाले पॉलिटेक्निक कोर्सेज में से एक, डिप्लोमा इन अकाउंटिंग 6 महीने का कोर्स है, जिसमें बुक कीपिंग और रिकॉर्ड कीपिंग के बारे में पढ़ाया जाता है। ये प्रोग्राम वित्तीय खातों (financial accounts) के विश्लेषण, निगरानी और रिपोर्टिंग में सूक्ष्म दृष्टि देता है, इस डिप्लोमा को सफलतापूर्वक पूरा कर लेने पर आप फर्म्स और संगठनों में एक असिस्टेंट अकाउंटेंट के प्रोफाइल के लिए आवेदन कर सकते है। 

डिप्लोमा ऑफ़ अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन

ये 18 महीने का डिप्लोमा एलेमेंट्री और प्राथमिक स्कूलों में शैक्षणिक प्रोग्राम की योजना बनाने और संचालन से जुड़े स्किल्स से छात्रों को लैस करता है। इस कोर्स (Polytechnic courses) का सिलेबस समान्यतः प्रारंभिक वर्षों के सीखने के फ्रेमवर्क को फॉलो करता है, जो नये शिक्षकों को प्रभावी प्रारंभिक शिक्षण का ज्ञान प्रदान करने और सीखने की प्रक्रिया को मजेदार अनुभव बनाने के लिए इस एडवांस्ड प्रैक्टिकल मेथड्स को डिज़ाइन किया गया है।

विदेश में पॉलिटेक्निक की टॉप यूनिवर्सिटीज

दुनिया में पॉलिटेक्निक की टॉप यूनिवर्सिटीज जहाँ से आप अपने पसंद का डिप्लोमा कर सकते हैं। नीचे डिप्लोमा कोर्स के साथ कॉलेज की लिस्ट गई है।

भारत में पॉलिटेक्निक कोर्सेज के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज

भारत में वैसे तो कई सारे कॉलेज और इंस्टिट्यूट पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा करवाते हैं। लेकिन नीचे दी गई लिस्ट में पॉलिटेक्निक के बेस्ट कॉलेज दिए गए है।

  • गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, मुंबई
  • एस एच जोंधले पॉलिटेक्निक, ठाणे
  • वी.पी.एम. पॉलिटेक्निक, ठाणे
  • विवेकानंद एजुकेशन सोसाइटी पॉलिटेक्निक, मुंबई
  • आदेश पॉलिटेक्निक कॉलेज, मुक्तसर
  • अंजुमन पॉलिटेक्निक, नागपुर
  • एग्नेल पॉलिटेक्निक, नवी मुंबई
  • छोटू राम पॉलिटेक्निक, रोहतक
  • अधिपरशक्ति पॉलिटेक्निक कॉलेज, कांचीपुरम
  • एमईआई पॉलिटेक्निक, बंगलुरु

पॉलिटेक्निक कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए योग्यता

यदि आप इस क्षेत्र में सर्टिफिकेट प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो आपको अपने चुने हुए विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा। पॉलीटेक्निक कोर्सेज के लिए कुछ सामान्य पात्रता इस प्रकार हैं–

  • 10वीं के बाद पॉलीटेक्निक कोर्स करने के लिए उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं प्रथम श्रेणी से पास किया हो।
  • 12वीं के बाद पॉलीटेक्निक कोर्स (Polytechnic courses) करने के लिए उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित) से 12वीं प्रथम श्रेणी से पास किया हो।
  • विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज बैचलर्स के लिए SAT और मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
  • विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं। जिसमे IELTS स्कोर 7 या उससे अधिक और TOEFL स्कोर 100 या उससे अधिक होना चाहिए।
  • विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की जरूरत होती है।

पॉलिटेक्निक कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–

  1. सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  2. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  3. फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  4. अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  5. इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  6. यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

पॉलिटेक्निक कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

पॉलिटेक्निक करने के बाद जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी

पॉलिटेक्निक (Polytechnic courses) करने के बाद भारत में प्रोफेशनल्स की शुरुआती सैलरी लगभग Rs. 10,000 से Rs. 20,000 के बीच होती है। अगर आप कोर्स के दौरान बेहतरीन परफॉर्म करते हैं, तो कैंपस इंटरव्यू में ही आपको नौकरी के कई अच्छे ऑफर मिल सकते हैं। इसके अलावा आपके एक्सपीरियस के बाद भी आपकी सैलरी भी उसी तरह से बढ़ते रहती है।

FAQ

पॉलिटेक्निक में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा होता है?

पॉलिटेक्निक के सबसे बेहतरीन कोर्स
-डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग
-डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग
-डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
-डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग
-डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
-डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
-डिप्लोमा इन बायोटेक्नोलॉजी

12वीं के बाद पॉलिटेक्निक कोर्स कितने साल?

12वीं के बाद पॉलिटेक्निक कोर्स 4 साल का है।

10वीं के बाद पॉलिटेक्निक कोर्स कितने साल?

10वीं के बाद पॉलिटेक्निक कोर्स 3 साल का है।

पॉलिटेक्निक करने के बाद कितनी सैलरी मिलती है?

पॉलिटेक्निक की शुरुआती सैलरी लगभग Rs. 10,000 से Rs. 20,000 के बीच होती है।

उम्मीद करते हैं कि हमारे ब्लॉग पॉलिटेक्निक कोर्स के बारे में आपको इससे जुड़ी तमाम जानकारी मिली होगी। कोर्सेज से संबंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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